श्री बंगला का बालाजी
श्री बंगला का बालाजी जाचास[सम्पादन]
प्रस्तावना[सम्पादन]
भारत के प्रांत राजस्थान में शेखावाटी एक प्रमुख क्षेत्र है. इसका अतीत बड़ा ही गौरवशाली रहा है. शेखावाटी मैं 3 जिले चूरु, झुंझुनू और सीकर आते हैं. सीकर जिले के दक्षिण पश्चिम में लगभग 25 किलोमीटर दूर जाचास ग्राम अवस्थित है. इसी गांव से थोड़ी दूर पर यह मंदिर स्थित है. यहां जाने के लिए कोटपूतली से कुचामन मेगा हाईवे पर सीकर से 24 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में रघुनाथपुरा नाम का स्टैंड है और वहीं पर बालाजी का भव्य गेट बना हुआ है.
उसी गेट के अंदर से लगभग सवा किलोमीटर दूर यह मंदिर बना हुआ है. रास्ता आगे जाचास ग्राम तक जाता है।
मंदिर का इतिहास[सम्पादन]
यह मंदिर बहुत पुराना है. यहां के पुजारी श्री नारायण लाल रणवा व अन्य वयोवृद्ध व्यक्ति इसे [[१]] वर्ष पुराना मानते हैं. उस समय यह एक छोटा मंदिर था व जाने वाले राहगीर यहां पूजा अर्चना करते थे. इसके बाद में एक चरणबद्ध क्रम से इसका निर्माण हुआ है. जिसमें आसपास के निवासियों का प्रमुख योगदान रहा है. इसे इस सारणी द्वारा समझा जा सकता है. राजस्व रिकॉर्ड में भी इसका अलग खसरा नंबर दिया हुआ है. इसके चारों ओर रणवा जाट के खेत है. इन्होने मंदिर निर्माण में जमीन में अन्य तरीके से पर्याप्त सहयोग दिया है.
क्रम संख्या | दिनांक | कार्य का नाम मय विवरण | वर्तमानस्थिति |
1 | 9 अगस्त 1455 | मूर्ति पूजन व स्थापना | जारी |
2 | 26 नवम्बर 2001 | वर्तमान भवन की नीव राखी गयी | अच्छी |
3 | 3 जनवरी 2003 | हाई वे के मुख्य गेट का निर्माण | अच्छी |
4 | 22 मई 2003 | शिवलिंग व शिव परिवार की स्थापना | अच्छी |
5 | 29 सितम्बर 2008 | शिव परिवार की गुम्बज का निर्माण | अच्छी |
6 | 6 दिसंबर 2009 | बालाजी की गुम्बज का निर्माण | अच्छी |
7 | 25 अप्रैल 2011 | श्री राम दरबार की गुम्बज का निर्माण | अच्छी |
8 | 17 फरवरी 2018 | श्री राम दरबार की स्थापना | अच्छी |
वर्तमान स्थिति[सम्पादन]
वर्तमान में यहां पर तीन मुख्य मंदिर बने हुए हैं. मध्य भाग में श्री बालाजी विराजमान है. जो मूर्ति स्थापित है वह लगभग [[२]] वर्ष से भी अधिक पुरानी है. इसके दक्षिणी मंडप में श्री राम दरबार स्थापित है. श्री राम, लक्ष्मण व सीता तथा उनके नीचे हनुमान जी बैठे हुए हैं. इन दोनों मंडपो की परिक्रमा एक साथ की जा सकती है. उत्तर दिशा में मंडप में भगवान शिव का परिवार विराजमान है. यहां भक्तगण शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं व अन्य मूर्तियों की पूजा अर्चना करते है.
सवामणी व जागरण[सम्पादन]
यहां पर सवामणी व जागरण के आयोजन होते रहते हैं. आसपास के लोग तथा कभी-कभी दूरदराज से भी लोग सवामणी व जागरण करते रहते हैं. सवामणी में दाल बाटी चूरमा का बालाजी महाराज के भोग लगाया जाता है. प्रायः यह मंगलवार या शनिवार या पूर्णिमा को होते हैं. जागरण में रात को भजन मंडली द्वारा भगवान के भजन बोले जाते हैं. सुनने के लिए आसपास के कई लोग आते हैं.
This article "श्री बंगला का बालाजी" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:श्री बंगला का बालाजी.