राजस्थान के प्रतीक चिन्ह
1 राज्य पुष्प- रोहिङा= वैज्ञानिक नाम- टिकोमेला अंडुलेटा। उपनाम- "मरूशोभा" या "रेगिस्तान का सागवान" या "मारवाङ टीक" (जोधपुर मे)। सर्वाधिक पश्चिम राजस्थान मे पाया जाता है। राज्य पुष्प का दर्जा 31 अक्टूबर 1983 को मिला।
2 राज्य वृक्ष- खेजङी = वैज्ञानिक नाम- प्रोसेसिप सिनेरेरिया (वैज्ञानिक नाम केरोलस लीनीयस ने दिया)। खेजङी के फली को 'सांगरी' तथा पत्तियो को 'लूम' कहते है। राज्य वृक्ष का दर्जा 31 अक्टूबर 1983 को मिला।
3 राज्य पक्षी- गोडावण= वैज्ञानिक नाम- क्रायोटिस नाइग्रेसेप्स। इसे ग्रेट इंडियन बस्टर्ड तथा माल-मोरङी भी कहते है। इसका प्रिय भोजन तारामीरा व मूँगफली है। गोडावण को राज्य पक्षी का दर्जा 21 मई 1981 को मिला।
4 राज्य पशु- A चिंकारा= वैज्ञानिक नाम- गजैला-गजैला है। राज्य पशु का दर्जा 22 मई 1981 को मिला। यह राज्य पशु की वन्य जीव श्रेणी मे है
B ऊँट= राज्य पशु का दर्जा 2014 मे मिला। यह राज्य पशु की पशुधन (पालतू) श्रेणी मे है।
5 राज्य गीत- केसरिया बालम आओनी पधारो म्हारे देश= यह गीत मुख्यतः मांड गायिकी मे गाया जाता है। इस गीत को सर्वप्रथम उदयपुर की मांगी बाई ने गाया। इस गीत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अल्लाह जिलाह बाई ने दिलाई।
6 राज्य नृत्य- घूमर= घूमर नृत्य को राजस्थान के नृत्यो की आत्मा कहा जाता है। इसे नृत्यो का सिरमौर भी कहते है। यह केवल महिलाओ द्वारा किया जाता है।
7 राज्य खेल- बास्केटबॉल= बास्केटबॉल को राज्य खेल का दर्जा 1948 को मिला।