अर्चना पैन्यूली
अर्चना पैन्यूली | |
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जन्म |
१७ मई १९६३ कानपुर, उत्तर प्रदेश |
जातीयता | भारतीय |
नागरिकता | डेनिश |
व्यवसाय | लेखिका और अध्यापन (नार्थ सेलैंड इंटरनेशनल स्कूल, डेनमार्क) |
प्रसिद्धि कारण | हिंदी साहित्य |
पुरस्कार |
- डॉ॰ मोटूरि सत्यनारायण सम्मान, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा (अप्रेल २०२०) - निर्मल वर्मा पुरस्कार, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग (सितम्बर २०१९) - राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त प्रवासी सम्मान (२०१२) - इंडियन कल्चरल एसोशिएशन, डेनमार्क द्वारा प्रेमचंद्र पुरस्कार (२००६) |
वेबसाइट www.archanap.com | |
अर्चना पैन्यूली डेनमार्क में बसी भारतीय की एक सशक्त हिन्दी लेखिका हैं[१], जिन्होंने हिन्दी कथा साहित्य में अपनी एक अलग पहचान बनाई है[२]। उनकी रचनाओं में एक अलग परिवेश - स्कॅन्डिनेविया प्रायद्वीप, डेनमार्क – में मानव जीवन और सामाजिक-राजनेतिक व्यवस्था को प्रमुखता से जानने-समझने का अवसर मिलता है। उनकी रचनाएँ संभावित वैश्विक अपील के साथ भारत उपमहाद्वीप से एक मजबूत संबंध रखती हैं। डेनमार्क में हिन्दी और भारतीय संस्कृति के सरंक्षण की दिशा में भी अर्चना पैन्यूली ने सारगर्भित शोध लेख लिखे हैं। उनकी पुस्तकें प्रतिष्ठित प्रकाशकों - भारतीय ज्ञानपीठ, राजपाल, प्रभात एवं रूपा से प्रकाशित हो चुकी हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा[सम्पादन]
अर्चना पैन्यूली के माता-पिता मूलतः हिमालय पर्वतीय प्रदेश, गढ़वाल के निवासी थे, मगर जीविकोपार्जन के सिलसिले में पिता से पहाड़ छूट गया। पिता, श्री (स्वर्गीय) महीधर देवली राज्य उत्तरप्रदेश एक्साइज डिपार्टमेंट में अधिकारी थे। उन दिनों पिता की पोस्टिंग कानपुर में होने की वजह से अर्चना पैन्यूली का जन्म १७ मई १९६३ में कानपुर, उत्तरप्रदेश में हुआ[३]। तदुपरांत परिवार के देहरादून में बस जाने से अर्चना पैन्यूली की शिक्षा-दीक्षा देहरादून में हुई। गढ़वाल विश्वविद्यालय से अर्चना पैन्यूली ने एम्.एससी. एवं बी.एड. की पढ़ाई सम्पन्न की।
अध्यापन एवं लेखन प्रक्रिया [सम्पादन]
१९८७ में, विवाहोपरांत, अर्चना पैन्यूली देहरादून से मुंबई में बसी। वहाँ माध्यमिक स्कूलों में अध्यापन आरंभ किया और राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं, जनसत्ता, मेरी सहेली, सरिता, गृहशोभा, गृहलक्ष्मी में छपना आरम्भ हुआ। १९९७ में अर्चना पैन्यूली परिवार के साथ भारत से डेनमार्क विस्थापित हो गई। डेनमार्क में उन्होंने डेनिश भाषा के प्रोफेशनल कोर्स किये।
हिन्दी, अंगरेजी, डेनिश भाषा का ज्ञान रखने वाली अर्चना पैन्यूली मुख्यतः इन्डियन डायस्पोरा एवं स्कॅन्डिनेवियन देशों में बसे भारतीय समुदाय पर कहानियाँ, उपन्यास और शोध लेख लिखती रही हैं। प्रमुख राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं (इंडिया टुडे, हंस, वागर्थ, कथादेश, नया ज्ञानोदय, साहित्य अमृत, लमही, आदि में) में उनकी कहानियाँ और लेख छपने लगे। उनका लेखन वर्तमान जातीय और प्रवासी मुद्दों तथा प्रवास के अनुभवों को दर्शाता है, साथ ही, यरोपीय विशेषकर स्कॅन्डिनेवियन देशों के भौगोलिक और सामाजिक परिवेश पर भी उन्होंने खुलकर अपनी लेखनी चलाई है। उनके उपन्यासों और कहानियों में भारतीय पात्रों के साथ-साथ यूरोपीय पात्रों की सहज उपस्थिति है।[४]
