You can edit almost every page by Creating an account. Otherwise, see the FAQ.

भगवान श्री अनंत माधव

EverybodyWiki Bios & Wiki से
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

भगवान श्री अनंंत माधव तीर्थराज प्रयाग मेें स्थित भगवान श्री द्वादश माधव मेें से ही एक हैैं। तीर्थराज प्रयाग ही संंसार का एक मात्र स्थान है जहाँ जगतनियँता भगवान श्री हरि स्वयं अधिष्ठाता के रूप मेें विराजमान हैैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान यहाँ सृृष्टि रचना के प्रारम्भिक वर्षों से ही विराजमान हैैं। वर्तमान मेें भगवान का यह स्वरूप चौफटका के पास कानपुर रोड पर सैैन्य फार्म के निकट स्थित हैै। आज इस स्थान को देेवगिरवा मँँदिर के रूप मेें जाना जाता हैै। पूूर्व मेें यह क्षेत्र देेवगिर नाम से पुुुुकारा जाता था। अपभ्रंश होकर यह आज देेवगिरवा बन गया हैै। जैैैसा सर्वविदित है कि शैैव काल आने पर सभी वैैष्णव स्थानों पर भगवान शिव विराजमान हो गए। ठीक इसी प्रकार कलियुग मेें अधिकतर स्थानों पर महावीर जी स्थापित हो चुुके हैैं।

ऐसी मान्यता है कि एकबार मुगल भगवान श्री अन्नत माधव की प्रतिमा उठा ले गए। तब यहाँ यदुवंशियों का राज्य था। यदुवंशी राजा रामचन्द्र देव ने भगवान की नई प्रतिमा स्थापित कराई और महाविष्णु यज्ञ कराया। पूरा क्षेत्र विधर्मियों के बाहुल्य का होने के कारण सुरक्षा की दृष्टिकोण से आज से 70-80 वर्ष पूर्व यहाँ के तत्कालीन पुजारी भगवान के विग्रह को घर उठा ले गए थे। तब से उनके आवास दारागँज में ही उनके परिजन नित्य आरती पूजन करते हैं।

देवगिरवा मँदिर के वर्तमान पुजारी श्री आदित्य पाण्डेय जी के अथक प्रयास और स्थानीय भक्तों के सहयोग से मँदिर परिसर में ही भगवान श्री अन्नत माधव की संगमरमर की एक नई प्रतिमा 2012 में स्थापित कराई जा चुकी है। भगवान अपनी शक्ति माता श्री लक्ष्मी जी के इस विग्रह में विराजमान हैंं। भगवान श्री अन्नत माधव की स्वतंत्र पीठ नहीं है परन्तु स्थान भगवान का स्थान यही है जहाँ नई प्रतिमा स्थापित है।

भगवान श्री अन्नत माधव के दर्शन और परिक्रमा से प्राणी को जन्म मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त होती है और भगवान अपने इस स्वरूप में भक्तों को मर्यादा प्रदान करते हैं।

भगवान श्री अन्नत माधव तीर्थराज प्रयाग

वैसे तो प्रत्येक मंगल और शनिवार को यहाँ भक्तों की भीड रहती है परन्तु कम ही लोग यह जानते हैं कि यहाँ भगवान श्री अन्नत माधव विराजते हैं। पिछले कई वर्षों से भगवान श्री द्वादश माधव वार्षिक परिक्रमा प्रारम्भ होने के कारण धीरे धीरे स्थानीय भक्त जानने लगे हैं।


This article "भगवान श्री अनंत माधव" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:भगवान श्री अनंत माधव.



Read or create/edit this page in another language[सम्पादन]