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पांचुड़ाला

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पंचायत पांचुडाला जयपुर जिले की पावटा तहसील में स्थित एक पहाड़ी इलाका है। इसकी सीमा अलवर जिले से लगी हुई है। NH-48( पुराना नाम NH-8) से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। महाभारतकालीन बैराठ सभ्यता ( विराटनगर सभ्यता) पांचुडाला के दक्षिण में स्थित है। इस गाँव की छीण्ड की ढ़ाणी में पहाड़ी के तलहटी में भीमलत जो की पाण्डु पुत्र भीम के लात देने से इसका निर्माण हुआ है इस भीमलत पर ही गाय, घोड़ा व अन्य जानवरों के खूरो के अवशेष विद्यमान है जो की गहरे हैं।बिलाली की पहाड़ी जिसका अंतिम छोर यही पर है जोकि 775 मीटर ऊंची है। गाँव का सबसे बड़ा एनीकट गाड़ा की ढ़णी में जिसके भरने पर वर्ष भर आस पास के क्षेत्र में सिचाई का स्तर बना रहता है।

यह गांव बनियों की हवेलियों के लिए प्रसिद्ध हैं जो की पुरानी हैं।

गौरीसहाय हरनाथ का राजकीय माध्यमिक विद्यालय , पांचुडाला

राजकीय प्राथमिक चिकित्सालय, पांचुडाला

राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक , पांचुड़ाला

इतिहास[सम्पादन]

हजारों वर्षों पहले एक गुर्जर समाज का व्यक्ति( रावत गौत्र) जो अपनी विराटनगर न्यायालय में पेशी देने के लिए आ रहा था रास्ते में भैरू बाबा ने उसे रोक लिया और कहा कि राहगीर रुको तब वह रुक गया और भैरू बाबा से कहने लगा की मुझे आपने क्यों रोका तब भैरू बाबा ने कहा मेरी तुम यहाँ पर पूजा करना और रह जाना तब राहगीर रुक गया और भैरव बाबा की पूजा करने लगा इस दौरान भैरू बाबा ने घोड़े वाले राहगीर से कहा कि तेरे से जितनी दूर में घोड़ा फेरा जाय उतनी दूर में घोड़ फेर लेना लेकिन एक शर्त कि घोड़े पर बैठने के बाद रुकना व पीछे मुड़कर मत देखना न तो वही पर सीमा प्रतिबंधित हो जाएगी तब उस व्यक्ति ने घोड़े पर 180000 ( अठारह हजार ) बीघा की घोड़े से फेरी की थककर रुक गया और पांचुडाला गाँव की सीमा निर्धारित हो गई तब से इस गाँव की मुख्यतः स्थापना मानी जाती है। इस व्यक्ति / राहगीर को भैरव बाबा ने अपनी पुजा करने के लिए भौफा बना लिया और आज भी भौफे के वंशज भैरव बाबा की पुजा करते आ रहे है | ये सभी स्रोत सभी ग्रामवासियों और भौफों के अनुसार ( जनश्रुतियों के अनुसार ) हैं।ों

पर्यटन स्थल[सम्पादन]

1. चुलसिद्ध बाबा का मंदिर

2.सिद्ध - मुनी जी का मंदिर

3. मंगलदास बाबा का मंदिर

4. बजरंग दास बाबा का मंदिर

5. भोमिया बाबा का मंदिर

6. देवनारायण मंदिर

7. भैरू बाबा का मंदिर ( भैरुजी मंदिर / भैरव मंदिर )

8. हिरामल बाबा का मंदिर ( देव बाबा )

9. जीण माता का मंदिर

10. तेजाजी मंदिर

11. हनुमान जी मंदिर



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