जाटवान मलिक
जाटवान एक महान जाट यौद्धा था जिसने कुतुबुद्दीन ऐबक से 3 दिन 3 रात तक अपनी छोटी सेना के साथ युद्ध किया था। इनका जन्म रोहतक हरियाणा में हुआ था। हांसी के पास दीपालपुर में इनका राज था। कुतुबुद्दीन की धर्म विरोधी नीतियों से तंग आकर सबसे पहले आवाज उठाने वाले इस हिन्दू वीर यौद्धा ने हांसी में ऐबक के मुस्लिम किलेदार को मार भगाया।उसके बाद ऐबक की विशाल सेना और जाटवान की छोटी सी सेना के बीच भयानक युद्ध हुआ। अंत में जाटवान 10 यौद्धाओं के साथ ऐबक के सुरक्षा घेरे में घुस गया और ऐबक को नीचे उतरकर लड़ने के लिए ललकारा पर कायर ऐबक ने मना कर दिया।[१]
यइ युद्ध 3 दिन 3 रात तक चलता रहा अंत में ये यौद्धा वीरगति को प्राप्त हुआ।
युद्ध समाप्त होते ही ऐबक फुट फुट कर रोया क्योंकि उसका बहुत नुकसान हो गया था।उसने कहा कि काश मैं इस यौद्धा को अपनी तरफ मिला लेता तो भारत के बहुत बड़े हिस्से को जीत लेता।जाटवान का जन्म एक जाट क्षत्रिय परिवार में हुआ था।[२]
सन्दर्भ==[सम्पादन]
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