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इकतारा: बाल साहित्‍य एवम कला स्रोत केन्‍द्र

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इकतारा भोपाल में है। यह बाल साहित्‍य के विकास और पहुँच के लिए कई काम करता है।

इकतारा दो दुमाही पत्रिकाएं प्रकाशित करता है। एक है प्‍लूटो जो 9 साल तक के बच्‍चों के लिए उपयुक्‍त है। और दूसरी साइकिल जो 9 साल से बड़े बच्‍चों के लिए उपयुक्‍त है। उम्र का यह बंधन बस पूछने वालों के लिए ही है। दरबसल इन पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाएं हर उम्र के पाठकों के लिए हैं।

इन पत्रिकाओं के बारे में और जानने के लिए विकीपीडिया पर बाल पत्रिका :साइकिल तथा बाल पत्रिका: प्‍लूटो देखें।


बाल साहित्‍य की अपनी समझ बच्‍चों के लिए लिखने वालों के साथ बाँटते रहना भी इकतारा का एक प्रमुख काम है। इसके लिए बच्‍चों के लेखकों के साथ लेखन कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। इन कार्यशालाओं में नए लेखकों के साथ कृष्‍णकुमार, असगर वज़ाहत, विनोद कुमार शुक्‍ल और प्रिसम्‍वद जैसे रचनाकारों ने बातचीत की है। और बालसाहित्‍य पर सम्‍वाद का यह सिलसिला अब भी जारी है।


अपने समय के प्रमुख रचनाकार बच्‍चों के लिए लिखें इसके लिए इकतारा ने सृजनपीठ की शुरुआत की है। पीठ पर रहते हुए अब तक कृष्‍णकुमार, असगर वज़ाहत, विनोद कुमार शुक्‍ल, राजेश जोशी, पारो आनन्‍द, प्रभात और प्रिसम्‍वद ने बच्‍चों के लिए लिखा है। इकतारा ने इन सब की किताबें प्रकाशित की हैं।

2021 से सृजनपीठ में चित्रकारों को भी शामिल किया जाने लगा है। एलन शॉ पहले चित्रकार हैं जिन्‍हें सृजनपीठ की मानद सदस्‍यता दी गई है।


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