चुनावी धोखाधड़ी
जैसा कि हम जानते हैं कि ईवीएम मशीन एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है और यह भी कुछ प्रोग्राम्स के जरिए चलता है, जैसा कि अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण। सवाल यह है कि इसमें गडबड़ी किया जा सकता है कि नहीं? तो जवाब है हां यह काम साफ्टवेयर इंजीनियर जो ईवीएम के लिए प्रोग्राम लिखता वो दो तीन लाईन में चेंज कर ऐसा कर सकता। विशेष परिस्थिति में रीजल्ट चेंज करने के लिए प्रोग्राम होता वो चाहे तो गणना के रीजल्ट को पांच गुना करके रीजल्ट दिखाएगा। मेन मेमोरी मे डाटा एक प्वाइंटर के जरिए स्टोर होता तो इस प्वाइंटर को किसी संख्या से गुणा कर दे तो रीजल्ट जो स्टोर होगा वह उतने गुना होगा। इसमें कंडीशन भी लगा सकते ताकि किसी विशेष स्तिथि मे ही ऐसा हो। जैसे राम श्याम अनिता ये कुछ नम्बर पाते हैं अब अगर हम चाहे तो अनिता के नम्बर को मेन मेमोरी मे स्टोर करने से पहले उसके प्वाइंटर को पांच का गुणा कर दे तो जब राम श्याम 2,2 अंक पाते तो उनका प्वाइंटर 2 अंक स्टोर करेगा लेकिन जैसे अनिता नाम आया तो उसका प्वाइंटर उसे 5 गुना स्टोर करेगा यानी 10।बहुत आसान है ऐसे गडबड़ी करना खासकर जब ईवीएम मशीन बनता है। इसलिए ऐसे गडबड़ी मे इंटरनेट की जरूरत नहीं होती या अन्य किसी उपकरण की यह तो पहले से ही गडबड़ी हो सकती थोडी चालाकी से। This article "चुनावी धोखाधड़ी" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical.