गोल्डबैक का अनुमान का प्रमाण
(Goldbach's conjecture)[सम्पादन]
गोल्डबैक का अनुमान (Goldbach's conjecture) गणित एवं संख्या सिद्धान्त की सबसे पुरानी अनसुलझी समस्याओं में से एक है। इसके अनुसार,
" 2 से बड़ी सभी सम संख्याओं को दो अभाज्य संख्याओं के योग के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
उदाहरण
4 = 2 + 2
6 = 3 + 3
8 = 3 + 5
10 = 3 + 7 = 5 + 5
12 = 5 + 7
14 = 3 + 11 = 7 + 7
मान के चलिए हम 6 को लेते है इसे 3 +3 लिख सकते हैं।
3 एक अभाज्य संख्या है।
KSTC SOLUTION OF GOLDBACH’S CONJECTURE[सम्पादन]
{खेमेन्द्र सिंह जाट के अनुसार }
“सभी अभाज्य संख्याए विषम संख्या होती हैं तथा प्रत्येक विसम संख्या से पहले या बाद में एक सम संख्या आती है (केवल 2 को छोड़ कर के)”
चलिए अब इसका प्रूफ पता करते हैं
सर्वप्रथम हम भाज्य संख्या n व् ,m मानते हैं।
n व्, mके गुणधर्म प्रकार हैं -
यह एक भाज्य संख्या है।
यह एक सम संख्या है।
इसके पहले वाली संख्या अभाज्य संख्या k व्, s है। k=n-1 ,s=m-1
ऐसा होगा भी क्योकि प्रत्येक अभाज्य संख्या से पहले या बाद में कोई भाज्य संख्या होती ही है (केवल 2 को छोड़ कर के)
k, s के गुणधर्म प्रकार हैं -
यह एक अभाज्य संख्या है।
यह एक विषम संख्या है
c जो एक और सम संख्या है।
जिनमे सम्बन्ध
c = k + s जहा स c व् k,s गुणधर्म उपरोक्त लिखे है
(k =n-1) (s=m-1) उपरोक्त गुणधर्म में दिया है
c =(n-1)+(m-1)
c =m+n-2
n व्, mके गुणधर्म प्रकार हैं -
यह एक भाज्य संख्या है।
यह एक सम संख्या है।
दो भाज्य, सम सख्याओ का योग सम ही आएगा व् इनमे से २2घटाने पर भी सम संख्या ही आएगी अतः दो अभाज्य सख्याओ का योग सम ही आएगा
c=10 | ||
k=7 | ||
s=3 | ||
माना की के c,k,s,n,m मानों की ये एक सारणी है
तो के मान होंगे n=8 ,m=4
कभी गलत सिद्ध हो सकता है
हाँ , यदि ऐसी संख्या खोज ली जावे जिसके बाद वाली संख्या अभाज्य हो तो ये गलत सिद्ध हो जायगा . हालाँकि 2व 3 ऐसी संख्या उपस्तिथ है इसी कारन इन्हे इस से अलग रखा गया हैl
If k=2, s=3 then C WILL NOT सम
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- ↑ SINGH JAT, KHMENDRA (MAY 2021). "Proof of Goldbach conjecture". KSTC SOLUTION OF GOLDBACH'S COJECTURE: 5. https://khemendrasmaths.blogspot.com/2021/05/goldbachs-conjecture-kstc-solution.html.