अरेराज सोमेश्वर महादेव मन्दिर
बिहार राज्य के मोतिहारी जिले में गंडक नदी के तट पर स्थित है ,अरेराज के प्रसिद्ध सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर। भगवान सोमेश्वर नाथ के शिवलिंग पंचमुख है ।इस शिवलिंग का दर्शन करने के लिये गर्भ गृह में सीढ़ी से उतरकर जाना पड़ता है चूँकि यह मुख्य धरातल से काफी अंदर है।इस महादेव मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण, पद्म पुराण, एवं वाराहपुराण में भी है। यहाँ के महंथ गिरी जी ने वार्तालाप के क्रम में बताया कि त्रेता युग में भगवान राम अपनी पत्नी सीता के साथ विवाह कर जनकपुर से अयोध्या लौटने के क्रम में यहाँ भगवान सोमेश्वर नाथ की पूजा की थी आज भी इसी कारण हर वर्ष जनकपुर में अगहन पंचमी को आयोजित होने वाले राम विवाह में अयोध्या वासी भाग लेते हैं और लौटते वक्त अरेराज मंदिर में जल चढ़ाते हैं । प्रसिद्ध साहित्यकार सच्चिदानंद वात्सायन( अज्ञेय) के नाम से भी जाना जाता है ,उनकी रचनाओं को आधार माने तो यहां द्वापर में अज्ञातवास के दौरान राजा युधिष्ठिर ने अपने भाइयों एवं द्रोपती के साथ यहां पूजा की थी । इस मंदिर के दक्षिण दिशा में बटुक भैरव स्थान है ,पश्चिम में जलपा भवानी, व उत्तर में मसान माई का स्थान है ।बिहार सरकार के प्राचीन इतिहास एवं कला संस्कृति विभागीय साक्ष्यों का अवलोकन करें तो यह उल्लेख है कि 1816 में भारत और नेपाल के बीच सुगौली संधि हुई पहले इस जगह का नाम संगोली था यह क्षेत्र नेपाल में आता था इससे पूर्व आर्य इधर आए थे तब इसे और अरण्यराज के नाम से जाना जाता था जिसका अपभ्रंशआधुनिक समय में और अरेराज के नाम से है।यहाँ 6 प्रसिद्ध मेला का आयोजन होता है,सावन मास में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु बागमती नदी वेलवा घाट(शिवहर जिला)से जल लेकर कांवर यात्री के रूप में जाते है पूरा क्षेत्र बोलबम के नारों से गूंजता रहता है,।यहाँ का सृंगार पुजा भव्य होता है।नेपाल देश के तराई क्षेत्र के नागरिक और उत्तर बिहार के तथा पूर्वांचल उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु विशेषकर शादी ,जनेउ,मुंडन के अवसर पर भी बाबा सोमेश्वर नाथ का दर्शन करने जरूर आते है। मंदिर में हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन आते है सो सफाई की विशेष जरूरत है।मंदिर के बाह्य भाग में स्थित तालाब का जल बहुत ही गन्दा है, इस ऐतिहासिक मंदिर को आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण करने के लिये राज्य सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है जैसे पार्किंग स्थल,आधुनिक आवासीय होटल,इत्यादि चूँकि पर्यटन के दृष्टि से यह महत्वपूर्ण क्षेत्र है, यहाँ समीप में ही अशोक स्तम्भ,केसरिया बौद्ध स्तूप भी है।(Manvendra mishra judge Bihar)
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