तारा सिंह
अंगूठाकार|श्रीमती तारा सिंह श्रीमती तारा सिंह हिन्दी साहित्यकार हैं।
परिचय[सम्पादन]
छायावाद की एक प्रमुख स्तम्भ, डॉ. तारा सिंह ने केवल काव्य-जगत को ही आलोकित नहीं किया है, बल्कि, ग़ज़ल, गद्य-साहित्य में भी श्रेष्ठ कहानियाँ दी हैं| उपन्यास और कथा- लेखन में भी सिद्धहस्त हैं| युग-प्रवर्तक साहित्यकार डॉ. तारा का जन्म 10 अक्तूबर 1952 में हुआ, जब हमारे देश को आजादी मिले कुछ साल ही गुजरे थे| भारत की आध्यात्मवादी जीवन-दृष्टि और पश्चिम की भौतिकवादी जीवन दृष्टि के मध्य संघर्ष लगभग अंतिम दौड़ में था| राष्ट्रीय चेतनाओं के फलस्वरूप धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक सुधारवादी आंदोलन को धीरे-धीरे गति मिल रही थी| इनकी लेखनी मानव मन का सूक्ष्म से सूक्ष्म और भावनात्मक चित्रण करने में सक्षम है| इनकी कहानियों में यथार्थ और आदर्श का अद्भुत सम्मिश्रण मिलता है| प्रेम, घृणा, वात्सल्य, वीरता, संवेदनशीलता, दृढ़ता, पारिवारिक सम्बंध, सामाजिक समस्याएँ, नारी पर अत्याचार, शौर्य, इन सभी भावों, रसों का सुन्दर चित्रण है|
आधुनिक हिंदी साहित्य के सर्वांगीण विकास में, हम कह सकते हैं, तारा का योगदान कम नहीं है| काव्य, कथा-साहित्य, ग़ज़ल, इन सभी क्षेत्रों में अद्वितीयता सर्व स्वीकृत है| कहानी के क्षेत्र में डॉ. तारा की 13 कहानी-संग्रह उपलब्ध हैं| इन सभी कहानी -संग्रहों की अधिकाँश कहानियाँ, जीवन के भावनात्मक दृष्टिकोण की परिचायक हैं|
तारा के निबंधों (रम्यटती व निबन्ध सरिता) में आधुनिक बोध के विभिन्न आयाम पढने मिलते हैं| तारा की आस्तिकता, धर्म को स्वीकार करती है, किन्तु धर्म जब मनुष्य -मनुष्य में असमानता पैदा करता है, तो उसका विरोध भी अपनी सशक्त लेखनी द्वारा निडर होकर खूब करती हैं|
तारा के उपन्यास, भाव और विचार, संगति और संस्कार के अद्भुत उदाहरण हैं|
इनका दार्शनिक चिंतन, नैतिक और व्यवहारिक स्तर पर, वस्तु के अन्दर और बाह्य को दर्पण की भांति पारदर्शी रूप प्रस्तुत करने में अद्भुत क्षमता है, जहाँ हम काल की सामाजिक सच्चाई से साक्षात्कार करते हैं|
साहित्यिक रचनाएँ[सम्पादन]
डॉ॰ श्रीमती तारा सिंह की 52 पुस्तकें मीनाक्षी प्रकाशन, मीनाक्षी प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें : (१) कविता-संग्रह – 21
(२) गज़ल संग्रह— 8
(३) कहानी संग्रह— 19
(४) उपन्यास— 7
(५) आलेख— 2
(६) बाल पुस्तकें—1
इसके अलावा, इनकी 114 सहयोगी काव्य-संकलन प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी रचनाएँ स्वर्गविभा सहित 27 लोकप्रिय वेबसाइटों पर पढ़ी जा सकती हैं। इनकी एक गीत, ’सिपाई जी’ हिन्दी सिनेमा के लिये शीर्ष गीत (Title Song) के रूप में ली गई है। इनकी सभी पुस्तकें Notion Press, Pothi, Literature’s light, Smashwords, Kindle, Barnes and Noble, Amazon, Flipkart एवं प्रमुख देश-विदेश के हिंदी पुस्तकालयों में उपलब्ध हैं| इनकी आठ पुस्तकें, जिनमें 'अंकिता', 'दूतिका', 'समर्पिता', 'परित्यक्ता', 'आँसू के कण', 'रसवंती', 'दूसरी औरत' एवं 'जिन्दगी बेवफा मैं नहीं' शामिल हैं; कू.कू.एफ़.एम. पर प्रसारित हैं|
