बिहार के महत्वपूर्ण स्थलों की सूची
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बिहार के महत्वपूर्ण स्थलों की सूची में महत्वपूर्ण स्थलों का नाम अकारादि क्रम से उनके संक्षिप्त परिचय के साथ शामिल किया गया है। यह अभी अपूर्ण सूची है।
औरंगाबाद[सम्पादन]
देव सूर्य मंदिर, देवार्क सूर्य मंदिर या केवल देवार्क के नाम से प्रसिद्ध, यह भारतीय राज्य बिहार के औरंगाबाद जिले में देव नामक स्थान पर स्थित एक हिंदू मंदिर है जो देवता सूर्य को समर्पित है। यह सूर्य मंदिर अन्य सूर्य मंदिरों की तरह पूर्वाभिमुख न होकर पश्चिमाभिमुख है। माना जाता है यहां देव माता अदिति ने की थी पूजा मंदिर को लेकर एक कथा के अनुसार प्रथम देवासुर संग्राम में जब असुरों के हाथों देवता हार गये थे, तब देव माता अदिति ने तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए देवारण्य में छठी मैया की आराधना की थी। तब प्रसन्न होकर छठी मैया ने उन्हें सर्वगुण संपन्न तेजस्वी पुत्र होने का वरदान दिया था। इसके बाद अदिति के पुत्र हुए त्रिदेव रूप आदित्य भगवान, जिन्होंने असुरों पर देवताओं को विजय दिलायी। कहते हैं कि उसी समय से देव सेना षष्ठी देवी के नाम पर इस धाम का नाम देव हो गया और छठ का चलन भी शुरू हो गया।
बोधगया[सम्पादन]
बिहार की सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक जगहों में से एक बोधगया है. गया जिले में स्थित महाबोधि मंदिर पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है. ऐसा कहा जाता है कि यहीं बोधि वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. जो आज के दौर में बिहार के टूरिस्ट प्लेस में से एक माना गया है. यहां सबसे अधिक विदेश से लोग घूमने के लिए आते हैं.
नालंदा[सम्पादन]
बिहार का नालंदा जिला प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. यहां की पवित्र धरती ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है. यहां की प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है. यह जगह बिहार की राजधानी पटना से लगभग 95 किमी दूर पर स्थित है.
अंग महाजनपद[सम्पादन]
प्राचीन भारत के १६ महाजनपदों में से एक था। सर्वप्रथम अथर्ववेद में उल्लिखित अंग-प्रदेश के अंतर्गत महाभारत के साक्ष्यों के अनुसार आधुनिक भागलपुर, मुंगेर और उससे सटे बिहार और बंगाल के क्षेत्र आते थे। इसकी राजधानी चंपा थी।
जमुई[सम्पादन]
बिहार का प्रमुख जैन तीर्थ स्थल जिसे प्राचीन काल में जूम्भिकग्राम और जमबुबानी के नाम से जाना जाता था। यहीं उज्जिहवलिया नदी के तट पर भगवान महावीर ने दिव्य ज्ञान प्राप्त किया था।
दरभंगा[सम्पादन]
उत्तरी बिहार में बागमती नदी के किनारे बसा दरभंगा एक जिला एवं प्रमंडलीय मुख्यालय है। रामायण काल में मिथिला के नाम से जाना जाने वाला इस शहर के आधुनिक स्वरूप का विकास सोलहवीं सदी में मुग़ल व्यापारियों तथा ओईनवार शासकों द्वारा विकसित किया गया। यह जिला आम और मखाना के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
पटना[सम्पादन]
बिहार की राजधानी पटना प्राचीन काल में पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। मेगास्थनीज (३५० ईपू-२९० ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी पुस्तक इंडिका में इसके बारे में पलिबोथ्रा नाम से लिखा है। वर्तमान में गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित यह शहर, हिंदुओं के साथ ही बौद्धों, जैनियों मुसलमानों और सिक्खों के लिए भी महत्वपूर्ण स्थल है।
बक्सर[सम्पादन]
बिहार के पश्चिम्ी भाग मे गन्गा नदी के तट पर स्थित यह ऐतिहासिक एवं पौराणिक दृष्टि से से महत्वपूर्ण शहर है। व्याघ्रसर नाम से प्राचीन काल में प्रसिद्ध यह स्थल बाघों का मुख्य आवास था जहाँ एक विशाल सरोवर हुआ करता था। यहाँ ऋषि विश्वामित्र के आश्रम में राम और लक्ष्मण का प्रारम्भिक शिक्षण-प्रशिक्षण हुआ था। बाद में राम ने यहाँ ताड़का वध किया था। १७६४ ई॰ में यहाँ बक्सर का भीषण युद्ध हुआ था जिसने भारत में अंग्रेजी साम्राज्य की स्थापना का मार्ग आसान बना दिया था।
वैशाली[सम्पादन]
बिहार के तिरहुत प्रमंडल का जिला शहर जो विश्व के प्राचीनतम गणतंत्र के रूप में जाना जाता है। भगवान महावीर की जन्म स्थली होने के कारण जैनियों का यह तीर्थस्थल भगवान बुद्ध के तीन बार आगमन के कारण बौद्धों के लिए भी महत्वपूर्ण तीर्थ-स्थल है। रामायणकालीन इस शहर में आज कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थान हैं।
मुंगेर[सम्पादन]
बिहार का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व वाला शहर जिसे महाभारत काल में मोदगिरी नाम से जाना जाता था। बंगाल के अंतिम नवाब मीरकासिम ने इसे अपनी राजधानी बनाया था।
सीतामढ़ी[सम्पादन]
यह सीता की जन्म-स्थली के रूप में पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है। त्रेता युग में राजा जनक की पुत्री तथा भगवान राम की पत्नी देवी सीता का जन्म पुनौरा में हुआ था।
बाहरी कड़ियाँ[सम्पादन]
बिहार की सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक जगहें
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