You can edit almost every page by Creating an account. Otherwise, see the FAQ.

बाबा अमर सिंह पवन

EverybodyWiki Bios & Wiki से
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

बाबा अमर सिंह पवन को अमरा नाम से भी जाना जाता है। बाबा अमर सिंह पवन सनातन धर्म में एक प्रसिद्ध लोकदेवता है। जो दिल्ली, हरियाणा यूपी और पंजाब में अधिकांश पूजे जाते हैं । इनका इतिहास ७०० से भी अधिक वर्ष पूराना हैं। इनके गुरू गोरखनाथ को माना जाता है और गुरू गारब को भी इनके गुरू की संज्ञा दी गई है। बाबा अमर सिंह को शिव जी का अवतार माना जाता है । और इनका मंदिर यमुना रामघाट वजीराबाद दिल्ली में स्थापित है इसके अतिरिक्त काठा में स्थापित है।बाबा अमर सिंह पवन के जोड़े कई शक्ति चलती है जैसे - माता नथिया , माता महाकाली, देवी हिंगलाज, पांचों बावरी, रेहपा चौधरी , बाबा बुध सिंह, माता मसाणी, माता शितला, यमुना मैया और गुरू गोरखनाथ और गुरू गारब के साथ धूणी माई तथा पांच वीरों की शक्ति इनके साथ चलती है। और नौगजा पीर एवं काठे का पीर भी इनके जोड़े चलाता है््््््

अमर सिंह पवन , अमरा
चित्र:Jaibabaamra.jpg
निवासस्थान यमुना रामघाट वजीराबाद दिल्ली, काठा गांव
अस्त्र सोटा
Day रविवार
माता-पिता माता मेसरी, पिता फकिरा
सवारी हथिनी
त्यौहार ज्येष्ठ मास गंगा दशहरा

इतिहास[सम्पादन]

बाबा अमर सिंह पवन को शिव जी का अवतार माना जाता है। इनकी पूजा शिव के बाल रूप में कि जाती है। और बालक रूप में ही इन्हें पूजा जाता है। इनके गुरू गारब हैं और गोरखनाथ को भी इनका गुरू माना जाता है ।और माता का नाम मेसरी और पिता का नाम फकिरचंद है। जिन्हें फकिरा नाम से जाना जाता है। कथा अनुसार बाबा अमर सिंह पवन को अमरा नाम से भी जाना जाता है।और इनका जन्म काठा गांव में हुआ था। कथा अनुसार जब माता मेसरी अमरा को लेकर लकड़ी चुगने आई तो वहां एक नाग ने बालक अमरा को डंक मारा। तब सभी गांव के लोग एकत्रित हो गए और सपेरे को बुलवाया गया।

चित्र:Baba Pawan.jpg
बाबा अमर सिंह पवन


जब सपेरे से कुछ नहीं हुआ तो लोगों के कहने पर माता मेसरी ने अमरा को यमुना नदी की बहती धारा में बहा दिया। और पुत्र वियोग में माता मेसरी ने अपने प्राण त्याग दिए। माता यमुना की बहती धार में एक बालक को माता नथिया ने बहता हुआ आते देखा। माता नथिया ने उस बालक को यमुना नदी से बाहर निकला और माता यमुना ने प्रकट होकर नथिया से अमरा को देवी हिंगलाज के पास ले जाने को कहा। माता नथिया ने देवी हिंगलाज की कठोर तपस्या करके उन्हें प्रसन्न किया और अमरा को अमर करवाया। माता हिंगलाज ने अमरा को नया नाम अमर सिंह पवन दिया और साथ में वज्र का शरीर का भी वरदान दिया। बाबा अमर सिंह पवन को माता नथिया ने ढाक बंगाले राजस्थान में विद्या सिखाई । बालक अमर सिंह पवन को माता नथिया ने गुरू गोरखनाथ के पास भेजा और गुरू गोरखनाथ ने उन्हें पांच वीरों का वरदान दिया। और धूणी माई भी दी। बाबा अमर सिंह पवन ने शिव जी की तपस्या करके उनसे 14 कलाओं का वरदान लिया और शिव ने अमर सिंह पवन को अपने बाल रूप में पूजे जाने का वरदान दिया। तथा कलयुग में सभी की भलाई करने की आज्ञा दी। बाबा अमर सिंह पवन ने गुरू गारब से जादू की शिक्षा प्राप्त की और उन्हें अपना गुरु ग्रहण किया। और माता नथिया और पांचों बावरी से मिलकर जगत भला किया ।

चित्र:Baba amar singh Pawan.jpg
बाबा अमर सिंह पवन माता नथिया गुरू गोरखनाथ और पांचों बावरी के साथ


मंदिर[सम्पादन]

बाबा अमर सिंह पवन की सर्वप्रथम सेवा जसोर खेड़े हरियाणा के भूरिया मामन ने की और स्वर्गीय श्री रामफल गुरू ने इनका मंदिर यमुना रामघाट वजीराबाद दिल्ली में बनवाया रामफल गुरू जी के सुपुत्र श्री कल्ली गुरू जी थे।और जुम्मा गुरू ने इनकी एक नई लाइन बनाई और आज भी स्वर्गीय श्री राजेश करोतिया गुरू की मूर्ति यमुना रामघाट वजीराबाद दिल्ली में स्थापित है। यहां हर रविवार मेला भरता है और ज्येष्ठ मास गंगा दशहरा पर सभी भक्त यमुना में स्नान करके बाबा अमर सिंह पवन के दर्शन करते हैं। और इसके अतिरिक्त काठा गांव में भी बाबा अमर सिंह पवन का मंदिर है।

चित्र:Jamnajibabakadham.jpg
जमना धाम रामघाट वजीराबाद दिल्ली

इन्हे भी देखें

[१]

गोगाजी

गोरखनाथ

हिंगलाज माता मन्दिर





संदर्भ[सम्पादन]

This article "बाबा अमर सिंह पवन" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:बाबा अमर सिंह पवन.

  1. बाबा अमर सिंह पवन जानकारी स्वर्गीय श्री भूरिया मामन जी स्वर्गीय श्री रामफल गुरू स्वर्गीय श्री कल्ली गुरू स्वर्गीय श्री जुम्मा गुरू स्वर्गीय श्री राजेश करोतिया गुरू स्वर्गीय श्री महेंद्र गुरू जी श्री अशोक चांवरिया गुरू उत्तम नगर श्री देवेन्द्र बिड़ला स्वर्गीय श्री ओमप्रकाश गुरू स्वर्गीय श्री बबलू दास गुरू श्री सुरजे गुरू श्री हवा सिंह गुरू श्री अजय चांवरिया गुरू अमरा फिल्म्स यह सभी जानकारी उपयुक्त बड़े गुरुओं द्वारा है । किसी से भी कैसी भी जानकारी एवं मनघड़ंत कहानी का विस्वास नही करे एवं बड़े गुरुओं द्वारा दी गई जानकारी को ही माने । धन्यवाद


Read or create/edit this page in another language[सम्पादन]