सूर्यवंशी महरौड़ क्षत्रिय
सूर्यवंशी महरौड़ क्षत्रिय :
महरौर / महरोड़ / मड़वर / महरौड़ / महरौढ़ / मड़वढ़
Mahraur / mahror / mahraud
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क्षात्रवंश महरौड़ सूर्य वंश की उपशाखा है जिसका अवध के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। मिहिर का अर्थ सूर्य होता है! , सूर्यवंशी राजा पृथु के वंशज महरौड़ कहलाये । महरौड़ नाम की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के "मिहिर" शब्द से बतायी जाती है जिसका अर्थ सूर्य होता है।
सूर्यवंशी महरौड़ क्षत्रिय धर्म: क्षात्रधर्म जाति: क्षत्रिय | |
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महरौड़ (सूर्य) | |
उपनाम: महरौड़ राजपूत | |
ध्येय: "जय क्षात्रधर्म" | |
देश | भारत |
राज्य | 1. राजस्थान 2. हिमाचल प्रदेश 3. उत्तर प्रदेश 4. बिहार 5. महाराष्ट्र 6. उत्तराखंड 7. जम्मू 8. झारखंड |
क्षात्रवंश | सूर्यवंश |
कुल देवी | मां वैष्णो देवी |
कुल देव | महादेव |
आप बिहार के शूरवीर राजपूत मैं नाम आता है! इस वंश को महरौड़ वंश नाम से जाना जाता है. सूर्यवंश 5000 वर्ष से पूराना क्षत्रिय वंश है. जिन्हें उत्तराखंड और जम्मू में डोगरा/जामवाल के नाम से जाने जाते है! अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से जाने जाते हैं. महरौड़ क्षत्रिय ने अखंड भारत पर कई सौ सालों तक राज की किए हैं. बोला जाता है तभी तो आपको अफगानिस्तान के नक्शे में जो कभी अखंड भारत का हिस्सा था वहाँ तक महरौड़ क्षत्रिय का शासन था!!
अधीक जानकारी के लिए
राजऋषि महाराणा राजवीर सिंह
जिला: सिवान , बिहार
संपर्क सूत्र: 7783803405
जय क्षात्रधर्म, जय राजा पृथु
🙏🙏🙏🙏🙏
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