गढ़वाली लोक साहित्य
EverybodyWiki Bios & Wiki से
परिचय[सम्पादन]
'गढवाली लोक साहित्य की प्रस्तावना' पुस्तक की भूमिका में मोहनलाल बाबुलकर लिखते हैं कि "साधारण जनता जिन शब्दों में गाती है, रोती है, हँसती है और खेलती है उन सबको लोक साहित्य के अन्तर्गत रखा जा सकता है।
गढवाली लोक साहित्य का वर्गीकरण[सम्पादन]
This article "गढ़वाली लोक साहित्य" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:गढ़वाली लोक साहित्य.