कृष्णा साबले
नाइक कृष्णा साबले (अंग्रेजी: Krishna Sable) महाराष्ट्र के क्रांतिकारी थे।[१] उनका जन्म महाराष्ट्र के साबला गांव के एक कोली परिवार मे हुआ था।[२] बड़ा होने के बाद कृष्णा की शादी हुई और उनके घर एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम मारुति साबले रखा। नाइक कृष्णा साबले ब्रिटिश पुलिस में कार्यरत थे। लेकिन 1879 में नाइक कृष्णा साबले ने ब्रिटिश पुलिस की नौकरी छोड़कर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हथियार उठा लिए और विद्रोह कर दिया। ब्रिटिश सरकार ने नाइक कृष्णा साबले को बागी घोषित कर दिया। कृष्णा साबले के बेटे मारुति साबले ने भी अपने पिता के साथ विद्रोह किया। नाइक कृष्णा साबले के साथ बोहोत बड़ी संख्या में कोली सामिल हो गए। नाइक कृष्णा साबले ने ब्रिटिश जिला पूने पर आक्रमण कर दिया। नाइक कृष्णा साबले ने सात महीने तक लगातार हमले किए लेकिन ब्रिटिश सरकार असफल रही। नाइक कृष्णा ने 28 बार पूने पर बड़े हमले किए।[३] उन दिनों बासुदेव बलवंत फड़के कोलीयों के संरक्षण में थे। नाइक कृष्णा साबले बुड्ढे हो चुके थे लेकिन अंग्रेजों के खिलाफ उनमें जोस पूरा पूरा था। जून में कृष्णा ने ब्रिटिश शहर भोर पर आक्रमण कर दिया और साथ ही ब्रिटिश हुकूमत में आने वाले कोंकण पर भी हमला बोल दिया। ब्रिटिश सरकार नाइक कृष्णा साबले के खिलाफ लगातार प्रयास कर रही थी लेकिन असफलता ही मिलती। अंत में ब्रिटिश सरकार ने मेजर वाइज के नेतृत्व में पुरंदर के ससबाड से अंग्रेजी सेना भेजी लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसी दौरान वसंत के मौसम में कोली नाइक कृष्णा साबले ने अपने हमले कम कर दिये। इसी दौरान एक और बागी कोली का नाम सामने आया जिसने अंग्रेज़ो की नाक में दम कर रखा था इसका नाम नाइक तात्या मकाजी था जो की रमोसीयों का नेतृत्व कर रहे थे।[४] नाइक तांत्या मकाजी भी कृष्णा साबले के साथ मिल गए। लेकिन 17 अक्टूबर 1879 को नाइक तांत्या मकाजी ने अपने एक रमोसी साथी को मार डाला क्योंकि वो रमोसी अंग्रेजों के साथ मिल गया था और विद्रोहियों की खबर अंग्रेजों तक पहुंचा रहा था जिसके कारण ब्रिटिश सरकार की विजय हुई मेजर वाइज (Major Wise) ने नाइक कृष्णा साबले के ठिकाने पर आक्रमण कर दिया और काफी कोलीयों को मौत के घाट उतार दिया और बाकी गिरफ्तार कर लिए। नाइक कृष्णा साबले और उनके बेटे मारुति साबले को भी गिरफ्तार कर लिया बाद में फांसी पर चढ़ा दिया।[५][६]
सन्दर्भ[सम्पादन]
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- ↑ Phatak, N. R. (1957) (en में). Source Material for a History of the Freedom Movement in India: 1818-1885. Printed at the Government Central Press. https://books.google.co.in/books/about/Source_Material_for_a_History_of_the_Fre.html?id=9HgBAAAAMAAJ&redir_esc=y.
- ↑ (en में) Lokrajya. Directorate-General of Information and Public Relations.. 1982. https://books.google.co.in/books/about/Lokrajya.html?id=N4_BBTqD6q4C&redir_esc=y.
- ↑ 77 (1880) (en में). REPORT ON THE ADMINSITRATION OF THE BOMBAY PRESIDENCY. https://books.google.co.in/books?id=434IAAAAQAAJ&pg=RA2-PA130&dq=krishna+sabla&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwjOmauxpOLkAhVCeH0KHb2uDjsQ6AEIODAE#v=onepage&q=krishna%20sabla&f=false.
- ↑ "History of Maharashtra" (en में). https://www.scribd.com/doc/98947933/History-of-Maharashtra.
- ↑ State), Bombay (India : (1885) (en में). Gazetteer of the Bombay Presidency .... Government Central Press. https://books.google.co.in/books?id=XUBR8W0LbSAC&pg=PA39&dq=krishna+sabla&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwjOmauxpOLkAhVCeH0KHb2uDjsQ6AEIHjAA#v=onepage&q=krishna%20sabla&f=false.
- ↑ "महाराष्ट्र सरकार". https://103.23.150.20/cultural.maharashtra.gov.in/english/gazetteer/Poona%20District/Poona-II/history_british.html#..