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वकु-नीति

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वकु-नीति वकील कुमार यादव के जीवन के कड़वे और मधुर,दोनों प्रकार के अनुभवों से निःसृत उपदेश है। ये उपदेश जीवन के गम्भीर अनुभवों से जुड़े हुए हैं ।ये उपदेश हमें जीवन एवं संसार की वास्तविकताओं से हमारा परिचय कराते हैं ।लेखक ने इन अनुभवों को जिया और भोगा है। वकील कुमार यदव का जीवन काफी संघर्षमय रहा है। एक किसान परिवार में जन्म लेकर पढाई के लिए संघर्ष करते रहना। वर्तमान में भी पटना के ए.एन .कॉलेज से स्नातकोत्तर उत्तीर्ण करके संघर्ष करते रहना एवं कई पुस्तकों को लिखते रहना वकील के अंतर में निहित है।[१]

वकु-नीति से पहले वकील ने अंग्रेजी में नीतिपरक बातों पर एक पुस्तक लिखी है।अब हिंदी में उनकी इस विषय की पुस्तक वकु-नीति के रूप में आ रही हैं ।आप सब इस पुस्तक को पढ़ें और इससे सफल जीवन के क्षेत्र में आगे बढने हेतु लाभ उठाए। कोई भी विचार अपने –आप में पूर्ण नहीं होते हैं ।यह सम्भव है कि आप लेखक की कई बातों से सहमत न हो क्योंकि आपका जीवन –अनुभव इससे भिन्न हो। वहाँ पर आप उन बातों को छोड़कर अपने लिए उपयुक्त बातों को अपना लें। लेखक वकील इससे पूर्व कुछ उपन्यास एवं प्रतियोगिता –सम्बन्धी परीक्षाओं पर भी लिख चुके हैं।

नीति[सम्पादन]

