सांप्रदायिकता शब्द हिन्दुओं के लिए राजनीतिक गाली
सेकुलरिज्म एक भ्रामक और कुपरिभाषित शब्द है. अधिकाँश लोग इस शब्द का सही अर्थ भी नहीं जानते। इस शब्द की न तो कोई सटीक परिभाषा है, और न ही कोई व्याख्या है। आजकल गलतफहमी में सेकुलर मतलब केवल “हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई” समझ लिया जाता है और, ऐसा करके कुछ लोग गर्व की अनुभूति भी करते हैं| जबकि हकीकत में लोगों को सेकुलरता का सही अर्थ तक मालूम नहीं है| दरअसल सेकुलर शब्द लैटिन भाषा के “सेकुलो” शब्द से निकला है।जिसका अंग्रेजी में अर्थ है ‘इन दी वर्ल्ड|
कहानी कुछ यूँ है कि ‘कैथोलिक ईसाइयों’ में संन्यास लेने की परम्परा प्रचलित है।इसके अनुसार संन्यासी पुरुषों को मौंक और महिलाओं को नन कहा जाता है। परन्तु जो व्यक्ति संन्यास लिए बिना समाज में रहते हुए सन्यासियों के धार्मिक कामों में मदद करते थे, उन्हें “सेकुलर” कहा जाता था। कुछ धूर्तों और सत्ता लोलुप लोगों ने सेकुलर शब्द का अर्थ “धर्मनिरपेक्ष ” कर दिया, जिसका मूल अंग्रेजी शब्द से दूर का भी सम्बन्ध नहीं है. यही नहीं इन लोगों ने सेकुलर शब्द का एक विलोम शब्द भी गढ़ लिया “साम्प्रदायवाद”। आज यह इस “सेकुलर ” अर्थात “धर्म निरपेक्ष ” शब्द ने भारत में क्या रूप ले लिया है शायद ये बताने की आगे जरुरत नहीं क्यूँ आप भली भांति परचित होंगे |
सेकुलरिज्म की उत्पत्ति – जब इंग्लैंड के राजा हेनरी 8 वें (1491-1547) ने 1533 में अपनी रानी कैथरीन(Catherine) को तलाक देने,और एन्ने बोलेन्न (Anne Bollen) नाम की विधवा से शादी करने के लिए पॉप क्लीमेंट 7th से अनुमति मांगी तो पॉप ने साफ़ मना कर दिया। और हेनरी को धर्म से बहिष्कृत कर दिया। इस पर नाराज़ होकर हेनरी ने पॉप से विद्रोह कर दिया, और अपने राज्य इंग्लैंड को पॉप की सत्ता से अलग करके ,’चर्च ऑफ़ इंग्लैंड ” की स्थापना कर दी. इसके लिए उसने 1534 में इंग्लैंड की संसद में ‘एक्ट ऑफ़ सुप्रीमैसी ’नाम का कानून पारित किया .जिसका शीर्षक था “सेपरेशन ऑफ़ चर्च एंड स्टेट “इसके मुताबिक चर्च न तो राज्य के कामों में हस्तक्षेप कर सकता था, और न ही राज्य चर्च के कामों में दखल दे सकता था। इस चर्च और राज्य के विलगाव के सिद्धाँत का नाम उसने सेकुलरिज्म रखा। आज अमेरिका में सेकुलरिज्म का यही अर्थ माना जाता है. परन्तु यूरोप के कैथोलिक देशों में सेकुलर शब्द का अर्थ “स्टेट अगेंस्ट चर्च किया जाता है। हेनरी और इंदिरा के उदाहरणों से यह स्पष्ट है की इन लोगों ने सेकुलर शब्द का उपयोग अपने निजी स्वार्थों के लिए ही किया था। अरबी शब्दकोश में इसके अर्थ धर्म से संबंध न रखनेवाला, संसारी, हैं।
वास्तविक अर्थ :– सेकुलर का वास्तविक अर्थ और इतिहास बहुत कम लोगों को पता है. इस सेकुलरिज्म रूपी राक्षस को इंदिरा गांधी ने जन्म दिया था। इमरजेंसी के दौरान (1975-1977) इंदिरा ने अपनी सत्ता को बचाने ओर लोगों का मुंह बंद कराने के लिए पहली बार सेकुलरिज्म का प्रयोग किया था। इसके लिए इंदिरा ने दिनांक 2 नवम्बर 1976 को संविधान में 42 वां संशोधन करके उसमे सेकुलर शब्द जोड़ दिया था .जो विदेश से आयातित शब्द है, हिन्दी में इसके लिए धर्मनिरपेक्ष शब्द बनाया गया. यह एक बनावटी शब्द है.भारतीय इतिहास में इस शब्द का कोई उल्लेख नहीं मिलता है।
सेकुलेरिज्म जबरदस्ती गढ़ा हुआ शब्द :- वास्तव मे ये सेकुलेरिज्म शब्द सिर्फ हिन्दुओ को बेवकूफ बनाने के लिये प्रयुक्त किया जाता है। सेक्युलर एक जबरदस्ती गढ़ा हुआ शब्द है जिसको इंद्रा गांधी ने अपनी मुस्लिम परस्ती को साबित करने के लिए गढ़ा और इस देश के संविधान में शामिल कर देश पर थोपा.जब धर्म ही एक है विश्व में जो की विशाल सनातन है तो सेक्युलर शब्द आया कहा से बाकी सब तो छोटे छोटे मजहब है .क्या नेहरू और अम्बेडकर सेक्युलर नही थे सबसे बड़ा प्रशन ही ये उठता है अगर सेक्युलर थे तो उन्होंने इस शब्द को संविधान में सम्मिलित क्यों नही किया.सबसे बड़ा ढ़ोंग ही सेक्युलर शब्द है जो काल्पनिक है. सेक्युलर – 42 वें संविधान संसोधन में ये शब्द जोड़ा गया था, शायद इमरजेंसी के समय. मैंने मूल में इसलिए कहा क्योकि 42वे संशोधन से पहले भी सेक्युलर शब्द का जिक्र संविधान के अनुच्छेद 25(2) में आया था जिसमे राज्य को धार्मिक आचरण से संबद्ध किसी भी लौकिक क्रियाकलाप का विनिमयन या निर्बन्धन करने की शक्ति प्रदान की गयी थी।
सांप्रदायिकता शब्द हिन्दुओं के लिए राजनीतिक गाली:- यदि आप हिन्दुत्व की बात करते हैं तो आप सांप्रदायिक हैं। यदि आप राम, कृष्ण, शिव की पूजा करते हैं तो आप सांप्रदायिक हैं । यदि आप अयोध्या, काशी, मथुरा में मन्दिर निर्माण की बात करते हैं तो आप सांप्रदायिक हैं । यदि आप मुस्लिम टोपी नहीं पहनते हैं तो आप सांप्रदायिक हैं । यदि आप गौ हत्या बन्द होने की बात करते हैं तो आप सांप्रदायिक हैं। मतलब यदि आप हिन्दू और हिन्दू धर्म के विरोधी नहीं हैं तो आप सांप्रदायिक हैं।आजाद भारत में कोई एक भी उदाहरण नहीं है कि देश का कोई भी हिस्सा ऐसा हो जहाँ पर हिन्दुओं ने किसी भी धर्म व जाति के लोगों पर अकारण क्रूरता का व्यवहार किया हो व पलायन के लिए मजबूर किया हो व धर्म-जाति परिवर्तन के लिए मजबूर किया हो। ये बताने की जरुरत नहीं कि देश में अगर कहीं कोई पलायन व धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया है तो हिन्दू ही हुआ है ।
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