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चिन्मयानंद बापू जी

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चिन्मयानंद बापू(4 दिसंबर 1980 को जन्म हुआ) एक प्रमुख कथा वाचक और अद्भुत स्वर गामी है।[१] वह बचपन से ही महाभारत, श्रीमद् भागवत और राम चरित्र मानस के रूप में उनके पास प्राचीन ग्रंथो, महाकाव्य और दर्शन के उत्कृष्ट ज्ञान की गहरी समझ है।[२]

Shri Chinmayanand Bapu Ji
Shri Chinmayanand Bapu Ji
Chinmayanand Bapu Ji
जन्म 4 दिसम्बर 1980 (1980-12-04) (आयु 44)
गैपुरा गांव जिला मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश, भारत (वर्तमान में हरिद्वार उत्तराखंड)
धर्म हिन्दू
राष्ट्रीयता Indian

जीवन परिचय और शिक्षा[सम्पादन]

पूज्य बापू जी स्वामी रामदेव का स्नेह प्राप्त करते हुए।

चिन्मयानंद बापू जी (Shri Chinmayanand Bapu Ji) का जन्म 4 दिसंबर 1980 को मिर्जापुर जिला उत्तर प्रदेश के गैपुरा गांव में श्री हरी शंकर पांडेय और श्रीमती रेखा पांडेय के घर में हुआ है। उनके माता-पिता ब्राह्मण है।। उनकी शिक्षा अयोध्या के वेद मंदिर आश्रम में पूरी हुई , वह संस्कृत पाठशाला में भी बहुत उत्तम थे। उनके गुरु देव महामंडलेश्वर स्वामी राम कुमार दास जी है।, जिनकी अनुकंपा से उन्होंने संस्कृत में सभी ग्रंथो, महाकाव्यों और वैदिक दर्शन का ज्ञान प्राप्त किया। चिन्मयानंद बापू जी (Shri Chinmayanand Bapu Ji) ने 14 वर्ष की आयु में प्रथम बार श्री राम कथा का वाचन किया(बूंदी राजस्थान में) जोकि अब कथा की धारा विश्वभर में व्याप्त होते हुए लगभग 700 से अधिक हो चुकी है।[३] जिसमे की लगभग भारत के सभी प्रान्त और विश्व के लगभग दस देश शामिल है। जंहाकि पूज्य बापू जी की कथाओ का आयोजन हो चूका है।[४] पूज्य बापू जी की मधुर वाणी से करोडो मनुष्यों के जीवन में प्रकाश का उदगम हुवा है।[५]

संगठन की स्थापना[सम्पादन]

विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट जो मूलत: गरीब बहनों का विवाह, निर्धन बच्चों की निशुल्क शिक्षा सेवा , संतो की सेवा , एवं गाय माता की सेवा के लिए स्थापित किया गया। पूज्य बापू जी के मन में सदैव मानव कल्याण की भावना बनी रहती है। किस प्रकार मनुष्य समाज की मुख्य धारा से जुड़े , किस प्रकार समाज की वैचारिक वृद्धि हो और किस प्रकार समाज खुशहाल हो।[६] इसी उद्देश्यों को लेकर पूज्य बापू जी ने 2009 में विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट की स्थापना की।

अभी तक इस ट्रस्ट के द्वारा लगभग 5000 बच्चो को स्कूल से जोड़ा जा चूका है। और लगभग 700 गरीब कन्याओ का विवाह पूज्य बापू जी की प्रेरणा से ट्रस्ट के द्वारा सम्पन्न किया जा चूका है। इसके अलावा भी ट्रस्ट के द्वारा अनेको परमार्थिक सेवाएं समय समय पर की जाती है। जैसे की अन्न वितरण , प्राकर्तिक आपदाओं में सहयोग, महाकुम्भ में अन्नक्षेत्र , संत , भक्त और अतिथियों की सेवा और पर्यावरण की शुद्धि के लिए जागरूकता अभियान , नशा उन्मूलन के लिए जागरूकता अभियान इस तरह से अन्य भी अनेको सेवाएं की जा रही है।

गौशाला का निर्माण[सम्पादन]

पूज्य बापू जी गौशाला में विचरण करते हुए।

जैसा की सभी को ज्ञात है कि सनातन धर्म में गाय को माता का सम्मान दिया गया है। इसी भावना के साथ हरिद्वार में माँ गंगा के तट पर पूज्य बापू जी के द्वारा एक गौशाला का निर्माण भी कराया गया। जिसमे की आरम्भ में 20 गाय माता की सेवा शुरू हुई। जोकि अब इस संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है।

पूज्य बापू जी का कहना है कि मनुष्ये जिसका दूध सेवन करता है वो हमारी माता है और माता का निरादर नहीं होना चाहिए बल्कि उसकी पूजा होनी चाहिए।

पूज्य बापू जी का साहित्य[सम्पादन]

  1. मानस दर्शन
  2. श्रीमदभागवत दर्शन  
  3. हनुमत दर्शन
  4. भरत प्रेम
  5. गोपी गीत ( हिंदी )  
  6. गोपी गीत ( गुजराती )
  7. हनुमान चालीसा पार्ट - 1
  8. हनुमान चालीसा पार्ट - 2
  9. स्वर दर्शन ( हिंदी )
  10. स्वर दर्शन ( गुजराती )
  11. साधना से सिद्धि की ओर  
  12. दिव्य दर्शन

इन्हें भी देखें[सम्पादन]

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