धृष्टद्युम्न की पत्नियाँ
धृष्टद्युम्न की पत्नियाँ कही कथाओं में मानी जाती है परंतु कही कथाओं में धृष्टद्युम्न के पत्नी का नाम शाशवथी था। और कही कथाओं में जैसे की शांतिपर्व में धृष्टद्युम्न को ज्यादातर पत्नियाँ थी जैसे की - शशिरेखा,अजवंती,धर्मावती,धनुमती,चंद्राक्षी और कई और पत्नियाँ। यह महाभारत के कही कथा में जैसे धृष्टद्युम्न का वध,में शामिल नहीं थे फिर वह धृष्टद्युम्न की पत्नियाँ वेदव्यास के शांतिपर्व में आए। धृष्टद्युम्न की पत्नियाँ का विवाह और उनका मृत्यु और उनका बच्चा होना सभी शांतिपर्व इस पर्व में मौजूद है। और धृष्टद्युम्न की पत्नियों का प्रस्तावना यह सभी स्त्रीपर्व में मौजूद है।
कही कथाओं में प्रस्तुत है की धृष्टद्युम्न को ज्यादातर या एक से अनेक पत्नियाँ थी। उनके पत्नियों का नाम यह है -
राजकुमार धृष्टद्युम्न की पत्नियाँ[सम्पादन]
श[सम्पादन]
शाशवती[सम्पादन]
वह महाभारत की शांतिपर्व में मानी जाती है और पांडु की पुत्री भी। उसके भैया पांडव थे। उसके पुत्र क्षत्रवर्मन और क्षत्रधर्मन था।
शशिरेखा[सम्पादन]
शशिरेखा जरासंध की बहन है। वह धृष्टद्युम्न की दूसरी पत्नी है। उसके पुत्रों का नाम क्षत्रंजय, धृश्ठकेतु था।
अ[सम्पादन]
अजवंती[सम्पादन]
अजवंती धृष्टद्युम्न की तीसरी पत्नी मानी जाती है।
ध[सम्पादन]
धनुमती[सम्पादन]
धनुमती धृष्टद्युम्न की चौथी पत्नी है। उसकी कथा शांतिपर्व में है और बहुत कुछ नही धनुमती के बारें में और उसका भैया का नाम धनराज था। उसकी बहन धनुमती का विवाह धृष्टद्युम्न से हो गया। वह द्रुपद और पृशति की चौथी पुत्रवधु है।
धर्मावती[सम्पादन]
धर्मराज की पुत्री धर्मावती थी। धर्मावती धृष्टद्युम्न की पाँचवी पत्नी थी।
च[सम्पादन]
चंद्राक्षी[सम्पादन]
चारूरथ नामक एक राजा थे। उनकी पुत्री का नाम चंद्राक्षी था जो कि धृष्टद्युम्न की छठी पत्नी थी। रानी चंद्राक्षी की कथा बेहद अनजान है पर सच है कथाओं में। चंद्राक्षी की कहानी वेदव्यास की एक महान पर्व जो कि स्त्रीपर्व या शांतिपर्व।
भ[सम्पादन]
भानुमित्रा[सम्पादन]
हिंदु महाभारत महाकाव्य के अनुसार,भानुमित्रा धृष्टद्युम्न की सातवी पत्नी थी और द्रुपद और उनकी पत्नी पृशति की सातवी पुत्रवधु है।
धृष्टद्युम्न की पत्नियों की कहानी[सम्पादन]
कथाओं में धृष्टद्युम्न को छह पत्नियां है। उनकी कहानियाँ अनजान है पर शाशवथी और शशिरेखा की कहानी मौजूद है। दुर्योधन को स्वयं स्त्रियाँ बहुत पसंद आते थे। वह अपने लिए शाशवती,और उसके छोटे भाई दुशासन के लिए शशिरेखा। पर उन स्त्रियों ने जब विवाह किया, वह कलिंग राजकुमारी अंजना गया क्योंकि उसका अपहरण करने के लिए।
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