जितेन्द्र कुमार
जितेन्द्र कुमार | |
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जन्म |
मार्च 15, 1969 मुरहारी गांव, बिहार |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | एमबीबीएस, डीएनबी (मेडिसीन), डीएम (नेफ्रोलॉजी) |
व्यवसाय | नेफ्रोलॉजिस्ट एवं प्रत्यारोपण चिकित्सा विशेषज्ञ |
धार्मिक मान्यता | हिंदू |
माता-पिता | श्री निरंजन प्रसाद, श्रीमती मुंति प्रसाद |
वेबसाइट http://www.savekidneys.com |
डा. जितेन्द्र कुमार (अंग्रेजी Dr. Jitendra Kumar) ((जन्म 15 मार्च, 1969) भारतीय नेफ्रोलॉजिस्ट (अंग्रेजी Nephrologist) एवं प्रत्यारोपण चिकित्सा (अंग्रेजी Transplant Medicine) विशेषज्ञ एवं शोधकर्ता हैं। वह फरीदाबाद के क्यूआरजी हेल्थ सिटी हास्पीटल के नेफ्रोलॉजी एवं ट्रांसप्लांट मेडिसीन के निदेशक हैं।[१] उन्होंने भारत में किडनी रोगों की चिकित्सा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। किडनी रोगों की रोकथाम के बारे में जागरूकता कायम करने के लिए सक्रिय हैं। किडनी रोगों की चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
आरंभिक जीवन[सम्पादन]
उनका जन्म बिहार के नालंदा जिले के हरनौत थाने के अंतगर्त मुरहारी गांव में 15 मार्च, 1969 को हुआ। पिताजी निरंजन प्रसाद बिहार सरकार के लोकनिर्माण विभाग में अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। डा. जितेन्द्र कुमार ने तीसरी कक्षा तक गांव के स्कूल में पढ़ाई की जबकि चौथी और पांचवी कक्षा तक बिहार के बिहार शरीफ के स्टैंडर्ड इंग्लिश स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद 1979 में राष्ट्रीय प्रतिभा प्रतियोगिता के जरिए उनका चयन मशहूर सैनिक स्कूल, तिलैया में हुआ जहां से उन्होंने 12 वीं तक पढ़ाई की।
चिकित्सा की शिक्षा[सम्पादन]
उन्होंने पटना मेडिकल कालेज से 1992 में एमबीबीएस जबकि 1997 में मेडिसीन में मेडिसीन में किया। 1997 में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (नई दिल्ली) से डीएनबी (मेडिसीन) की उपाधि हासिल की। वर्श 2002 में लखनउ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसेस से डीएम (नेफ्रोलॉजी) की उपाधि हासिल की।
चिकित्सक के रूप में कार्य[सम्पादन]
वह पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में फरीवरी 1999 से दिसंबर 2002 तक सीनियर रेसिडेंट रहे जबकि लखनउ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसेस में फरवरी 1999 से दिसंबर 2002 तक सीनियर रेसिडेंट (नेफ्रोलॉजी) रहे। इसके बाद उन्होंने आध्र प्रदेश के विजयवाडा स्थित नागार्जुना हास्पीटल में नेफ्रोलॉजिस्ट के रूप में फरवरी 2003 से नवम्बर 2003 तक काम किया। दिसंबर 2003 से फरवरी 2010 तक फरीदाबाद के फोर्टिस एस्कार्ट्स हास्पीटल में नेफोलॉजी विभाग के प्रमुख रखे। इसके बाद फरीदाबाद स्थित एशियन इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसेस में फरवरी 2010 से मार्च 2013 नेफ्रोलॉजी के प्रमुख रहे तथा अप्रैल 2013 से अक्तूबर 2017 तक नेफ्रोलॉजी एवं ट्रांसप्लांट मेडिसीन के निदेशक रहे। नवम्बर 2017 से वह फरीदाबार के क्यूआरजी हेल्थ सिटी में नेफ्रोलॉजी एवं ट्रांसप्लांट मेडिसीन के निदेशक हैं।
समाजिक सेवा[सम्पादन]
विजयवाड़ा, गुंटूर, चिराला, भीमवारम, ओंगोल, मछलीपत्तनम, फरीदाबाद, पलवल, नई दिल्ली, बल्लभ गढ़, कोसीकलां जैसे देश के विभिन्न स्थानों पर चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए संगोष्ठियों और सीएमई का आयोजन किया। फरीदाबाद और पलवल और होडल जैसे आस-पास के क्षेत्रों में कई निःशुल्क शिविर आयोजित किये। साथ ही नेफ्रोलोजी देखभाल की आवश्यकता वाले ज़रूरतमंद लोगों के लिए निः शुल्क ओपीडी आयोजित किया है।