अर्चना पैन्यूली का उपन्यास 'वेयर डू आई बिलांग' डेनिश समाज पर हिन्दी में लिखा प्रथम उपन्यास है। भारतीय ज्ञानपीठ से हिन्दी में छपने के बाद रूपा पब्लिकेशन्स से यह अंगरेजी में प्रकाशित हुआ।[५] उन्होंने सुप्रसिद्ध डेनिश लेखिकाओं, कारेन ब्लिक्शन तथा हेल्ले हेल्ले[६] की डेनिश रचनाओं का भी हिन्दी अनुवाद किया है। पुरस्कृत डेनिश उपन्यास 'Dette burde skrives i nutid' (आगे की बात करो) का हिन्दी अनुवाद किसी डेनिश कृति का प्रथम हिन्दी अनुवाद है।
प्रकाशित कृतियाँ[७][८][९][सम्पादन]
- उपन्यास: परिवर्तन (अभिरुचि प्रकाशन २००३)[१०]; वेयर डू आई बिलांग (भारतीय ज्ञानपीठ २००९)[११][१२][१३][१४]; पॉल की तीर्थयात्रा (राजपाल एंड संस २०१६)[१५][१६][१७]; कैराली मसाज पार्लर (भारतीय ज्ञानपीठ २०२०)[१८][१९]
- कहानी संग्रह: 'हाईवे E-47 (प्रभात प्रकाशन समूह - ज्ञान गंगा २०१७)[२०][२१]; कितनी मांएं हैं मेरी (प्रभात प्रकाशन समूह- विद्या विकास एकेडमी २०१८)[२२][२३][२४]; प्रवासी साहित्य श्रृंखला (प्रलेक प्रकाशन २०२१)[२५]
- अनुवाद: सुप्रसिद्ध डेनिश लेखिका, कारेन ब्लिक्शन (दिवंगत) की लम्बी कहानी का हिंदी अनुवाद (नया ज्ञानोदय २००९); साहित्यकार हेल्ले हेल्ले के पुरस्कृत उपन्यास Dette burde skrives i nutid - ... आगे की बात करें (प्रभात प्रकाशन २०२१)
- अनूदित साहित्य : वेयर डू आई बिलांग - अंग्रेजी अनुवाद (रूपा पब्लिकेशन्स २०१४)[२६]
पुरस्कार व सम्मान[सम्पादन]
भारत में -
- केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा पद्मभूषण डॉ मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार (अपैल २०२०)
- मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा निर्मल वर्मा पुरस्कार (सितम्बर २०१९)
- उपन्यास 'पॉल की तीर्थयात्रा' फेमिना सर्वे द्वारा वर्ष २०१६ के सर्वश्रेष्ठ दस उपन्यासों में घोषित (२०१६)[२७]
- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त मैमोरियल ट्रस्ट द्वारा उपन्यास 'वेयर डू आई बिलांग' के लिए राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार से सम्मानित (अगस्त २०१२)
- साहित्यिक संस्था धाद महिला सभा, उत्तराखंड द्वारा उपन्यास परिवर्तन के लिए सम्मानित (जून २००४)
डेनमार्क में -
- इंडियन कल्चरल सोसाइटी, डेनमार्क द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोह पर ‘प्राइड आफ इंडिया’ सम्मान से सम्मानित (अगस्त २०११)
- इंडियन कल्चरल एसोशिएशन, डेनमार्क द्वारा प्रेमचंद्र पुरस्कार (अगस्त २००६)
लेखन में शोध[२८][२९][३०][सम्पादन]
अर्चना पैन्यूली की रचनाओं पर देश-विदेश के शोधार्थी शोध कार्य कर रहे हैं।[३१][३२] यूनीवर्सिटी ऑफ़ रिगा, लातविया; उप्पसला यूनीवर्सिटी[३३], स्वीडन; गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर; लोयला कॉलेज, जमशेदपुर, झारखंड; पंजाब यूनीवर्सिटी, चंडीगढ़; गुरु काशी विश्वविद्यालय तलवंडी साबो, भटिंडा, पंजाब; अलीगढ़ यूनीवर्सिटी; कल्याणी विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर, राजस्थान, आदि विश्वविद्यालयों के छात्रों ने उनकी रचनाओं को अपने शोध कार्य में प्रमुखता से शामिल किया है। इन विश्वविद्यालयों के शोधार्थियों ने अर्चना पैन्यूली की कहानियों में स्त्री का स्वरूप, माँ के विविध रूप, भारतीय और प्रवासी साहित्य की तुलनात्मक विवेचना, इक्कीसवीं सदी में प्रवासी परिवेश के हिन्दी उपन्यासों में जीवन-मूल्य, मानवीय संवेदना, आदि तथ्यों की गहन पड़ताल की है।[३४]
संदर्भ[सम्पादन]
- ↑ "उत्तराखंड की बेटी अर्चना ने डेनमार्क में लहराया परचम" (hi में). https://www.jagran.com/uttarakhand/dehradun-city-writer-archanas-book-launched-at-denmark-14852859.html.
