बाबू लक्ष्मी प्रसाद
यह जीवनचरित लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
==Rajnandan==
बाबू लक्ष्मी प्रसाद इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC) के नेता हैं। चंपारण सुगर कं लिमिटेड बारा चकिया का चीनी मिल जब तक चालू था वे वहाँ कार्यरत थे। उन्होंने वहाँ के मजदूरों के हित के लिए अपना जीवन समर्पित किया। १९९४ में चीनी मिल बंद होने के बाद वहाँ हजारों की संख्या में मजदूर बेरोजगार हो गए। इसके साथ-साथ हजारों की संख्या में वे लोग भी बेरोजगार हो गए जिनकी रोजी-रोटी अप्रत्यक्ष रुप से चीनी मिल के साथ जुड़ी थी। मिल बंद होने से वहाँ के स्थानीय बाजार पर भी बहुत बुरा असर पड़ा। बाबू लक्ष्मी प्रसाद ने इन सभी समस्याओं को देखते हुए मिल को दुबारा चालू करवाने के लिए कानपुर से लेकर दिल्ली और जहाँ कहीं भी जरुरत पड़ी वहाँ-वहाँ बहुत दौड़-धूप तथा अपना पुरा प्रयास किया। वे मजदूरों के सच्चे मित्र हैं। मूल रुप से उनका संबंध बिहार के शिवहर जिले के बसन्तपट्टी गाँव से है। वर्तमान में वे बारा चकिया में हीं रहते हैं।Rajnandan (वार्ता) 12:42, 24 अप्रैल 2020 (UTC)
This article "बाबू लक्ष्मी प्रसाद" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:बाबू लक्ष्मी प्रसाद.