श्री काशी करवट मंदिर
श्री काशी करवट मन्दिर (या काशी करोंत) एक छोटा सा आत्महत्या मंदिर है। यह काशी की प्रसिद्ध ब्लू लस्सी की दुकान और काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ मीटर की दूरी पर है, इसे एक प्राचीन शिव मंदिर कहा जाता है । इसका एक छोटा सा मंदिर है जो केवल स्थानीय लोगों द्वारा दौरा किया जाता है।
श्री काशी करवट मंदिर | |
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काशी करवट | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिंदू धर्म |
डिस्ट्रिक्ट | वाराणसी |
देवता | शिवलिंग |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | नेपाली खपरा, गोविंदपुरा |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
देश | भारत |
प्राचीन समय मे जी में एक आरा (करोंत) लगा होता था, ब्रिटिश काल से पहले, वहां लोग आते थे और खुद को छेद और ब्लेड से नीचे फेंकते7 थे, इस प्रकार खुद को मारते थे।[१] यह माना जाता है कि वे सीधे स्वर्ग जाएंगे। ऐसी कई कहानियाँ भी आईं जो दावा करती हैं कि बाद में पुजारियों ने तीर्थयात्रियों को डराना शुरू कर दिया[२] और उनका कीमती सामान लूटकर उन्हें ब्लेड से फेंक दिया। तथा शवों को तहखाने में स्थित एक गुप्त नहर द्वारा गंगा में बहा दिया गया। तहखाना अब पुजारी और उनके परिवारों तक सीमित है, जो पिछले 25 पीढ़ियों से इसकी देखभाल कर रहे हैं और ब्रिटिश लोगों द्वारा करवत को ब्रिटेन ले जाया गया था।
इतिहास[सम्पादन]
हिन्दु धर्म के धर्मगुरू जो साधना साधक समाज को बताते है, वह शास्त्र प्रमाणित नहीं है। जिस कारण से साधकों को परमात्मा की ओर से कोई लाभ नहीं मिला जो भक्ति से अपेक्षित किया। काशी के धर्मगुरुओं ने एक निंदनीय और आपराधिक योजना बनाई कि भगवान शिव का आदेश हुआ है, कि जो काशी नगर में प्राण त्यागेगा, उसके लिए स्वर्ग का द्वार खुल जाएगा। वह बिना रोक-टोक के स्वर्ग चला जाएगा। जो मगहर नगर (गोरखपुर के पास उत्तरप्रदेश में) वर्तमान में जिला- संत कबीर नगर (उत्तर प्रदेश) में है, उसमें मरेगा, वह नरक में जाएगा या गधे का शरीर प्राप्त करेगा।[३]
स्थापना[सम्पादन]
इस गलत धारणा के कारण कि जिसकी मृत्यु मगहर में होगी वो सीधा सुअर, गधे की योनी में अर्थात् नरक में जायेगा तथा काशी में मरने वाले सीधे स्वर्ग में जायेंगे। इसलिए सभी लोग अपना अन्तिम समय काशी में ही बिताते थे।[४]
इसलिए आसपास के गांव वाले बुढ़ापे में अपने माता-पिता को काशी में ही स्वार्थी पण्डित पूजारी के हवाले कर देते थे। वो किराये के आधार पर उनको अपने पास रख लेते थे। फिर धीरे धीरे बूढ़े लोंगो की संख्या बढ़ती गयी तो स्वार्थी पण्डित, पूजारी घबराने लग गये कि एक की ही सेवा नही हो पाती है, इन सबकी सेवा कैसे करें। फिर उन्होंने उनको जबरदस्ती मारने के लिए गंगा नदी के किनारे एक बहुत बडी ईंटों की गुफा बनवायी[५] फिर उस गुफा के बीच में एक आरे जैसी वस्तु लगवायी जिसे उस समय के लोग करोंत बोला करते थे। फिर उन बूढे बुजुर्ग लोगों को कहा गया कि जिसको भी जल्दी स्वर्ग में जाना हो वो इस[६] गुफा में करोंत से अपना सिर कटवा ले, वो सीधा स्वर्ग में चले जाएंगे। ऐसा गुरुजी का आदेश है,[७][८] ऐसा कहकर फिर सभी बडे बुजुर्ग पहले ही दुख पीडा से परेशान थे, तो उन्होंने इस दुख से छुटकारा पाने के लिए सभी ने हां भर दी। तथा बारी बारी से सभी का सिर काटा गया।[९] जिस समय वह आरा किसी कारण अटक जाता तो उस वृद्ध से कहा जाता कि आपके लिए अभी भगवान का आदेश नहीं हुआ। फिर वह वृद्ध रोता रोता वापिस जाता और कुछ समय बाद दोबारा करोंत से सिर कटवाने के लिए पुजारियों को फीस देता। इस तरह उन बुढे बुजुर्ग लोंगो की संख्या कम की गयी। जो एक बहुत बडा जालिम व [[कुकर्म था।[१०]
बनावट[सम्पादन]
