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मनीषा शुक्ला

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मनीषा शुक्ला (जन्म: 07 सितम्बर 1989) एक भारतीय हिन्दी कवयित्री और सरकारी अभियंता हैं। वे युवाओं मध्य अत्यन्त लोकप्रिय कवयित्री हैं। वे हिंदी को भारत से विश्व तक पुनः स्थापित करने वाले कवि डा. कुमार विश्वास के साथ भी काव्यपाठ कर चुकी हैं। वे भारत सरकार के एक उपक्रम भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड में अभियंता(इंजिनियर) के पद पर कार्यरत हैं।

प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा[सम्पादन]

मनीषा शुक्ला का जन्म 07 सितम्बर, 1989 को बिहार के हाज़ीपुर ज़िले के शुभई गांव में एक मध्यमवर्गी परिवार में हुआ था। उनके पिता अनिल कुमार शुक्ला, एक पत्रकार रहे हैं। उनकी माता श्रीमती रिंकी शुक्ला गृहिणी हैं। वे एक भाई और दो बहनों में सबसे छोटी हैं।

मनीषा शुक्ला ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूर्वोत्तर रेलवे बलिका इंटर कालेज, गोरखपुर से प्राप्त की। आगे इंजिनियरिंग की पढाई के लिए वे इलाहाबाद चली गईं। राजकीय महिला पालीटेक्निक, तेलियरगंज इलाहाबाद से उन्होने इलेक्ट्रानिक्स अभियंत्रण में डिप्लोमा किया । 2008 में नौकरी के लिए वे दिल्ली आ गईं। उन्होंने दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया कालेज से इलेक्ट्रानिक्स अभियंत्रण में स्नातक की उपाधि प्राप्त की । वे एसोसिएट मेम्बर आफ इंस्टिट्यूशन आफ इंजिनियर्स ए एम आई ई से भी इलेक्ट्रानिक्स अभियंत्रण में स्नातक हैं ।

जीवन वृत्ति[सम्पादन]

मनीषा शुक्ला ने अपना करियर भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड में अभियंता(इंजिनियर) के रूप में 2008 में शुरू किया। बचपन से ही लेखन क शौक़ होने के कारण 2017 में उनका रुझान हिंदी कवि सम्मेलन की ओर बढा और वे मंचो काव्यपठ करने लगी। मनीषा हिन्दी कविता मंच की सबसे व्यस्ततम कवयित्रियो में से हैं। उन्होंने अब तक सैकडों कवि-सम्मेलनों में कविता पाठ किया है। साथ ही वे कई पत्रिकाओं में नियमित रूप से लिखती रहती हैं।

मनीषा कहती हैं -

"इंजिनियरिंग' मेकेनिज़्म की 'सम्वेदना' है और कविता 'सम्वेदना' का 'मेकेनिज़्म' ।"

कार्य और उपलब्धियां[सम्पादन]

मनीषा शुक्ला मुख्यत: श्रृंगार रस की कवयित्री हैं लेकिन अन्य विषयो पर भी बेबाक़ी से कलम चलाती हैं। उन्होंने कई सुंदर कविताएं लिखी हैं जिनमे हिंदी कविता के नवरस मिलते हैं। "गीत" इनके लेखन की मूल विधा रही है। विभिन्न पत्रिकाओं में नियमित रूप से छपने के अलावा मनीषा द्वारा लिखा काव्य संग्रह 'मीठा क़ाग़ज़' अभी प्रकशनाधीन।

उनके बारे में पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा जी ने कहा है -

"हो सकता है मनीषा शुक्ला से बेहतर गीत किसी ने लिखे हों, लेकिन मुझे किसी का एक शेर याद आता है - कह दो मीर-ओ-ग़ालिब से, शेर हम भी कहते हैं वो सदी तुम्हारी थी, ये सदी हमारी है। "

वही हिंदी मंचो की महनीय कवयित्री प्रभा ठाकुर जी मनीषा शुक्ला के बारे में कहती हैं -

"वह अन्तः सलिला सरस्वती, जो वेदना की कटुता को पीकर संवेदना की मिठास से पाठकों को आप्लावित करेगी।"

मंच[सम्पादन]

मनीषा शुक्ला ने 2020 में हिंदी के सबसे बडे मंच "लालकिला कवि-सम्मेलन" से भी काव्यपाठ किया है। भारत के सैकड़ों छोटे-बड़े शहरों में कविता पाठ करने के अलावा उन्हे 2019 में हॉन्ग कॉन्ग भी आमंत्रित किया जा चुका है । मनीषा को 2018 में विभिन्न कारणो से चर्चा में रहे "अ‍जमेर साहित्य उत्सव" में भी मुख्य वक्ता के रूप में आंमत्रित किया जा चुका है । कवि-सम्मेलनों और मुशायरों के क्षेत्र में भी मनीषा शुक्ला एक अग्रणी कवयित्री हैं। वो अब तक हज़ारों कवि सम्मेलनों और मुशायरों मुशायरा में कविता-पाठ कर चुकी हैं। देश के सैकड़ों प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में उनके एकल कार्यक्रम होते रहे हैं। इनमें आई आई टी दिल्ली भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली, जानकी देवी महिला कालेज दिल्ली, गार्गी कालेज दिल्ली, कालिंदी कालेज दिल्ली इत्यादि कई संस्थान शामिल हैं। कई कॉर्पोरेट कंपनियों में भी मनीषा शुक्ला को अक्सर कविता-पाठ के लिए बुलाया जाता है।

टी. वी चैनल[सम्पादन]

  1. आज तक केवी सम्मेलन (KV Sammelan) डा. कुमार विश्वास के संचालन में
  2. ज़ी टीवी (Zee TV)
  3. रिपब्लिक टीवी भारत (Republic TV Bharat)
  4. सूर्या टीवी (Surya Samachar)

पुरस्कार[सम्पादन]

  1. 2020 में 'कीर्ति काले युवा गीतकार पुरस्कार'

बाहरी कड़ियाँ[सम्पादन]

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