गुर्दे की बीमारियों, उनकी रोकथाम और उपलब्ध उपचार विकल्पों के बारे में ग्रामीण आबादी को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पिछले 6 वर्षों से नियमित रूप से गांव चौपाल बैठक आयोजित कर रहे हैं।
नेफ्रोलॉजी के क्षेत्र में काम[सम्पादन]
पिछले पंद्रह वर्षों में, उन्होंने फरीदाबाद में पहली बार सीएपीडी, सीआरआरटी, हेमोपरफ्यूजन तकनीकों और किडनी प्रत्यारोपण जैसी सभी विशेष नेफ्रोलॉजिकल प्रक्रियाओं की शुरुआत की।
अभी वह प्रति माह लगभग 2000 डायलिसिस कर रहे हैं। उन्होंने चिकित्सा के संकाय के रूप में डीएनबी छात्रों के लिए थीसिस के लिए नेफ्रोलोजी से संबंधित कई शोध को निर्देशित किए हैं।
उन्होंने लोगों का डायलिसिस में विष्वास बढ़ाने के लिए अपने सेंटर में फ्लेक्सिआवर्स शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत लोग अपने काम के नुकसान से बचने के लिए डायलिसिस के समय का खुद ही निर्णय ले सकते हैं। कई गरीब ईएसआई लाभार्थी अब दिन की बजाय रात के डायलिसिस का चयन कर रहे हैं क्योंकि दिन में वे काम करना चाहते हैं। जबकि रात में ड्युटी करने वाले मरीज दिन में डायलिसिस कराना पसंद कर सकते हैं।
उन्होंने डायलिसिस पेशेंट नेटवर्किंग अभियान शुरू किया है। इसके तहत सीकेडी से पीड़ित लोग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपने अनुभव साझा कर सकते हैं और एक-दूसरे को प्रेरित कर सकते हैं। ग्रामीणों तक स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने के लिए, उन्होंने हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पास के गांवों में कई नेफ्रोलोजी जागरूकता अभियान चलाया।
पुरस्कार एवं सम्मान[सम्पादन]
- यंग इनवेस्टिटर अवार्ड - जापानी सोसायटी आफ नेफ्रोलॉजी (जेएसएन) की 51 वीं बैठक, फकुओका इंटरनेशनल कांग्रेस सेंटर, फुकोओका, जापान, 30 मई से एक जून, 2008
- सर्वश्रेष्ष्ठ पेपर अवार्ड - गुवाहाटी, 6 दिसंबर, 2009
- सर्वश्रेष्ठ नेफोलॉजिस्ट अवार्ड, 2018- ब्रांड इम्पैक्, नई दिल्ली
- स्वास्थ्य रत्न अवार्ड, 2018 - हरियाणा के सचिव ने प्रदान किया
शोध और अनुसंधान[सम्पादन]
1. हेमोरेजिक स्ट्रोक में सीटी स्कैन का पूर्वानुमानिक महत्व - 1994
2. तृतीयक देखभाल केंद्र में स्पेक्ट्रम सीआरएफ में परिवर्तन - 2000
3. गुर्दा प्रत्यारोपण वाले रोगियों में सिम्प्टोमैटिक वीनस थ्रोम्बोसिस - 2000
4. बचपन के नेफ्रोटिक सिंड्रोम का क्लिनिकोपैथोलॉजिकल स्पेक्ट्रम - 2001
5. साइक्लोस्पोरिन का कौन सा सिंगल प्वाइंट ड्रग लेवल सर्वोत्तम है - 2001
6. एक्यूट पेरिटोनियल डायलिसिस में बैक्टीरियल पेरिटोनिटिस का स्पेक्ट्रम - 2001
7. एटीजी प्रत्यारोपण के एक्यूट रिजेक्शन की रोकथाम में प्रभावी है - 2002
8. गुर्दा प्रत्यारोपण वाले मरीजों के प्रबंधन में सी 2 निगरानी की भूमिका - 2002
9. एसजीपीजीआई में नोवार्टिस के द्वारा प्रायोजित मोस्ट (एमओएसटी) में भाग लिया - 2002
10. एसजीपीजीआई में गुर्दे प्रत्यारोपण वाले रोगी में इंडक्षन इम्युनोसप्रेशन के रूप में सिरोलिमस के ड्रग ट्रायल में शामिल - 2002
11. क्रिसेंटिक ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस - एक एकल केंद्र अनुभव - 2002
12. भारतीय बच्चों में बाल नेफ्रोटिक सिंड्रोम का हिस्टोपैथोलॉजिकल स्पेक्ट्रम, पेडिएट्रिक नेफ्रोलॉजी, 2003, 13 मई [२]
13. मायोग्लोबुलिनुरिया से संबंधित एक्यूट रीनल फेल्योर - 2005
14. सार्वभौमिक सावधानी- एचडी यूनिटों में एचसीवी संक्रमण को रोकने के लिए एक विकल्प - 2009
15. तृतीयक देखभाल निजी अस्पताल में पांच साल की अवधि में हेमोडायलिसिस रोगियों के एक समूह के परिणाम का विश्लेषण - 2009
16. मल्टीसेंट्रिक डेमोनस्ट्रेट में भाग लिया; वी 9; 28-सितंबर-2010 अध्ययन।
17. अल्ट्रासोनोग्राफी के द्वारा स्वस्थ भारतीय वयस्कों में गुर्दे का आकार (आईएसएनसीओएन हैदराबाद में पोस्टर प्रस्तुति के लिए स्वीकृत) - 2011
