क्या पुष्यमित्र शुंग ही राम थे है
यह हास्यपद प्रश्न है, केवल झूठ के सिवा कुछ नहीं , अगर पुष्यमित्र सुंग को ही श्रीराम मान लिया जाए तो फिर ये कैसे हो सकता है कि उनके पिता राजा दशरथ भी राजा थे, जबकि पुष्यमित्र ने ब्रहद्रथ का वध किया फिर राजा बने पहले सेनापति थे। पुष्यमित्र सुंग ने स्वयं का नाम उपयोग क्यों नहीं किया विष्णु भगवान का अवतारी बनने के लिए। अगर पुष्यमित्र सुंग ही श्रीराम थे तो वो श्रीपुष्यमित्र भी कर सकते थे। श्रीराम ही क्यों। इसका मतलब श्रीराम की पूजा आराधना और श्रीराम का नाम और महत्त्व तब भी था। और जो ये भ्रान्ति फैलाई गई कि पुष्यमित्र सुंग ही श्रीराम थे यह श्रीराम के प्रति आस्था और बौद्ध-हिन्दू धर्म के बीच संघर्ष को बढ़ावा देने के लिए किया गया। श्रीराम के जन्म के बाद श्रीकृष्ण भी जन्मे। उनका भी विवरण पुष्यमित्र सुंग के पहले का है। अगर ये ही राम होते तो श्रीकृष्ण के बाद का जन्म दर्शाने में क्या दिक्कत हुई। इसलिये ये सब काल्पनिक है और लीपा पोती किं गई है कि पुष्यमित्र सुंग ही श्रीराम थे। केवल झूठ और झूठ के सिवा कुछ नहीं।
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