महाराजा लाखन पासी
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लखनऊ को प्राचीन काल में लखनपुर के नाम से जाना जाता था। लखनऊ महाराजा लाखन पासी के नाम पर पड़ा है लखनऊ महाराजा लाखन पासी ने अपने नाम से बसाया था government ragisterd (Census of india 1971:(no 17 of 1961 series) मे दिया है लखनऊ का नाम महाराजा लाखन पासी जाती के नाम पर है
महाराजा लाखन पासी | |
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अवध प्रान्त, (10 से 11 वीं सदी )के मध्य |
महाराजा लाखन पासी लखनऊ के राजा थे जिन्होंने कई सालों तक यहाँ शासन किया सैयद सलार मसूद गाजी के धोखे से होली के दिन लखनऊ पर आक्रमण किया और महाराजा लाखन पासी ने भीषड युद्ध किया महाराजा लाखन पासी के गर्दन पर किसी ने पीछे से तलवार से हमला किया और उनका सर धड़ से अलग गिर गया जहाँ पर सिर गिरा वहाँ का नाम सरकटा पड़ा इसी युद्ध में लखनऊ निर्माता लाखन पासी वीर गति को प्राप्त हुए । आगे चलकर लखनऊ के नवाब आशफउधौला ने 1775 ई.में में लखनऊ को अवध की राजधानी बनायीं थी। अवध के शासकों ने लखनऊ को अपनी राजधानी बनाकर इसे समृद्ध किया। लेकिन बाद के नवाब विलासी और निकम्मे साबित हुए। आगे चलकर लॉर्ड डलहौली ने अवध का अधिग्रहण कर ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया। 1850 में अवध के अन्तिम नवाब वाजिद अली शाह ने ब्रिटिश अधीनता स्वीकार कर ली।[३]
संदर्भ[सम्पादन]
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