जयमल मेरतिया
जयमल मेड़तिया - वीरमदेव के पुत्र जयमल बड़े वीर थे । इनके दादाजी दूदा राठौड़ थे जो बहुत ही वीर ओर कृष्ण भक्त थे । इनका जन्म 17 सिप्तम्बर 1507 इ.स.1544 ( विक्रमी 1600) में मेड़ता के स्वामी बने, राव जयमल (1507-1568) मेड़ता के शासक थे। वो मीरा के भाई थे उनके पिता राव वीरमदेव के निधन के बाद वो मेड़ता के राजा बने। मालदेवजी जोधपुर ने मेड़ता पर आक्रमण किया परन्तु उन्हें पराजीत होना पड़ा । मालदेव मेड़ता छीनना चाहते थे उन्हें फिर इ.1557 में मेड़ता पर आक्रमण किया और मेड़ता पर अधिकार कर लिया | उन्होंने आधा मेड़ता जयमल के भाई जगमाल को दे दिया । जयमल उदयसिंह के पास चितोड़ चले गए । उदयसिंह ने इनको बदनोर का ठिकाना प्रदान किया । अकबर ने मगसिर वदी 6वि.1624 को चितोड़ का घेरा डाला । संकट की इन घड़ियों में उदयसिंह को भेजकर चितोड़ की रक्षा का भार आपने अपने ऊपर लिया
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