शंकरदेव शिशू विद्या निकेतन,भुरागाँव
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शंकरदेव शिशु विद्या निकेतन, भूरागाँव एक बक्तिगत माध्यम का बिद्यालय है, जो कि मरिगाँव जिले के भूरागाँव में स्थित है। यह शिशु शिक्षा समिति, असम के अधीन है।[१][२]
भौगोलिक स्थिति[सम्पादन]
यह स्कूल असम के मोरीगांव जिले के भूरागांव इलाके में स्थित है। वर्तमान में लगभग 565 छात्र, 26 शिक्षक और 1 तृतीय श्रेणी और 4 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। इसे असमिया माध्यम में पढ़ाया जाता है। अंकुर, मुकुल प्री-प्राइमरी से दसवीं कक्षा तक कुल 12 कक्षाएं हैं। निकेतन विद्या भारती की तर्ज पर बनाया गया है। स्कूली परीक्षाएं मोरीगांव जिला परीक्षा परिषद के तहत आठवीं कक्षा तक और असम माध्यमिक शिक्षा परिषद के तहत नौवीं-दसवीं कक्षा तक आयोजित की जाती हैं।
इतिहास[सम्पादन]
भारतीय आदर्शों के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय शैक्षणिक संस्थान विद्या भारती के तत्वावधान में कुछ शिक्षाविदों द्वारा असम में शिशु शिक्षा समिति, असम का गठन किया गया था। असम में पहला बाल कुंज इस संगठन के तत्वावधान में 1979 में महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव की जयंती पर अंबिकागिरी नगर, गुवाहाटी में स्थापित किया गया था। इस स्कूल के बाद शंकरदेव शिशु निकेतन, विष्णुपथ चला और धीरे-धीरे ये स्कूल असम के विभिन्न हिस्सों में स्थापित हो गए।
निकेतन की स्थापना 31 जनवरी 2004 को कुछ स्थानीय जागरूक लोगों के प्रयास से हुई थी। स्थापना के समय शिक्षण की शुरूआत तीन कक्षाओं अंकुर, मुकुल एवं प्रथम से की गई थी। कई कठिनाइयों के कारण निकेतन को दो बार स्थानांतरित करना पड़ा। अंत में, निकेतन को भूरागांव के बरदुबटुप में शिव मंदिर के पास स्थायी रूप से स्थानांतरित कर दिया गया।[३]
सन्दर्भ[सम्पादन]
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