राव रणमल
रणमल, मारवाड़ के राठौड़ वंश के शासक राव चूड़ा राठौड़ का बेटा था तथा मेवाड़ की रानी हंसाबाई का भाई था |
इन्होंने मेवाड़ की प्रशासनिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करना प्रारंभ कर दिया, क्योंकि रणमल मेवाड़ के राणा लाखा की विषम परिस्थितियों का लाभ उठाना चाहते थे, रणमल के कहने पर ही राव चूड़ा ने अपनी पुत्री का विवाह इस शर्त पर किया कि हंसाबाई से उत्पन्न पुत्र ही मेवाड़ के उत्तराधिकारी होंगे |
राणा लाखा की मृत्यु के बाद हंसाबाई रणमल को मारवाड़ से मोकल का संरक्षक बनने के लिए बुलाती है | रणमल राणा मोकल के संरक्षक बने । राणा कुुुम्भा ने अपने पिता राणा मोकल की हत्या का बदला रणमल राठौड़ की सहायता से लिया |
जब राणा कुुुम्भा को रणमल राठौड़ की नीतियों का पता चला तब कुुुम्भा ने मांडू से कुुंवर चूूूूड़ा को बुुुुला लिया इस समय रणमल मारवाड़ में चले गयें, क्योंकि रणमल ने राघवदेव ( कुंवर चूड़ा के भाई ) का वध कर दिया था, इस प्रकार रणमल का दमन करना आवश्यक हो गया, कुंवर चूूूड़ा नेे मेवाड़ के कुछ वफादार सरदारों की सहायता से मारवाड़ में जाकर रणमल 1438 ई. में मेेेहानी नामक स्थान पर वध कर दिया था, इसमें रणमल की प्रेयसी भारमली का महत्वपूर्ण योगदान रहा इसके द्वारा ही मेवाड़ में यह सूचना पहुँचाई गई कि रणमल मेवाड़ से मारवाड़ आ पहुँचे हैै | जब रणमल की हत्या हुई तब उनके पुत्र राव जोधा मेेेेवाड़ में ही थे, लेकिन हत्या के उपरांत राव जोधा को मारवाड़ लाया गया |
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