राजगोंड राजवंश
गौड़, या गोंड, या राजगोंड भारत में आदिकाल से रहने वाली सबसे पुरानी क्षत्रिय राजवंश है। जिनका उदय प्राचीन गोंड ट्राइब/कबीले से हुआ है। जिन्होंने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झाड़खण्ड, उड़ीसा, महाराष्ट्र समेत भारत के बहुत बड़े भू भाग गोंडवाना पर राज किया।
गढ़ा राज्य का प्राचीनतम होने का उल्लेख रामनगर संस्कृत शिलालेख व् गधेन्श्रृ पवर्णनम में मिलता है। साथ ही इसका उल्लेख गुरु नानक के धार्मिक पुस्तक सूरज प्रकाश में भी मिलता है।
गोंडवाना साम्राज्य |
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अवस्था | साम्राज्य | |
राजधानी | गढ़ा, सिंगौरगढ़
चौरागढ़ (1564 - 1634) रामनगर (1634 - 1700) मंडला (1700 - 1781) | |
सबसे बड़ा नगर | भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, भिलाई, रायगढ़, नागपुर, बैतूल, सागर, विदिशा, भवानीपटना, पूरी, राँची, जमशेदपुर | |
धर्म | हिन्दू (मुख्य) गोंडी (मुख्य) | |
निवासी | गोंडीयन | |
सरकार | राजशाही | |
क्षेत्रफल | ||
- | कुल | 649121 km2 (42th) |
अंततः भारत के स्थापना के लिए वल्लभ भाई पटेल के आग्रह पर अपने राज्य, रियासत सरकार को दान दे दिया था। रायगढ़ रियासत इसका जीता जागता सबूत है। जिसे उस समय के गोंड राजवंश के राजा ललित सिंह पोर्ते ने सबसे पहले भारत सरकार को दान दिया था।
मुस्लिम अभिलेखों में गोंडवाना का उल्लेख 14वी शताब्दी से मिलता है। वही इतिहासकार मेजर लुइस स्मिथ के अनुसार चांदा राज्य का उल्लेख 8वीं सदी के अंत से मिलता है। साथ ही ब्रिटिश कर्नल स्लीमन के किताबो में भी गोंडवाना के सभी राजवंशों का उल्लेख मिलता है। कुछ इतिहासकार का मानना है, गोलकोंड में भी गोंड आदिवासी का शासन 1000 से 1323 तक काकतीय वंश के रूप में रहा है।
औरंगजेब के शासन काल में भी गोंडवाना क्षेत्र या तो स्वतंत्र था या कुछ क्षेत्रों पर मुगलों का कब्जा था। 18वी शताब्दी में इसे मराठों ने छीन लिया। सन् 1818 से 53 तक यहां अंग्रजों का शासन रहा। हालाकि कुछ क्षेत्रों पर गोंड राजवंश का शासन 1947 तक रहा।
स्थापना[सम्पादन]
