सांख्यिकी दिवस (भारत)
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जुलाई 2020) |
देश के लिहाज से 29 जून का दिन काफी महत्वपूर्ण है. इस दिन को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है.
सामाजिक-आर्थिक नियोजन और नीति निर्माण में आंकड़ों की काफी अहमियत होती है. इनके बगैर कोई भी बड़ा सर्वेक्षण, रिसर्च और मूल्यांकन पूरा नहीं किया जा सकता. इसलिए सांख्यिकी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रत्येक वर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है.
इस दिन को मनाने का उद्देश्य रोजमर्रा की जिंदगी में और योजना एवं विकास की प्रक्रिया में सांख्यिकी के महत्त्व के प्रति लोगों को जागरूक करना है.
प्रख्यात सांख्यिकीविद प्रशांत चंद्र महालनोबिस का 29 जून को जन्मदिन है, जिन्होंने सांख्यिकी में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. इसी को ध्यान में रखते हुए 2007 में उनकी जन्मतिथि के अवसर पर हर वर्ष 29 जून का दिन राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था.
पीसी महालनोबिस का जन्म 29 जून, 1893 को कोलकाता में हुआ था. उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से भौतिकी में ऑनर्स किया और उच्च शिक्षा के लिए लंदन चले गए.
महालनोबिस को उनके द्वारा विकसित सैंपल सर्वे के लिए याद किया जाता है. इस विधि के अंतर्गत किसी बड़े जनसमूह से लिए गए नमूने सर्वेक्षण में शामिल किए जाते हैं और फिर उससे प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर विस्तृत योजनाओं को आकार दिया जाता है.
महालनोबिस ने इस विधि का विकास एक निश्चित भू-भाग पर होने वाली जूट की फसल के आंकड़ों से करते हुए बताया था कि किस प्रकार उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है.
This article "सांख्यिकी दिवस (भारत)" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:सांख्यिकी दिवस (भारत).