परवेज़ सागर
परवेज़ सागर (Parvez Sagar) भारत के वरिष्ठ पत्रकार और प्रसारणकर्ता हैं. उन्हें मीडिया फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा राष्ट्रीय मीडिया उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. छात्र जीवन में ही उनका झुकाव पत्रकारिता की ओर हो गया था. वर्ष १९९७ में उन्होंने एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र के साथ जुड़ने के बाद अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की. २००१ में स्नातक करने के बाद वे पत्रकारिता से पूरी तरह जुड़ गए. उन्होंने लगभग ५ वर्षों के लंबे समय तक प्रिंट मीडिया में काम किया. उन्होंने जेवीजी टाइम्स, पब्लिक एशिया, दैनिक जागरण और शाह टाइम्स जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के साथ काम किया.
परवेज़ सागर ने ईटीवी के साथ अपने टीवी करियर की शुरुआत की. उसके बाद उन्होंने सहारा समय यूपी में छह महीने काम किया और वर्ष २००३ में उन्हें रिपोर्टर के रूप में भारत के सर्वश्रेष्ठ समाचार चैनल आजतक के लिए चुना गया. उन्होंने वहां ५ साल तक काम किया. फिर उन्होंने CNEB न्यूज़ चैनल, CNN, ZEE न्यूज़, महुआ न्यूज़ और भास्कर न्यूज़ के साथ पत्रकारिता की. इस अवधि के दौरान मीडिया फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा उन्हें नेशनल मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया. यह उनके जीवन की बड़ी उपलब्धि थी. यह पुरस्कार एनसीआर में ज़हर वाली सब्जियों पर स्टिंग ऑपरेशन के लिए था. इसके अलावा उन्हें पत्रकारिता और प्रसारण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए कई संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया.
वर्ष २०१४ में उन्होंने आजतक, इंडिया टुडे समूह में वापसी की और वहां सहायक संपादक के रूप में फिर से उनकी नियुक्त की गई. वर्तमान में वे आजतक (टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड) में वरिष्ठ सहायक संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं. वह आजतक डिजिटल के क्राइम हेड के तौर पर जिम्मेदारी निभा रहे हैं. साथ ही वे इंडिया टुडे मीडिया इंस्टीट्यूट (ITMI) में डिजिटल पत्रकारिता भी पढ़ा रहे हैं.
परवेज़ सागर का नाम कई बड़ी खबरों के लिए जाना जाता है. जिनमें आगरा का ताज कॉरिडोर केस, उत्तर प्रदेश का एलडीए भूमि घोटाला, यूपी का स्कूल घोटाला, एनसीआर में ज़हरीली सब्जियों पर स्टिंग ऑपरेशन और २००४ में उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आड़वाणी की भारत उदय यात्रा भी शामिल है. परवेज़ सागर को इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा मोस्ट हार्ड वर्किंग इम्पलोई के खिताब से भी सम्मानित किया जा चुका है.
परवेज़ सागर उत्तर प्रदेश से पहले ऐसे पत्रकार हैं, जिन्हें ताज कोरिडोर और एलडीए स्कैम जैसी बड़ी खोजी खबरों के कवरेज के दौरान कई तरह की धमकियां मिलीं और उन पर दो बार हमले हुए. वर्ष २००४ में उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें एक्स श्रेणी की पुलिस सुरक्षा प्रदान की थी. वर्ष २००६ में एलडीए घोटाले का खुलासा करने के बाद उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी.
परवेज़ सागर प्रसिद्ध भारतीय गैर-लाभकारी संगठन स्मार्ट एजुकेशन एंड वेलफेयर एसोसिएशन® ’SEWA' और परवेज़ सागर फाउंडेशन, इंडिया के संस्थापक भी हैं. ये दोनों संगठन शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, बाल अधिकार, जल संरक्षण और उत्तर भारत में युवा विकास के लिए काम कर रहे हैं.
वे यूपी के सहारनपुर, आगरा और गाजियाबाद शहर में गरीब और श्रमिक वर्ग के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा केंद्र चला रहे हैं. श्री सागर ने न्यूज़ मीडिया के क्षेत्र में और उनके सामाजिक प्रयासों के लिए कई मीडिया और सांस्कृतिक संगठनों द्वारा उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया.
परवेज़ सागर एक खूबसूरत आवाज़ के मालिक हैं. वो अपनी ख़बरों के लिए खुद से वीओ करते रहे हैं. जल्द ही आजतक रेडियो पर उनका एक क्राइम शो भी प्रसारित होने जा रहा है. उन्हें रंगमंच और गाने का शौक भी है. उनके गीतों और ख़बरों को उनके निजी यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है.
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