हयग्रीव ( दनु पुत्र )
हयग्रीव एक अति शक्तिशाली एवम प्राचीन दानव था। स्वरभानु , शुम्भ , निशुम्भ , नमुचि आदि उसके भाई थे। वह दनु के गर्भ से उत्पन्न महर्षि कश्यप के ६१ दानव पुत्रों में से एक था। वह माता पार्वती का परम भक्त था और उनसे ये वरदान प्राप्त किया था कि उसका वध उसी के समान रूप वाला कोई अन्य हयग्रीव कर सकता है। इस वरदान का दुरुपयोग उसने प्रारंभ किया और ब्रह्मा जी से वेदों को चुराकर अपने भीतर समाहित कर लिया। वेदों को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने तत्काल एक विशालकाय हयग्रीव का रूप धारण किया और हयग्रीव का वध उसकी सेना समेत कर दिया। इसके सामान्य नाम वाला इसका भाई हयग्रीव था जिसका वध मत्स्य रूपी विष्णु ने किया था। उसका मस्तक अश्व का तथा शरीर मनुष्य का था। जबकि उसके सौतेले भाई हयग्रीव का मस्तक तथा देह दोनों ही मनुष्य के थे।
This article "हयग्रीव ( दनु पुत्र )" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:हयग्रीव ( दनु पुत्र ).