खैमी सरनाईक
खैमी सरनाईक (अंग्रेज़ी: Khemi Sarnaik) महाराष्ट्र के कोलियों का सरनाईक था। खैमी सरनाईक ने सुल्तान औरंगज़ेब के खिलाप कोलियों को खड़ा किया और जंग का एलान कर दिया था। जंग का मुख्य कारण था सुल्तान औरंगज़ेब द्वारा ज़मीन पर कर लगाना। जिससे परेसान होकर कोली ज़मीदारों ने खैमी सरनाईक के नेतृत्व में मुग़ल सुल्तान औरंगज़ेब के खिलाप हथियार उठा लिए थे। खैमी सरनाईक ने सभी कोली नायकों को इकठा किया और वादा किया कि वो एक ही वार में मुग़ल सासन से मुक्ति पा लेंगे।
सुल्तान ने भी जल्दी से पहाड़ी इलाकों से मुग़ल सेना भेजी लेकिन लड़ाई बोहत भयंकर थी जिसमे हज़ारों कोली मारे गए और मुग़ल सेना मारी गई। कोली विद्रोह ने औरंगज़ेब को हिला के रख दिया था। इस लड़ाई में लड़ते लड़ते खैमी सरनाईक सहीद हो गए लेकिन कोली विद्रोह इतना प्रचंड था कि औरंगज़ेब घबरा गया।
कोली विद्रोह को देखते हुए औरंगज़ेब ने खैमी सरनाईक के बीबी और बच्चों को मार डाला ताकि आगे चलके उसके बच्चे भी जंग ने छेड दें। उसके बाद औरंगज़ेब ने खैमी सरनाईक के रिश्तेदारों को भी ढूंढा और सर कलम कर दिए क्योंकि औरंगज़ेब को डर था कही उसके रिस्तेदारों में से कोई दुवारा ऐसी जंग ने छेड़ दे।
इसके बाद सुल्तान औरंगज़ेब हज़ारों कोलियों को बंदी बनाकर जुन्नर ले गया और सभी के सर कलम कर दिए। उनके ऊपर ही एक स्मारक बना दिया जिसे आज कोली चबूतरा बोला जाता हैं ।[१]
सन्दर्भ[सम्पादन]
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- ↑ Ghurye, g s (1963). The Mahadev Kolis. http://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.127221.