शहीद राजकुमार बाघ
राजकुमा बाघ जी उत्तर प्रदेश के बलिया जिला के सीसोटार गांव के रहने वाले थे । इन्होंने अपना पूूरा जीवन स्वतंत्रता आंदोलन मेें लगा दिया । बाघ जी अंग्रेजों से लोहा लेते हुुए शहीद हो गए ।महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजकुमार बाघ का जन्म सिकंदरपुर विधानसभा क्षेत्र के सिसोटार में एक दलित परिवार में 1890 में हुआ था। राजकुमार बाग के पिता का नाम अदालत पासवान था। पिता कृषि पशुपालन के साथ ही सिकंदरपुर के चौकीदार पद पर कार्यरत थे ।इसी दौरान अंग्रेजों द्वारा जनता के ऊपर जो जुल्म हो रहा था,शहीद राजकुमार उससे काफी आहत थे, बाद में शहीद बाघ ने पिता की मृत्यु के बाद पिता की जगह चौकीदार बन गए। इसी दौरान 1915 में कांग्रेस के सदस्य बने ,और गांधी जी के आंदोलन में कूद पड़े। आजादी कि लडाई के दौरान ही राजकुमार बाघ ने ,सिकंदरपुर थाने और ,बीज गोदाम को जलवानें में इनकी अहम भूमिका रही । इसी से गुस्साई अंग्रेजी हुकूमत ने क्रोध में आकर उनका घर जला दिया। और पूरे परिवार को गोली मारने का आदेश जारी कर दिया। राजकुमार बाघ तब भी भूमिगत होकर अंग्रेजों के दांत खट्टे करते रहे ,और बाद में परेशान होकर ही अंग्रेजों ने राजकुमार को बाघ की उपाधि दी। बाद में 1943 में अंग्रेजी पुलिस ने उन्हें धोखे से गिरफ्तार कर लिया ,और 23 मार्च 1943 को जेल में ही एक मुठभेड़ के दौरान उन्हें गोली लगने से यह भारत के वीर सपूत शहीद हो गए ।
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