श्याम बिहारी शर्मा
श्याम बिहारी शर्मा[सम्पादन]
श्याम बिहारी शर्मा का जन्म 15 जुलाई 1956 को भिंड शहर की मेंहगाव तहसील के ग्राम प्रतापपुरा मे हुआ था।
बायोग्राफी[सम्पादन]
- एम ए, पी एच डी सैन्य विज्ञान ( जीवाजी विश्वविद्यालय )
- एम लिव (सागर विश्वविद्यालय)
- तीन वर्ष गढ़वाल विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक रहे
- वर्ष 1985 से जैन डिग्री कालेज में पुस्तकालय विभाग के विभागाध्यक्ष रहे
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भारत विकास परिषद में भी सक्रिय रूप से योगदान रहा
शिक्षक दिवस पर भास्कर विशेष[सम्पादन]
आवाज कि बुलंदी और कक्षा में समझाने के तरीके से छात्र उनके कायल थे l सिद्धांत पर कम , प्रयोग पर भरोसा करने बाले प्रोफ़ेसर एस.बी.शर्मा ने छात्रों को कभी भी केवल किताबी ज्ञान पर आश्रित रहने कि सलाह नहीं दी सामाजिक सेवा में रूचि रखने बाले जैन कालेज में सैन्य विज्ञान के प्रोफ़ेसर श्री शर्मा कि कक्षा में कभी सामाजिक सरोकारों को लेकर जिक्र होता तो कभी चम्बल के वीर सपूतों कि कुर्बानी पर बात l हर बात को सामाजिक उदाहरणों के जरिये समझाना मानो उनकी आदत में शुमार हो गया था l कॉलेज के अन्य शिक्षकों कि कक्षा से आये दिन नदारत रहने बाले छात्रों को प्रो. शर्मा के लेक्चर को छोड़ना नागवार गुजरता था
हर माह निराश्रतों को भोजन[सम्पादन]
प्रो. शर्मा भिंड के निराश्रत भवन में हर माह निराश्रतों को भोजन कराने की व्यवस्था कराते थे इस बारे में उनके विचार थे कि माह में कम से कम एक बार तो निराश्रतों को भोजन कराना चाहिए l
संपर्क सूत्र अहम[सम्पादन]
प्रो. शर्मा के मुताबिक समाज में जिस व्यक्ति के संपर्क सूत्र जितने ज्यादा होंगे, उतनी ही उसकी व्यापकता होगी l साथ ही वह यक्ति समाज में उतना ही प्रासंगिक होगा और अपने दायित्वों का निर्वहन ठीक से कर सकेगा l
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