You can edit almost every page by Creating an account. Otherwise, see the FAQ.

भारत बंद है.. (कविता)

EverybodyWiki Bios & Wiki से
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

कोरोना जैसी महामारी को रोकने और लोगों की जान बचाने हेतु भारत सरकार द्वारा लिया गया "सम्पूर्ण भारत लॉकडाउन" का निर्णय जो प्रत्येक नागरिक के हित में है और इस महामारी से निपटने का एकमात्र उपाय भी। जिसके चलते सम्पूर्ण भारत को लॉकडाउन हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं। आपातकालीन सुविधाएं (जैसे- अस्पताल, दवाएं, राशन आदि) ही कार्यरत हैं। इस तरह के मौजूदा हालातों में आम जनता बेहद मुश्किल में हैं। विशिष्ट रूप से गरीब व मजदूर आदि जो अपने परिवार का गुजारा दैनिक मजदूरी के माध्यम से करते हैं। उनकी मजबूरी और मौजूदा हालातों की उपज ये कविता है।, जो उन सबकी आवाज़ बनकर हमारे सामने है।

कविता[सम्पादन]

हाट भी बंद हैं गांव भी बंद हैं

चलते-फिरते पाँव भी बंद हैं।

कहाँ जाऊँ मैं भोजन करने,

गुजरते दिन, रोजी-रोटी बंद है।


आटा कम है राशन कम है

हम जैसों को विकल्प भी कम हैं।

कैसे बचेंगे इस महामारी में,

हम जैसों को आश भी कम है।


घर से बेघर कोई अपना बंद है

वापस आतीं ट्रैन भी बंद हैं।

हो सके तो भिजवा देना,

घर से बेघर जो बाहर बंद हैं।


बढ़ते दिन और हौंसले कम हैं

अनुदान हेतु कागज भी कम हैं।

महामारी में जान बचेगी? ..भूखे कैसे?

भारत बंद है, स्त्रोत भी कम हैं।


- अतुल कुमार



Read or create/edit this page in another language[सम्पादन]