रानडे, गांधी और जिन्ना
रानडे, गांधी और जिन्ना | |
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लेखक | भीमराव आम्बेडकर |
मूल शीर्षक | Ranade, Gandhi And Jinnah |
देश | भारत |
भाषा | अंग्रेजी |
प्रकाशन तिथि | 1943 |
रानडे, गांधी और जिन्ना (अंग्रेजी: Ranade, Gandhi And Jinnah) एक व्याख्यान पर आधारित भीमराव आम्बेडकर द्वारा लिखित 1943 का एक पुस्तक हैं।[१] 18 जनवरी 1942 को न्यायमूर्ति महादेव गोविंद रानडे के 101 वे जन्मदिवस के उपलक्ष में भारतसेवक समाज इस संस्था ने गोखले मेमोरियल सभागृह में आयोजित किये हुए समारंभ में बाबासाहब आम्बेडकर को मुख्य वक्ता के रूप में डेक्कन सभा ऑफ पुणे इस संस्था ने आमंत्रित किया था। उस समय आम्बेडकर ने 'रानडे, गांधी और जिन्ना’ इस विषय पर दीर्घ तात्विक व्याख्यान दिया। 1943 में इसी भाषण को आम्बेडकर पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया। इसमें उन्होंने महादेव गोविंद रानडे, मोहनदास करमचंद गांधी व मोहम्मद अली जिन्नाह की तुलना कर रानडे को गांधी व जिन्ना से बडे समाजसुधारक या राजनेता के रूप में माना हैं।[२]
इन्हें भी देखें[सम्पादन]
सन्दर्भ[सम्पादन]
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