1. गढ़ा राजवंश वीर योद्धा यदुराय मडावी द्वारा सन् 157 ई0 में स्थापना हुई। जिसके राजवंश की 68 पीढ़ियों ने यानी 17सौ वर्षों तक 1751 ई0 तक स्वतंत्र राज्य किया। जिसमें 14 हज़ार कोस वर्ग क्षेत्रफल, 250 नगर, 12 सौ गाँव, 50 लाख आबादी थी। मध्यकाल में गढ़ा गोंडवाना साम्राज्य के गोंड राजा संग्राम शाह द्वारा 52 गढ़ एवम 57 परगना स्थापित किया गया था।
2. खेरला राजवंश वीर धनसूर की ई.सं. 790 ई. में स्थापना हुई। इसका 700 वर्ग कोस क्षेत्रफल था जिसमें, 50 नगर, 350 गाँव, 5 लाख आबादी थी । ये सात सौ वर्षों तक स्वतंत्र राज्य किए। 1751 में इनका विलय मराठा राज्य में हो गया।
3. चांदागढ़ (दक्षिण गोंडवाना) में सन् 870 ई0 में योद्धा भीमा बल्लाड़ सिंह आत्राम ने सिरपुर में अपने राज्य की स्थापना की। इस वंश ने 6000 वर्ग कोस, 100 नगर, 750 गाँव, 20 लाख आबादी पर हजार साल तक यानी सन् 1751 ई0 तक स्वतंत्र राज्य किया।
4. देवगढ़ राजवंश वीरभान सिंह ने सन् 1330 ई0 में हरियागढ़ में अपने राज्य की स्थापना की। इस वंश ने 2 हजार वर्ग कोस, 50 नगर, 600 गाँव में 10 लाख आबादी पर 500 वर्ष यानी सन् 1751 ई0 तक स्वतंत्र राज्य किया। दक्षिण में सातदेवधारी (सात वाहन), वारंगल, गोदावरी परिक्षेत्र दंडकारण्य में कोवे वंशीय काकतेय राजवंशों का उदय हुआ। संताल परगना में रोहतास गढ़, गढ़ बंगाला में संताल, मुंडा व कोलों की शक्ति स्थापित हो गई। दक्षिण में गोंडकुंडा राज्य था।
गढ़ मंडला राजवंश की सूची[सम्पादन]
- गोरख सिंह देव
- सुखन सिंह देव
- अर्जुन सिंह देव
- (1) संग्राम शाह = 1488 - 1543
- (1) संग्राम शाह = 1488 - 1543
- (2) दलपत शाह = 1543 - 1549
- (3) वीर नारायण(रानी दुर्गावती) = 1549 - 1564
- (4) चन्द्र शाह = 1564 - 1576
- (5) मधुकर शाह = 1576 - 1590
- (6) प्रेमनारायण शाह = 1590 - 1634
- (7) हृदय शाह = 1634 - 1678
- (8) छत्र शाह = 1678 - 1685
- (9) केशरी शाह = 1685 - 1688
- (10) नरेंद्र शाह = 1688 - 1732
- (11) महाराज शाह = 1732 - 1742
- (12) शिवराज शाह = 1742 - 1749
- (13) दुर्जन शाह = 1749 - 1749
- (14) निज़ाम शाह = 1749 - 1776
- (15) नरहरी शाह = 1776 - 1780
- (16) सुमेद शाह = 1780 - 1818
- (17) शंकर शाह = 1818 - 1825 (स्वतंत्रता सेनानी) 1857 मे सहीद
- (18) कूवर रघुनाथ शाह = 1825 - 1857 (स्वतंत्रता सेनानी) 1857 मे सहिद
राजा शंकर शाह तथा उनके पुत्र कुवर रघुनाथ शाह को 18 सितंबर 1857 को अंग्रेजो द्वारा तोप से उड़ा दिया गया.
