आईदान विश्नोई
आईदान जी विश्नोई का जन्म लोहावट में हुआ था। बाद में इनको पाबूजी महाराज दिखाई दिए और इनको दिव्य शक्ति प्रदान की ओर ये फिर लोहावट से अजासर आ गए, यहां पर पाबूजी महाराज का पूजा पाठ करने लगे, यहा पर पाबूजी महाराज का एक भव्य मंदिर का निर्माण किया और गांव के लोगो ने कई बार दिव्य शक्ति को देखा। इन लोग "भोपाजी" के नाम से बुलाते थे। ये तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त थे किसी भी वस्तु का दिव्य ज्ञान द्वारा पता चल जाता था, कई बार देवी देवता का आगमन होता था ऐसा गांव के लोग मानते थे, अजासर गांव के बुजुर्ग आज भी इनके चमत्कार का बखान करते हैं। कहा जाता है कि इन्होंने एक बार एक चोर के चोरी का भेद खोल दिया था, तो चोर ने एक पुलिस अधिकारी को जाकर कहा कि उन्होंने मुझ पर झूठा आरोप लगाया है तो पुलिस अधिकारी ने आकर आईदान जी को गिरफ्तार कर कर थाने ले गए, वहा पर इनको जेल में बंद करने के बाद जेल के दरवाजे आपने आप खुल गए और इन्होंने जेल में चमत्कार दिखाया, तन पुलिस अधिकारी ने इनको जेल से रिहा कर दिया और अंग्रेजी शासन इन्हे प्रमाण पत्र जारी किया और तब से इन्हे दादा जी के नाम से लोग पूजने लगे थे और इन्होंने समाधि ली थी, जहा आज भव्य मंदिर बना है
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