भोकाल
भोकाल संदीप कुशवाहा (इलाहाबादी भौकाल) द्वारा प्रकाशित की जाने वाली काॅमिक्स पत्रिका है। इस पत्रिका के माध्यम से प्रयागराज के छोटे बड़े कलाकार यहां के प्रसिद्ध एवं गुमनाम हो चुके स्थलों के बारे में तथा प्राचीन विरासत में मिली वस्तुओं के संरक्षण के लिए आवाज उठाने जैसे प्रमुख कार्य इस पत्रिका द्वारा भविष्य में किए जाएंगे। वर्तमान समय में इलाहाबादी भौकाल लोगों के लिए सूचना का बहुत ही अद्भुत और सुचारू सुलभ माध्यम सिद्ध हो रहा है जिसके कारण आज इस बीच के 10,000 से अधिक अलवर से हैं और 5 बड़े बड़े फेसबुक पेज जिस पर की 5000 से अधिक लोग जुड़े हुए हैं साथ में दो अन्य ग्रुप संचालित हो रहे हैं जिसमें की एक कमरा खाली है ग्रुप जिसमें 38000 सदस्य जुड़े हुए हैं और एक इलाहाबादी प्रतियोगी छात्रों का जंक्शन नामक ग्रुप में 18000 से अधिक लोग जुड़े हुए हैं इन पेज के माध्यम से प्रयागराज के दर्शनीय स्थलों को सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाया जाता है और इस पेज से लोगों का अच्छा रिस्पांस भी देखने को मिल रहा है और वह कई बार कहते हैं कि हमने इस पेज के माध्यम से प्रयागराज के बारे में बहुत सारी ऐसी चीजें जानी है जिसे हम नहीं जानते थे और हमें शर्म भी आती थी कि हम प्रयागराज के होकर इन चीजों के बारे में नहीं जानते
इस समय सोशल मीडिया पर इस के नाम से एक पेज चल रहा है जो कि इलाहाबाद में बहुत ही फेमस है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबादी भौकाल + बकैती, नैनी पुल प्रयागराज selfish point, इलाहाबादी अमरूद, प्रयागराज live, Prayagraj KumbhMela, इलाहाबादी भौकाल के बारे में बताने के लिए प्रयागराज दर्शन के नाम से एक ब्लॉक भी संचालित हो रहा है।
https://prayagrajdhrashan.blogspot.com/2021/03/Hindi-meaning-bhaukaal-allhabadibhaukaal.html
This article "भोकाल" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:भोकाल.