18. इंटरनेषनल सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन (आईएसएच) सियोल, दक्षिण कोरिया की 26 वीं वैज्ञानिक बैठक हाइपरटेंशन में पोस्टर प्रस्तुति।
19. 24 घंटे मूत्र प्रोटीन के साथ मूत्र प्रोटीन क्रिएटिनिन अनुपात का डॉ. एम. हरिहरन सहसंबंध।
20. क्रोनिक किडनी रोग के मरीजों में रक्त चाप होने पर डायलिसिस के दौरान पोटाशियम की तीव्र कमी का प्रभाव[३]
21. क्रोनिक किडनी रोग वाले रोगियों में प्ल्युरल इफ्युजन की डॉ. आर. बालकृष्ण विषेशताएं।
22. तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती मधुमेह के मरीजों में रेनल इंवाल्वमेंट का डॉ. नायर स्पेक्ट्रम।
23. तृतीयक देखभाल अस्पताल में हेपेटाइटिस वाले रोगियों में रेनल इंवाल्वमेंट - डॉ. रोहित शर्मा के साथ
24. यूरिन माइग्लोबिनुरिया वाले रोगियों में रेनल फेल्योर की रोकथाम - डॉ. आदित्य बाटला के साथ
उत्तरी भारत की ग्रामीण आबादी में मेटाबोलिक सिंड्रोम के मरीजों में विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले मेटफार्मिन का अध्ययन [४]
प्रकाशन[सम्पादन]
- साइक्लोस्पोरिन का सिंगल प्वाइंट ड्रग लेवल स्टिमुलेषन सबसे अच्छा है? प्रत्यारोपण की प्रोसीडिंग्स
- कम खुराक वाली एटीजी एक्यूट रिजेक्षन एपिसोड के इलाज में प्रभावी है।
- एक्यूट इंटरमीटेंट पेरिटोनियल डायलिसिस रेनल फेल्योर में बैक्टीरियल पेरिटोनिटिस का स्पेक्ट्रम
- क्रिसेंटिक ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस का स्पेक्ट्रमः तृतीयक देखभाल अनुभव
- मधुमेह रोगियों में डायबेटिक रेनल डिजीज पर इस्कैमिक एक्यूट ट्यूबलर नेक्रोसिस की पैथोफिजियोलॉजी
- यूरेमिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी
- दिल्ली एनसीआर में तृतीयक देखभाल केंद्र में हेमोडायलिसिस पर क्रोनिक किडनी रोगियों में हेपेटाइटिस सी वायरस संक्रमण के प्रसार और इसके जोखिम कारक पर एक संभावित अवलोकन संबंधी अध्ययन।
- रेनल एमिलॉयडोसिस सेकंडरी से अनडिफरेंसियेटेड कनेक्टिव
- टिशू डिस्आर्डर्स : भारत से एक दुर्लभ मामला रिपोर्ट
- क्रोनिक किडनी बीमारियों वाले रोगियों में रक्तचाप पर डायलिसिस के दौरान एक्यूट पोटेशियम में कमी का प्रभाव
भारतीय पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में प्रकाशन
- तृतीयक देखभाल केंद्र में स्पेक्ट्रम सीआरएफ में परिवर्तन
- गुर्दे प्रत्यारोपण वाले रोगियों में सिम्प्टोमैटिक वीनस थ्रोम्बोसिस
- बचपन के नेफ्रोटिक सिंड्रोम का क्लिनिकोपैथोलॉजिकल स्पेक्ट्रम
- वंशानुगत नेफ्राइटिस- पेडिएट्रिक नेफ्रोलॉजी की पाठ्य पुस्तक में।
- मायोग्लोबुलिनुरिया से संबंधित रेनल फेल्योर
बाहरी लिंक[सम्पादन]
एक करियर के रूप में चिकित्सा पेशा - रोजगार समाचार
चिकित्सा लापरवाही - स्पेक्ट्रम
उच्च रक्तचाप - छुपे खतरे
स्रोत एवं संदर्भ[सम्पादन]
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- ↑ "Dr. Jitendra Kumar" (अंग्रेजी में). http://www.qrgmedicare.com/doctor-profile/dr-jitendra-kumar-62.
- ↑ "Histopathological spectrum of childhood nephrotic syndrome in Indian children" (अंग्रेजी में). https://link.springer.com/article/10.1007/s00467-003-1154-9.
- ↑ "EFFECT OF ACUTE POTASSIUM REDUCTION DURING DIALYSIS ON BLOOD PRESSURE IN PATIENTS OF CHRONIC KIDNEY DISEASE" (अंग्रेजी में). https://academic.oup.com/ndt/article/32/suppl_3/iii326/3853509.
- ↑ "A Cross Sectional Study of Metformin Induced Vitamin B12 Deficiency in Metabolic Syndrome Patients among North Indian Rural Population" (अंग्रेजी में). https://www.researchgate.net/publication/318209077_A_Cross_Sectional_Study_of_Metformin_Induced_Vitamin_B12_Deficiency_in_Metabolic_Syndrome_Patients_among_North_Indian_Rural_Population.