राजा बमनी
राजा बमनी राजा पोरस के पिता थे। वह पौरव के महान राजा हुए हैं। रानी अनुसूईया तथा रानी कदिका राजा बमनी की पत्निया थी। बमनी के दो पुत्र पुरुषोत्तम (पोरस) तथा कनिष्क थे। शिवदत्त बमनी का बड़ा भ्राता।
राजा बमनी | |
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उत्तराधिकारी | पोरस |
जीवनसाथी | अनुसूईया कदिका |
संताने | |
पोरस कनिष्क |
जीवन[सम्पादन]
राजा बमनी का जन्म पौरव में हुआ। उनका एक बड़ा भाई था-शिवदत्त। बमनी का पालन शिवदत्त और उसकी पत्नी मोहिनी ने ही किया क्योंकि बमनी के बचपन में ही उनके माता पिता का निधन हो गया था जो कि पौरव के राजा-रानी थे। शिवदत्त बमनी से १३ वर्ष बड़ा था। शिवदत्त के क्रोधी स्वाभव के कारण दरबारियों ने उसे राजा नहीं बनने दिया। जब बमनी २६ वर्ष का हुआ तब उन्हें राजा बना दिया गया। राजा बमनी एक शांतिप्रिय राजा बने। राजा बमनी अर्थशास्त्र और व्यापार के ज्ञानी थे। उन्होंने कई राज्यों के साथ व्यापार संबंध बनाए। बमनी ने तक्षशिला के राजा अम्भीराज की बहन अनुसूईया से विवाह करवाएया। परंतु अम्भीराज और शिवदत्त की पुरानी शत्रुता थी इसलिए उनके संबंध और भी बिगड़ गए। बमनी की दूसरी पत्नी कदिका थी। अनुसूईया पोरस और कदिका कनिष्क की माँ थी। कुछ समय बाद शिवदत्त और कनिष्क ने राजी बमनी पर छल से वार किया क्योंकि बमनी उनकी शत्रु (अनुसूईया) से विवाह किया था। परंतु उन्हें पोरस और चाण्कय ने बचा लिया। फिर उन्होंने कनिष्क और शिवदत्त पर हमला किया। अनुसूईया ने शिवदत्त का अंत किया और राजा बमनी ने कनिष्क को हराकर देश निकाला दिया और पोरस को राजा बनाया।
सिकंदर के साथ युद्ध[सम्पादन]
जब सिकंदर और पोरस का युद्ध हुआ तब राजा बमनी ने कई योद्धाओं का वध किया जैसे स्वात के सेनापति कुंभीसेन का, पौरव के एक ध्रोही रक्षाधिकारी अक्रूरभद्र आदि।
मृत्यु[सम्पादन]
राजा बमनी की मृत्यु पोरस और सिकंदर के युद्ध में हुई थी। सिकंदर के सेनापति सेल्युकस प्रथम निकेटर ने राजा बमनी की पीठ पर वार करके उनकी हत्या की।
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