चांदा गोंड राजवंश की सूची[सम्पादन]
3. चांदागढ़ (दक्षिण गोंडवाना) में सन् 870 ई0 में योद्धा भीमा बल्लाड़ सिंह आत्राम ने सिरपुर में अपने राज्य की स्थापना की। इस वंश ने 6000 वर्ग कोस, 100 नगर, 750 गाँव, 20 लाख आबादी पर हजार साल तक यानी सन् 1751 ई0 तक राज्य किया।
वंशावली की जानकारी मेजर लुसी स्मिथ ने सन् 1869 ई0 में चांदागढ़ के सेटलमेंट रिपोर्ट में दी है। उसके अनुसार चांदागढ़ के गोंड राजाओं की सूची इस प्रकार है।
- भीमा बल्लाड़ सिंह = 870-895
- खरजा बल्लाड़ सिंह = 895-935
- हीर सिंह = 935-970
- अदिया बल्लाड़ सिंह = 970-995
- तलवार सिंह = 995-1027
- केसर सिंह = 1027-1072
- दिनकर सिंह = 1072-1142
- रामसिंह = 1142-1207
- सुरजा बल्लाड़ सिंह = 1207-1242
- खंडक्या बल्लाड़ सिंह = 1242-1282
- हीरसिंह = 1282-1342
- [[भूम्मा और लोकबा] = 1342-1402
- कोण्डया उर्फ करणशाह = 1402-1442
- बाबाजी बल्लाड़ शाह = 1442-1522
- धूण्य शाह = 1522-1597
- कृष्णशाह = 1597-1647
- बीरशाह = 1647-1672
- रामशाह = 1572-1735
- नीलकंठ शाह = 1735-1751
देवगढ़ गोंड राजवंश की सूची[सम्पादन]
- तुलोबा = 1564 - 1581
- जाटबा = 1581 - 1620
- दल शाह = 1620 - 1634
- कोक शाह = 1634 - 1644
- केसरी शाह = 1644 - 1660
- गोरख शाह = 1660 - 1669
- इस्लामयार और दीदार शाह = 1669 - 1686
- बख्त बुलंद शाह = 1686 - 1709
- चांद सुल्तान = 1709 - 1739
- वली शाह = 1739 - 1740
- बुरहान शाह = 1740 - 1796
- बहराम शाह = 1796 - 1821
- रहमान शाह = 1821 - 1851
- सुलेमान शाह = 1851 - 1885
- आजम शाह = 1885 - 1956
- बख्त बुलंद शाह = 1956 - 1993 (आजाद भारत)
- वीरेंद्र शाह = 1993 - वर्तमान (आजाद भारत)
प्रसिद्ध शासक[सम्पादन]
- संग्राम शाह
- दलपत शाह
- रानी दुर्गावती
- रानी कमलापति
- बख्त बुलंद शाह
- भूपाल शाह
- शंकर शाह स्वतंत्रता सेनानी
- डेलन शाह स्वतंत्रता सेनानी
- बाबूराव पुल्लेसुर शेडमाके स्वतंत्रता सेनानी
प्रसिद्ध जगह[सम्पादन]
राजगोंड रियासत 1947 में[सम्पादन]
राजगोंड रेसीडेंसी[सम्पादन]
मध्य भारत रियासत | रियासत | वर्तमान राज्य | शासक |
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रायगढ़ | राजगोंड | छत्तीसगढ़ | राजा ललित सिंह पोर्ते |
कवर्धा | राजगोंड | छत्तीसगढ़ | राजा बहादुर धर्मराज सिंह |
शक्ति | राजगोंड | मध्य प्रदेश | राणा बहादुर लीलाधर सिंह |
मकराइ | राजगोंड | मध्य प्रदेश | नाम दर्ज करे |
सारंगढ़ | राजगोंड | छत्तीसगढ़ | राजा नरेश चंद्र सिंह |
कालाहांडी | नागवंशी
राजगोंड |
उड़ीसा | नाम दर्ज करे |
खैरागढ़ | नागवंशी राजगोंड | मध्य प्रदेश | नाम दर्ज करे |
कांकेर | चन्द्रा राजगोंड | मध्य प्रदेश | राजा भानुप्रताप देव |
राजगोंड जमींदारी[सम्पादन]
मध्य
भा जमींदारी सत |
रियासत | वर्तमान राज्य | शासक |
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पंडारिया | राजगोंड | छत्तीसगढ़ | रानी मनकुमारी देवी |
बरहेता | राजगोंड | मध्य प्रदेश | लाल साहब महाराज |
जरियागढ़ | नागवंशी राजगोंड | झारखंड | नाम दर्ज करे |
मदनपुर रामपुर | नागवंशी राजगोंड | उड़ीसा | नाम दर्ज करे |
संदर्भ[सम्पादन]
बाहरी कड़ियाँ[सम्पादन]
- गोंड राजवंश की जानकारी
- 1400 साल पुराना है गोंड राजवंश का इतिहास
- Rajput Provinces of India
Indian Rajputs/ indianrajput.com website]
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