- ↑ "अर्चना पैन्यूली | साहित्य कुंज". https://sahityakunj.net/lekhak/archana-painuly.
- ↑ "लेखक अर्चना पैन्यूली का व्यक्तित्व ARCHANA PENULI". https://www.hindisamay.com/writer/%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9A%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A5%88%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%B2%E0%A5%80-ARCHANA-PENULI.cspx?id=31.
- ↑ Interaction with Archana Painuly | Sweden Day 3 | #VishwarangLIVE, अभिगमन तिथि 2022-05-18
- ↑ "Archana Painuly | Authors | Rupa Publications" (en-US में). https://rupapublications.co.in/authors/archana-painuly/.
- ↑ Helle, Helle. "Helle Helle". http://www.hellehelle.net/nyt/.
- ↑ "Amazon.com" (en-us में). https://www.amazon.com/Books-Archana-Painuly/s?rh=n:283155,p_27:Archana+Painuly.
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- ↑ "Painuly Archana Books - Buy Painuly Archana Books Online at Best Prices In India" (en में). https://www.flipkart.com/books/painuly-archana~contributor/pr?sid=bks.
- ↑ "Amar Ujala". http://www.archanap.com/AmarUjala-1.pdf.
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- ↑ "Online Shopping India | Buy Mobiles, Electronics, Appliances, Clothing and More Online at Flipkart.com" (en में). https://www.flipkart.com/books/painuly-archana~contributor/pr?sid=bks.
- ↑ "वेयर डू आई बिलांग - अर्चना पैन्यूली Where Do I Belong - Hindi book by - Archana Penuli". https://www.pustak.org/index.php/books/bookdetails/7749.
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- ↑ अर्चना पैन्यूली का उपन्यास “कैराली मसाज पार्लर : एक परिचर्चा Kairali Massage Parlour: A discussion, अभिगमन तिथि 2022-05-18
- ↑ "Highway E 47 | 9789386054821 | Prabhat Prakashan". https://www.prabhatbooks.com/highway-e-47.htm.
- ↑ "Amazon.in" (en-in में). https://www.amazon.in/Books-Archana-Painuly/s?rh=n:976389031,p_27:Archana+Painuly.
- ↑ "Kitni Maayen Hain Meri | 9788194024613 | Prabhat Prakashan". https://www.prabhatbooks.com/kitni-maayen-hain-meri.htm.
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- ↑ "10 Hindi books you should read on Hindi Divas" (en में). https://www.femina.in/life/books/10-hindi-books-you-should-read-22090.html.
- ↑ "जीवन के आयामों का आइना है 'पॉल की तीर्थयात्रा'" (hi में). https://www.aajtak.in/literature/review/story/book-review-of-paul-ki-tirth-yatra-364918-2016-03-23.
- ↑ "वहां कौन है तेरा, मुसाफिर..." (hi में). https://www.amarujala.com/entertainment/review-of-archna-painuly-s-new-book-paul-ki-tirthyatra.
- ↑ अर्चना पैन्यूली का उपन्यास “कैराली मसाज पार्लर : एक परिचर्चा Kairali Massage Parlour: A discussion, अभिगमन तिथि 2022-05-18
- ↑ "पारिवारिक, सामाजिक और ग्लोबल - हाईवे ई 47 की कहानियां...". https://www.amarujala.com/kavya/book-review/booke-review-of-haivey-i-47-a-story-collection-by-archana-painyuli.
- ↑ अर्चना पैन्यूली का उपन्यास “कैराली मसाज पार्लर : एक परिचर्चा Kairali Massage Parlour: A discussion, अभिगमन तिथि 2022-05-18
- ↑ Mudigonda, Ramu (Spring 2019). "Svårt val - Analys av Archana Painyulis novellsamling Highway E47". Svårt val. http://www.diva-portal.org/smash/get/diva2:1367327/FULLTEXT01.pdf.
- ↑ newspost (2020-09-07). "Book Review: Where do I belong?" (en-US में). https://www.newspost.live/en/book-review-of-where-do-i-belong/.
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