चमकीले मरून और पीले रंगों में छोटे गेट पर एक पट्टिका है[११] जिसपर लिखा है कि केवल सनातन धर्म के अनुयायियों को ही प्रवेश करने की अनुमति है। इंटीरियर को टाईलो के साथ पुनर्निर्मित किया गया है । मंदिर के अंदर की जमीन में एक छोटा सा छेद है जहाँ से आप तहखाने में शिवलिंग देख सकते हैं। जमीन में जहां से आप शिवलिंग को देख सकते हैं, कहा जाता है कि प्राचीन समय में वहां एक करवट, या आरा रखा गया था, जिसे मंदिर की छत से निलंबित कर दिया गया था और यह मान्यता थी कि वह अनायास उन पर गिरेगा, जिन पर शिव ने अपना आशीर्वाद देने के लिए चुना हो। चूंकि हिंदू धर्म में आत्महत्या की अनुमति नहीं है, इसलिए पुजारी की मदद से इस अधिनियम थी। धीरे-धीरे इस अभ्यास पर प्रतिबंध लगा दिया गया और बाद में कमरे से नीचे रखने के लिए आरी को हटा दिया गया।[१२]
संदर्भ[सम्पादन]
- ↑ Hamilton, Alexander (1744). "A New Account of the East Indies, giving an exact and copius description of the Situation, Product, Manufactures, Laws, Customs, Religion, Trade, andc. of all the Countries and Islands which lie between the Cape of Good Hope and the Island of Japon, interspersed with an entertaining relation not only of the principal Events.". C. Hitch (London). https://archive.org/details/dli.granth.72397/page/20/mode/2up. अभिगमन तिथि: 5 जून 2021.
- ↑ Parry, Jonathan (1980). "Ghosts, Greed and Sin: The Occupational Identity of the Benares Funeral Priests". pp. 88–111. doi:10.2307/2802004. https://www.jstor.org/stable/2802004?seq=1. अभिगमन तिथि: 5 जून 2021.
- ↑ "My sterious Suicide Temple of Varanasi uttar pradesh". 28 अक्टूबर 2018. https://www.varanasiguru.com/mysterious-suicide-temple-of-varanasi/. अभिगमन तिथि: 5 जून 2021.
- ↑ Justice, Christopher (en में). Dying the Good Death: The Pilgrimage to Die in India's Holy City. SUNY Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4384-0811-8. https://books.google.co.in/books?id=iRFzaDLKJKEC&pg=PA37&source=gbs_toc_r&cad=3#v=onepage&q&f=false.
- ↑ Greaves, Edwin (1909). Kashi the city illustrious, or Benares. Allahabad : Indian Press. https://archive.org/details/kashicityillustr00grea/page/n119/mode/2up. अभिगमन तिथि: 5 जून 2021.
- ↑ "My sterious Suicide Temple of Varanasi". 28 अक्टूबर 2018. https://www.varanasiguru.com/mysterious-suicide-temple-of-varanasi/. अभिगमन तिथि: 5 जून 2021.
- ↑ Parry, Jonathan P.; PhD, Professor of Anthropology Jonathan P. Parry (en में). Death in Banaras. Cambridge: Cambridge University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-521-46625-7. https://books.google.co.in/books?id=r10f4uwzcosC&pg=PA23&lpg=PA23&dq=kashi+karvat+practice+in+history&source=bl&ots=JljbkL65JO&sig=ACfU3U3s6N5Av2L_JgwFnUuxnTO86ZSwtQ&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi4heq84I7sAhVVH7cAHbctCfAQ6AEwGHoECAgQAQ#v=onepage&q=kashi%20karvat%20practice%20in%20history&f=false. अभिगमन तिथि: 5 जून 2021.
- ↑ "My sterious Suicide Temples of Varanasi". 28 अक्टूबर 2018. https://www.varanasiguru.com/mysterious-suicide-temple-of-varanasi/. अभिगमन तिथि: 5 जून 2021.
- ↑ Heber, Reginald (1829). "Narrative of a journey through the upper provinces of India, from Calcutta to Bombay, 1824-1825". Philadelphia, Carey, Lea & Carey. https://archive.org/details/narrativeofjourn01hebe/page/260/mode/2up. अभिगमन तिथि: 5 जून 2021.
- ↑ "NOMADIC LAD: The Suicide Temple of Varanasi". NOMADIC LAD. https://nomadiclad.blogspot.com/2018/05/the-suicide-temple-of-varanasi.html?m=1. अभिगमन तिथि: 5 जून 2021.
- ↑ "Mysterious Suicide Temple of Varanasi". 28 अक्टूबर 2018. https://www.varanasiguru.com/mysterious-suicide-temple-of-varanasi/. अभिगमन तिथि: 5 जून 2021.
- ↑ "My sterious Suicide Temple of Varanasi". 28 अक्टूबर 2018. https://www.varanasiguru.com/mysterious-suicide-temple-of-varanasi/. अभिगमन तिथि: 5 जून 2021.
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