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कृष्णपुर

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कृष्णपुर (वर्तमान शिकोहाबाद) की स्थापना द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण यादव ने की थी । पहले इस स्थान पर निर्जन वन था । श्री कृष्ण और जरासंध के बीच सभी युद्ध इसी जगह हुये थे । भगवान श्री कृष्ण ने इस स्थान पर चौमुखी मंदिर की स्थापना की थी।

इसके बाद जब राजा परीक्षित यादव की मौत का बदला लेने के लिये उनके पुत्र राजा जनमेजय यादव ने सर्पों को भस्म करने के लिये पाढ़म में यज्ञ का आयोजन किया तथा यज्ञ के लिये 121,000 ऋषियों को आमंत्रित किया था । ऋषियों के रहने व ठहरने का इंतजाम चौमुखी मंदिर के आस पास किया गया । यहाँ आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करके एक नगर का रूप दे दिया गया तथा कालान्तर में इस स्थान पर बस्ती बस गयी और कृष्ण से सम्बंधित होने के कारण ही इस स्थान का नाम कृष्णपुर रखा गया ।

मुगल शासक मोहम्मद गोरी ने कृष्णपुर पर आक्रमण कर चौमुखी मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया किन्तु मंदिर में विराजमान शिवलिंग को छू भी नहीं सका। मोहम्मद गौरी ने ही कृष्णपुर का नाम बदलकर मोहम्मदाबाद कर दिया। इसके बाद जब औरंगजेब से परेशान उसका भाई दारा शिकोह कृष्णपुर/मोहम्दाबाद में छुपकर रहा था तो इसी दौरान दारा शिकोह की हत्या कर दी गयी उसकी याद में मोहम्दाबाद से शिकोहाबाद कर दिया गया। ©Vishnu Yadav


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