पुरस्कार[सम्पादन]
डॉ॰ श्रीमती तारा सिंह, 257 विभिन्न राष्ट्रीय / अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा सम्मानित व पुरस्कृत हो चुकी हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं : साहित्य महामहोपाध्याय, विद्यासागर, विद्या वारिधि, वोमैन आफ़ दी इयर अवार्ड, मदर टेरेसा अवार्ड, कबीर पुरस्कार, भारत भूषण अवार्ड, इण्डो-नेपाल सद्भावना अवार्ड, राजीव गांधी अवार्ड, भारत ज्योति अवार्ड आदि।
वर्तमान कार्यक्षेत्र[सम्पादन]
हिन्दी साहित्यकार होने के नाते, हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये डॉ॰ श्रीमती तारा सिंह ने एक लोकप्रिय हिन्दी वेबसाइट, स्वर्गविभा की स्थापना की। विश्व साहित्यकारों की चहेती, ’स्वर्ग विभा ’ आज गागर में सागर है। इसमें हिन्दी कहानियाँ, कविताएँ, ग़ज़ल, उपन्यास, आलेख आदि, सभी अपने- अपने मर्यादित स्थान पर रहते हुये, विश्व को एक सूत्र में बाँधने का प्रयत्न कर रही हैं। हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा हो, स्वर्गविभा पत्रिका की स्थापना का यही उद्देश्य है। हिन्दी की ख्याति और प्रगति को विस्तार मिले, इसके लिये, स्वर्गविभा तारा सम्मान का निर्णय लिया गया; जो कि निर्विघ्न आज तीन सालों से चल रहा है। इसमें हिन्दी विद्वानों में से किन्हीं पाँच को चयनित कर, उन्हें एक विशाल समारोह में सम्मानित किया जाता है। ये साहित्यिक, सांस्कृतिक कला संगम अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। ये कविता, ग़ज़ल, कहानी, उपन्यास व सिनेमा के लिए गीत लिखने और साहित्यिक समारोहों में इन्हें गाने में काफ़ी रूचि रखती हैं। ये कभी- कभी समाज-सेवा कार्यक्रमों में भी दिल से हाथ बँटाती हैं।
उद्धरण[सम्पादन]
(1)। ‘ TARA SINGH (AUTHOR), Biography—Barnes and Noble, N.J., U.S.A. (2) एफ्रो - एशियन हूज -हू, खंड १ (२००६) (3) एशिया-पैशेफिक हूज -हू, खंड ६ (२००६) , (4 ) राईजिंग पर्सोनालिटी आफ़ इन्डिया अवार्ड बुक, २००६ (5) बेस्ट सिटिजेन्स आफ़ इन्डिया बुक, २००८, पृष्ठ-६६. (6) एशिया पैसेफ़िक हूज-हू,खंड—११,पृष्ठ-३७६ (२०१२) (7) एशियन एडमायरेबुल एचीवर्स, खंड—७ ( २०१३ ) ; पृष्ठ –१६५ . (8) ) एशिया-पैशेफिक हूज -हू, खंड १४ (२०१६) ; पृष्ठ – ४११ (9) Pothi (10) Barnes & Noble (11) Kindle (12) Notion Press (13) Smashwords (14) Amazon (15) Flipkart
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