You can edit almost every page by Creating an account. Otherwise, see the FAQ.

नारायण स्वामी (भजन गायक )

EverybodyWiki Bios & Wiki से
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

नारायण स्वामी एक सन्त ओर भजनीक थे। उनका मूल नाम शक्तिदान महिदान लांगावदरा था जो आत्मिक जागृति के बाद नारायण स्वामी हो गया। उन्हों ने मीरा बाई, कबीर, गंगा सती और नरसिंह मेहता, सतार साईं, भक्त मूलदास जैसे संतो की अमृतवाणी को गाया है, ओर संतवाणी से उन्होंने आध्यात्मिक जगत को ऊर्जा दी है। उन्होंने ३०० से ४०० भजन गाये है जो पूर्ण रुप से आध्यात्मिक ज्ञान वाचक है। संत ओर त्यागी आत्मा होने के नाते वो एक उपदेशक थे। उन्होंने जन कल्याण के लिए निस्वार्थ भाव से भजन और संतवानी गाई है।

भारत के पश्चिमी भाग में स्थित गुजरात राज्य के बोटाद जिले के आंकडीया (गढवी ना आंकडीया) के मूल निवासी थे। संन्यास के बाद वो कुछ समय सौराष्ट्र के राजकोट ज़िले के शापर-वेरावल में रहते थे उसके बाद लीलाखा गांव में ओर उसके बाद जुनागढ़ में थोड़े समय रहते थे और अंत में वह कच्छ के मांडवी में आश्रम में स्थित हुए।

नारायण स्वामी वर्ष २००० में आत्मा से परमात्मा में लीन हो गए मांडवी आश्रम उनकी समाधि आज भी वहां स्थित है।

और नारायण स्वामी को भजन के भिष्मपितामह माना जाता है। और मां सरस्वती की परम उपासक श्री लता मंगेशकरजी भी सुबह सबसे पहले नारायण स्वामी के भजन सुनती थी ।

नारायण स्वामी एक भजन गायक ही नहीं थे वो एक शुद्ध आत्मा के धनी थे. उनके आखिरी के समय में जब भजन गाते थे तो  लोगो के आँखों से आंसू बहने लगते थे।  उनके भजनों में द्वैत से अद्वैत की और ले जांने वाले होते थे।  वो जब भजन गाते थे तो उनके श्रोता दुनिया भूल कर धन दौलत लुटा देते थे।  और प्रभु की भक्ति में ऐसे तल्लीन हो जाते थे की नाचने लगते थे। आज भी उनके हिंदी और गुजरती भजन लोगो को बहुत पसंद आते हैं।

सन्दर्भ[सम्पादन]


This article "नारायण स्वामी (भजन गायक )" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:नारायण स्वामी (भजन गायक ).



Read or create/edit this page in another language[सम्पादन]