भूघूर्णनमापी
भूघूर्णनमापी एक यन्त्र है जिसकी सहायता से किसी स्थान (जैसे नगर या गाँव) का अक्षांश (लैटिट्यूड) अत्यन्त शुद्धता से मापा जा सकता है। इसका आविष्कार १९७१ ई में निरंकार सिंह ने किया था।
पृथ्वी के तल पर के किसी भी देश अथवा नगर की स्थिति का निर्धारण उस स्थान के अक्षांश और देशांतर के द्वारा ही किया जाता है। किसी स्थान के अक्षांश को मापने के लिए अब तक दो विधियाँ प्रयोग में लाई जाती रही हैं -खगोलकीय विधि तथा त्रिभुजीकरण विधि। किन्तु भूघूर्णनमापी की सहायता से किसी स्थान के अक्षांश की माप केवल अंश (डिग्री) में ही नहीं अपितु कला (मिनट) में भी प्राप्त की जा सकती है।
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