You can edit almost every page by Creating an account. Otherwise, see the FAQ.

भारत में पशु कल्याण पर जागरूकता एवं जनसंचार

EverybodyWiki Bios & Wiki से
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

Bharat Men Pashu Kalyaan Par Jagrukta Yevam Jansanchar

Bharat Men Pashu Kalyaan Par Jagrukta Yevam Jansanchar[सम्पादन]

.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार (सीएसआईआर,राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना स्रोत संस्थान) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान संचार  कांग्रेस, 2018 , नई दिल्ली में  भारत में पशु कल्याण अनुसंधान लेखन एवं संचार  विषय पर  पेपर प्रस्तुत करते हुए  भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड, भारत सरकार के  पूर्व प्रधान संपादक डॉ. आर. बी. चौधरी

भारत में पशु कल्याण पर पत्रकारिता एवं जनसंचार का कार्य वर्ष 1980 के दशक के दौरान शुरू हुआ। इस दिशा में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लोकप्रिय प्रकाशन सेवाग्राम जर्नल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा हिंदी में पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान पर प्रकाशित पत्रिका पशुपालक गाइड के प्रकाशन से आरंभ किया गया। जिसमें पशु कल्याण तथा जानवरों के अधिकार के मुद्दों पर शामिल किए गए और बाद में यह प्रकाशन पशु कल्याण के नए अनुसंधान और व्याहारिक ज्ञान पर आधारित विषय के प्रकाशन को अत्यधिक प्राथमिकता दिया। इसी क्रम में वर्ष 1986 से हरियाणा राज्य में स्थित करनाल के एग्रीकल्चरल रिसर्च कम्युनिकेशन सेंटर द्वारा वर्ष 1986 से प्रकाशित भारतीय कृषि अनुसन्धान पत्रिका के पहले संस्करण की शुरुआत से किया गया जिसमें कृषि और पशु विज्ञान अनुसंधान के साथ-साथ पशु कल्याण भी शामिल किए गए ।

वर्ष 1991 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से पशु पोषण पर पहली शोध पत्रिका -पशु पोषण अनुसंधान दर्शन(हिंदी त्रैमासिक) का प्रकाशन डॉ. आर. बी. चौधरी द्वारा आरंभ किया गया।  इस दिशा में सड़क पर छोड़े गए जानवरों की रक्षा करने और उनके देख-भाल संबंधी सूचना प्रकाशन के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। पशु कल्याण पर शिक्षण-प्रशिक्षण के साथ - साथ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से जमीनी स्टार पर जुड़े कार्यकर्ताओं को जागरूक करने का कार्य किया [1] [2]। और पशु कल्याण पत्रकारिता और संचार में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया और डॉ. चौधरी भारत सरकार के अधीन कार्यरत भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड मिडिया हेड का कर्यभार सौपा गया और उनहोंने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के लोकप्रिय एवं प्रख्यात - अग्रणीय अंतरास्ट्रीय प्रकाशन एनिमल सिटीजन(अंग्रेजी त्रैमासिक),जीव सारथी (हिंदी त्रैमासिक) एवं हिंदी अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाले मासिक समाचार पत्रक एडब्ल्यूबीआई न्यूजलेटर लगातार दो दशकों तक संपादन किया[1]।

डॉक्टर चौधरी गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर से पशु पोषण में स्नातकोत्तर की डिग्री के दौरान सूखे एवं पोषण विहीन-घटिया चारे को खाद्य -फफूंद( प्लूरोटस सेजारकाजू ) का उपयोग करके गोवंशीय पशुओं के लिए सबसे सस्ता और पौष्टिक आहार पर विशेष अनुसंधान कार्य किया । इसी प्रकार डॉ चौधरी के डॉक्टरल अध्ययन के दौरान पता लगाया कि गायों के दूध उतारने   के लिए हो रहे अंधाधुंध ऑक्सीटोसिन हार्मोन का प्रयोग किया जाता था वह दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य के लिए घातक होता है और दूध भी पीने लायक भी नहीं रह जाता है। वर्ष 2011 में डॉ. चौधरी के इस डॉक्टरल  रिसर्च से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड  ने ड्रग कंट्रोलर आफ इंडिया के सामने रखा और ऑक्सीटोसिन के खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया। [3] [4 ]।

रिसर्चर , विज्ञान लेखक एवं पत्रकार डॉ. चौधरी वर्ष 1994 में देश में पशु कल्याण के बेहतर प्रचार प्रसार हेतु रॉयल सोसाइटी फॉर क्रुएल्टी टू एनिमल्स, यूके (1994 -1996) द्वारा प्रायोजित पशु कल्याण पर प्रशिक्षण शिविर के आयोजन के लिए बतौर  पशु कल्याण शिक्षा अधिकारी नियुक्त किये गए और उनके बेहतरीन कार्य को देखते हुए वर्ष 1994 में भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त गया । भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के पत्रिकाओं के सम्पादन कार्य (1997-2020) का कार्य-भार सौंपा गया । सरकार की पशु कल्याण प्रसार नीति के अनुसार डॉ. चौधरी मिडिया हेड के रुप में इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया में जीव दया और करुणा को विज्ञान के नजरिये से प्रस्तुत करने का नया आयाम दिया और लोगो की पशु कल्याण में रूचि बढ़ने लगी एवं पशु प्रेमी जुड़ने लगे । उल्लेखनीय सेवाओं को देखते हुए सहायक सचिव (2007-2010) और संकाय प्रभारी- राष्ट्रीय पशु कल्याण संस्थान (2012) के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी गई। उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग  द्वारा डॉ. चौधरी को वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग द्वारा  सलाहकार नियुक्त किया गया। साथ ही साथ राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संस्था जो देश की सबसे बड़ी पशु कल्याण की फंडिंग एनजीओ "समस्त महाजन" ने भी प्रशिक्षण, मीडिया और शिक्षा के लिए सलाहकार का सम्मान प्रदान किया [1][2][3]।

पशु कल्याण अनुसंधान, शिक्षा और संचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. चौधरी को कृषि विज्ञान परिषद पुरस्कार (1982), ऋषभ पुरस्कार (2001), पशु कल्याण फैलोशिप पुरस्कार (2004) और वर्ष 2013 में न्यूज पेपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा सम्मानित किया गया। पशु चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान पर प्रकाशित होने वाली  पत्रिका पशुधन प्रहरी ने  वर्ष 2020 में  डॉ चौधरी को  पशु कल्याण के दिशा में  शिक्षा , प्रचार प्रसार एवं अनुसंधान  के उल्लेखनीय योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया है। पशु कल्याण  के नवीनतम जानकारियों के  प्रचार- प्रसार के लिए "एनिमल वेलफेयर" नामक  भारत की अग्रणी हिंदी मासिक पत्रिका का  प्रकाशन एवं संपादन कर रहे हैं।

संदर्भ:

1) For the Love of Animals

2) Animal Scientist Appointed Gauseva Advisor

3) Oxytocin’- The Dark Side to the Indian Dairy Industry (APRIL 15, 2015)/ KABANIMALEX Kabani Mary Alex;

4 ) Dr R B Chaudhary,


This article "भारत में पशु कल्याण पर जागरूकता एवं जनसंचार" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:भारत में पशु कल्याण पर जागरूकता एवं जनसंचार.