झलारिया महादेव मंदिर
पन्ना टाइगर रिजर्व के बीचों-बीच स्थित दुर्गम पहाड़ी और घने जंगलों में महादेव का अनूठा प्राचीन स्थल है। जिसे झलारिया महादेव के नाम से जाना जाता है। ज्वालामुखी के लावा से निर्मित पहाड़ की गुफा में झलारिया महादेव मंदिर स्थित है।
यहां पहाड़ियों से गिरता कंचन जल महादेव का अभिषेक करता है। यहां सिर्फ साल भर में एक बार जाने की अनुमति दी जाती है। यह महादेव का स्थल सदियों पुराना है और उस समय का है जब नेशनल पार्क की स्थापना ही नहीं हुई थी और इसके आसपास चारों और आदिवासी वनवासियों के गांव हुआ करते थे। तभी से यह मंदिर वहां पर स्थापित है। टाइगर रिजर्व के पूर्व इस स्थान पर प्रतिदिन लोग पूजा अर्चना करने जाते थे।
टाइगर रिजर्व के हिनौता गेट से करीब 20 किमी दूर ये मंदिर है। घने जंगलों के बीच से गुजरकर मंदिर के लिए जाना होता है। बड़ी पहाड़ी के नीचे महादेव का शिवलिंग स्थापित है। मंदिर की गुफा में सबसे खास और रहस्मयी बात यहां हजारों फीट ऊंचे पर्वत के अंदर जलधाराएं हजारों सालों से 365 दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रही हैं। जलधाराओं का स्रोत कहां है, किसी को पता नहीं चल सका।
झलारिया महादेव में पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में मौजूद है। मंदिर में बसंत पंचमी के दिन श्रीमद् भागवत कथा आयोजित की जाती है, जिसमें मंदिर समिति से जुड़े और टाइगर रिजर्व प्रबंधन से जुड़े लोग ही शामिल होते हैं। कथा के समापन अर्थात बसंत पंचमी से सातवें दिन यहां आम श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए अंदर जाने की अनुमति दी जाती है। कथा समाप्ति के दिन भंडारे का आयोजन किया जाता है। यहां पर जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मनोकामना मांगता है, वह पूरी जरूर होती है।
पन्ना टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के पन्ना एवं छतरपुर जिलों के 576 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान वर्ष 1981 में स्थापित किया गया था एवं वर्ष 1994 में टाइगर रिजर्व का दर्जा प्राप्त हुआ है।
पीटीआर बनने के बाद झलारिया महादेव स्थान पर प्रबंधन द्वारा लोगों की आस्था और विश्वास को देखते हुए वर्ष में एक बार श्रद्धालुओं को निशुल्क कोर क्षेत्र में जाकर दर्शन करने की अनुमति देता है यह अनुमति सुबह से लेकर दोपहर 1 बजे तक प्रवेश करने की होती है। हिनौता बीट में दर्जनों टाइगर का मूवमेंट होता रहता है, इस कारण टाइगर रिजर्व प्रबंधन छोटी कार और दुपहिया वाहनों से झलारिया महादेव मंदिर जाने की अनुमति नहीं देता है। निजी बड़े चार पहिया वाहन से लोग अंदर जा सकते हैं।
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