जमीदार मीणा
जमींदार मीणा उत्तर भारत के राजस्थान राज्य के मीणाओं से संबंधित हैं, मीणा जाति में सबसे ऊंचा वर्ग जमीदार मीणा है और और इसके सबसे अधिक आबादी वाले समूह हैं, जिनकी संख्या 20 मिलियन से अधिक है। वे धुंदरी (मारवाड़ी) भाषा बोलते हैं। सारे जमीदार मीणा खेती व पशुपालन से जुड़े हुए हैं। कुमार सुरेश सिंह की पुस्तक पीपल ऑफ इंडिया के अनुसार, सभी मीना समूहों में जमींदार मीणा क्षत्रिय जाति है जमीदार मीणा भी राजपूतों के बराबर क्षत्रिय हैं। स्थानीय सामाजिक अनुष्ठान पदानुक्रम में उन्हें एक स्वच्छ जाति का दर्जा प्राप्त है। जैसा कि इतिहास में पाया गया है ज़मीदार मीणा सवाई माधोपुर, जयपुर, अलवर पे राज किया हैं सर्वाधिक जमीदार मीणा सवाई माधोपुर में निवास करते है। सारे मीणा राजा जमीदार मीणा ही है जैसे की आलन सिंह मीणा, बूंदा मीणा, राव हम्मीर मीणा, बिजेंद्र गुणावत और राजवीर मीना या सारे मीणा जाति के प्रमुख राजा व सरदार है।
जमीदार मीणा के प्रमुख गोत्र[सम्पादन]
चंदा , सूसावत , टाटु , नोरावत , बडगोती , मरमट , महर , सिरा, जोरवाल, सेहरा , नारेड़ा , बरवाल, घुनावत, जारेडा ,ब्याडवाल,जारवाल, डोबवाल , बखंंड, इनके अलावा और भी गोत्र है ।
सबसे अधिक जनसंख्या वाले गोत्र
मीणा समाज में सबसे अधिक जनसंख्या वाला गोत्र मरमट, बड़गोती, जोरवाल, सिर्रा, महर है। इन गोत्रों की जनसंख्या बहुत सारी जातियों से भी अधिक है ।
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