आचार्या राघवेन्द्र
आचार्य राघवेंद्र, महाराणा प्रताप के गुरु थे | उन्होंने महाराणा प्रताप को शिक्षा दिया, और एक सफल योद्धा, कूटनीतिज्ञ और धर्म रक्षक बनाया | आचार्य राघवेंद्र ने उनको राजपूती धर्मानुसार शिक्षा दी | उन्होंने महाराणा प्रताप को छल, पीछे से वार, आदि करना नहीं सिखाया, जबकि अपने दूसरे छात्रों को वे ये सब ज़रूरत पड़ने पर करने की सीख देते थे | आचार्य जी, सिर्फ उनके गुरु ही नहीं थे, जब महाराणा प्रताप की शिक्षा संपन्न हो गया, तो आचार्य काशी चले गए और वापस लौटने के बाद, महाराणा प्रताप के दरबार में महामंत्री के रूप में उनके मार्गदर्शक बने । उन्होंने महाराणा प्रताप के साथ कई युद्ध लड़े | हल्दीघाटी के युद्ध में उन्होंने भी काफी अहम् भूमिका निभाई थी |[१]
सन्दर्भ[सम्पादन]
- ↑ मिश्र, चक्रपाणि (2004) (hi में). महाराणा प्रताप का दरबारी पण्डित चक्रपाणि मिश्र और उसका साहित्य: विश्ववल्लभ, मुहूर्तमाला एवं राज्याभिषेक पद्धति का मूलपाठ, अनुवाद व समीक्षा. महाराणा प्रताप स्मारक समिति. https://books.google.co.in/books?id=0G5OAAAAYAAJ&dq=%E0%A4%86%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF+%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%98%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0+maharana&focus=searchwithinvolume&q=%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%98%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0.
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