बुक्क राय
हरिहर प्रथम का उत्तराधिकारी उसका भाई बुक्का प्रथम (1356-1377 ई.) सिंहासन पर बैठा। उसने मदुरा को अपने साम्राज्य में शामिल किया। सर्वप्रथम बुक्का ने ही बहमनी वंश और विजयनगर साम्राज्य के मध्य बने विवाद के कारण कृष्णा नदी को दोनों साम्राज्य की सीमा माना। बुक्का ने ‘वेदमार्ग प्रतिष्ठापक’ की उपाधि ग्रहण की। उसने वेद और अन्य धार्मिक ग्रन्थों की नवीन टीकाएँ लिखवायीं। हरिहर प्रथम ने तेलुगु साहित्य को प्रोत्साहन दिया था। 1374 ई. में बुक्का प्रथम ने अपना एक दूत-मण्डल चीन भेजा था। 1377 ई. में हरिहर पथम की मृत्यु हो गई। हरिहर एवं बुक्का ने राजा एवं महाराजा की उपाधि ग्रहण नहीं की थी। तीन समुद्रों का अधिपति की उपाधि 'बुक्का प्रथम' ने धारण की थी।
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