उत्तराखण्डी भाषा
उत्तराखण्डी भाषा | |
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उत्तरांचली | |
बोलने का स्थान | भारत |
क्षेत्र | उत्तराखण्ड |
मातृभाषी वक्ता | लगभग 1 करोड़ |
भाषा परिवार |
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लिपि | देवनागरी |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 | uttar |
उत्तराखण्डी भाषा भारत के उत्तराखण्ड में बोली जाने वाली एक क्षेत्रीय भाषा है। यह मुख्यतः दो भागों में विभाजित है। उत्तराखण्ड के कुमाऊं मण्डल में बोले जाने वाली उत्तराखण्डी को कुमाऊंनी तथा गढ़वाल मण्डल में बोली जाने वाली उत्तराखण्डी को गढ़वाली कहते हैं, इसके अलावा भी यह कई अन्य नामों के साथ और बोलचाल में थोड़े से अन्तर के साथ पूरे उत्तराखण्ड में बोली जाती है। [१]
भौगोलिक वर्गीकरण[सम्पादन]
इस भाषा में क्षेत्रानुसार अन्तर है और इसके कई रूप और नाम मिलते हैं जैसे- कुमाऊ क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा को कुमाऊंनी एवं गढ़वाल क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा को गढ़वाली कहते हैं। इसके अलावा भी जौनसार क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा जौनसारी भाषा कहलाती है। अन्य क्षेत्रों में जाड़, बंगाणी, जोहरी, थारू, जौनपुरी और जधी जैसे नामों से भी प्रचलित है।
नामकरण[सम्पादन]
ईसा वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखण्ड स्वतंत्र रूप से आस्तित्व में आया तो यहां बोली जाने वाली क्षेत्रीय भाषाओं को उत्तराखण्डी कहा गया।
क्षेत्रविस्तार[सम्पादन]
बोलियाँ[सम्पादन]
भाषा साहित्य[सम्पादन]
इन्हें भी देखें[सम्पादन]
सन्दर्भ[सम्पादन]
- ↑ "उत्तराखंड में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाएँ एवं बोलियाँ". www.studyfry.com. https://www.studyfry.com/languages-dialects-spoken-uttarakhand-bhasha. अभिगमन तिथि: 8 अप्रेल 2020.
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