  1. “अपने बेटे की जिन्दगी बनाने में माँ –बाप की जिन्दगी गुजर जाती है |पर जब बेटा अपने पैरों पर खड़ा होता है ,चंद सिक्के कमाने लगता है तो वही बेटा अपने माँ - बाप से उन सिक्कों को छुपाकर रखने लगता है |पर वह भूल जाता है कि जब उसकी अंगुली भी हिल-डुल नहीं रहे थे ,आँखे खुल न पाती थी तब से माँ –बाप उसके हर गतिविधियों पर ध्यान देते रहते हैं |जिसे हर गतिविधियों का ठीक तरह से ज्ञान /आभास हो उससे बेटा सिक्के कैसे छुपा पाएगा ? अगर बेटा पैसे /सिक्का नहीं भी छुपाता तो भी माँ-बाप को कोई एतराज नहीं रहता है । माँ –बाप बेटे के सिक्कों से दुःखी या सुखी नहीं होता है |माँ – बाप को बेटे से केवल दो रोटी की आशा रहती है |रोटी के अलावे बेटा कितना सिक्का बैंकों में छुपाएँ ,माँ –बाप को कोई एतराज नहीं रहता है | फिर भी कुछ अति चतुर बेटे सिक्के छुपा – छुपाकर रख रहे हैं |कभी माँ –बाप उसी बेटे को गाँव से ढूढ़कर ले आते थे ,रोटियाँ खिलाते थे |स्कूलों में दूध –मक्खन से भरा ग्लास लेकर जाते थे और पिलाकर आते थे |आज भला कैसे बेटे के खाने से एतराज करेंगे माँ – बाप ?
  2. अगर कोई व्यक्ति किसी से बोलना – मिलना छोड़ दे तो ये मत समझना कि वह व्यक्ति अंदर से टूट गया है बल्कि यह समझ लेना कि उस व्यक्ति को तुम्हारे जैसे छोटे- मोटे ,लालची ,भिखारियों ,असहायों की कोई जरूरत नहीं है |वह व्यक्ति अपने आप में परिपूर्ण है |
  3. अक्सर हाथ फैलानेवाले एवं मदद माँगनेवाले दयनीय स्थिति वाले हो जाते हैं |जो परिपूर्ण है उसे क्या चिंता ?
  4. अगर तुम्हारी तरक्की में समाज का कोई योगदान नहीं है तो तुम्हारा भी योगदान समाज की तरक्की में नहीं होना चाहिए |
  5. एक हजार मूर्खों के साथ रहने से बेहतर है कि एक विद्वान के साथ रहा जाए |
  6. अगर कोई व्यक्ति सामान्य तबके के व्यक्तियों के समान ही कार्य करता है तो समझ जाओ कि वो भी सामान्य ही है |
  7. अगर कोई व्यक्ति हर जगह हर उत्सव में दिख जाए तो समझ लेना कि वह व्यक्ति कीमतहीन है क्योंकि मिट्टी और कंकड़ हर जगह देखने को मिलते हैं परन्तु हीरा विरले ही दीखता है |
  8. मनुष्य के जीवन में समाज का कोई योगदान नहीं रहता है |अगर योगदान होता तो हर गांव में हजारों की संख्या में मुर्ख न भरे रहते ,वो भी किसी बड़े पद पर होते |
  9. अपने घर के दो किलोमीटर चारों तरफ के व्यक्तियों से सतर्क रहें क्योंकि ये तुम्हारे कभी नहीं हो सकते हैं |
  10. दूसरों की बुराईयाँ खोजने में तुम वक्त लगाते हो उतना ही वक्त अगर अपने पर देते तो शायद आज तुम्हारी स्थिति कुछ और होती |
  11. अगर दूसरों ने तुम्हारे लिए कुछ बेहतर किया है तभी तुम उसके लिए बेहतर करों अन्यथा वह तुम्हें अपना चाटुकार समझ लेगा |
  12. लोग अपने माँ –बाप के तो होते ही नहीं हैं ,फिर तुम्हारा कैसे होंगे ?अतः लोगों से हमेशा दुरी बनाए रखों |
  13. संसार के किसी भी मन्दिर ,मस्जिद ,गुरुद्वारा आदि में कोई नहीं है भगवान |ये सब काल्पनिक एवं मनगढंत कहानियाँ हैं |इनका वास्तविकता से कुछ लेना –देना नहीं है |
  14. स्वर्ग एवं नर्क जैसा कोई लोक नहीं है ,यह सिर्फ लेखकों के दिमाग की उपज है |अतः भ्रम में नहीं पड़े |
  15. बेकार के लोगों के साथ बैठकर बेकार की बातें करने एवं समय नष्ट करने से बेहतर है कि खुद की तरक्की में समय लगाएँ और कीमती बनें |
  16. आदर्श परिस्थितियों का इंतजार न करें |कभी भी आदर्श परिस्थियाँ नहीं आती हैं |अगर आती भी है तो तुरंत चली जाती है |
  17. दूसरों की बुराई अक्सर रोड छाप प्रवृत्ति के लोग ही करते हैं |बड़े लोगों के पास खुद को बेहतर बनाने से फुरसत कहाँ है ?
  18. जिससे तुम ज्यादा दोस्ती करोगे वही तुम्हें ज्यादा धोखा देगा |
  19. दूसरों को ज्ञान बाँटने से बेहतर है कि उसी ज्ञान का स्वयं सदुपयोग करके बेहतर बना जाए |
  20. आप दूसरों का जितना अधिक ख्याल रखेंगे ,वे भी आपका उतना ही ध्यान रखेंगे |
  21. अगर तुम प्रचंड तनाव में जी रहे हो तो उस वक्त तुम कुछ मत सोचों ,केवल अख़बार ,कहानियाँ पढ़ो ;तनाव तुरंत खत्म हो जाएगा |
  22. आप जिस क्षेत्र में बेहतर करना चाहते हैं ,बेहतर कर सकते हैं ;बस आपको लगतार उस क्षेत्र में काम करते रहना है |
  23. मनुष्य का मन कभी भी शांत नहीं रहता है |मन लगतार हर क्षण कुछ – न –कुछ सोचते रहता है |
  24. मनुष्य की जिज्ञासा कभी पूरी नहीं होती है |वह जितना बेहतर करता है उतना ही और बेहतर करना चाहता है |
  25. मनुष्य की उम्र बहुत नाजुक है |अतः जो इतिहास रचना है ,फटाफट रच लो |
  26. खुश रहने का एकमात्र तरीका है कि आप अपने हर कार्य को अच्छे से अच्छे वक्त पर निपटाते जाएँ |
  27. गर्लफ्रेंड्स एक लुभावनी चीज है जो मन अशांत करती है |अतः इसे प्राप्त कर लो ,तुम्हारा दिमाग शांत हो जाएगा |
  28. जिन्दगी में कभी भी किसी एक गर्लफ्रेंड्स के भरोसे मत बैठो ,नहीं तो धोखा मिलेगी |दूसरा विकल्प भी रखो ताकि तुम्हें शांति मिलें |
  29. अवसर की प्रतीक्षा में मत बैठो ,उठो और कार्य को गति दो क्योंकि आज से अच्छा अवसर शायद न मिले |
  30. जिन्दगी में कभी भी अपने छोटे विचार वालों से मत करो क्योंकि दोस्ती टूट जाएगी ,वह तुम्हें धोखा दे सकता है |
  31. छोटे - मोटे लोग हमेशा हताशा एवं तनाव में जिया करते हैं ,परन्तु बड़े लोग अपने कार्य में लीन रहते हैं ,उन्हें अपने कार्य में ही ख़ुशी मिलती है |
  32. बड़े तबके के लोग तुम्हें कभी भी अपनी बराबरी में खड़ा नहीं करते हैं ,अतः उनके पीछे –पीछे मत घुमो |
  33. उच्च पदों पर आसीन व्यक्ति निम्न स्तर के व्यक्ति को अपना पालतू जानवर बनाकर रखना चाहते हैं |अतः तुम ज्यादा उम्मीद मत करना |
  34. इस मृत्युलोक में कोई भी व्यक्ति मुफ्त में मदद तुम्हारी मदद नहीं करता है ,अतः यदि कोई मदद करें तो तुम्हें भी लौटाना ही पड़ेगा |
  35. अति प्रशंसा पाना भी कई बार पतन करवाती है |अतः प्रशंसा के शब्दों ,स्थितियों का हमेशा आकलन करते रहो |
  36. मनुष्य से ज्यादा वफादार जानवर होते हैं |अतः जानवरों को भी अपना मित्र बनाओ |
  37. असफल लोग हमेशा दूसरों पर ऊँगली उठाते रहते हैं और सफल व्यक्ति असफल लोगों को देखता भी नहीं |
  38. मनुष्य साकरात्मक बातों पर देर से विश्वास करता है परन्तु नाकरात्मक बातों पर तुरंत विश्वास कर लेता है |
  39. तुम किसी की लाख बार बड़ाई करो ,वह तुमसे खुश रहता है |परन्तु गलती से एक भी बुराई कर लिया तो वह तुमसे नफरत करने लगता है |
  40. बुराई करके तुम किसी को अपने अनुसार नहीं चला सकते हो परन्तु प्रशंसा करके अपने अनुसार चला सकते हो |
  41. बुराई वह घटिया चीज है जिससे बुराई करनेवाला हमेशा घाटा में रहता है |
  42. बुराई करने वाले को कुछ प्राप्त नहीं होता है ,परन्तु बुराई जिसकी की जाती है वह बेहतर कर जाता है |
  43. अपने दुश्मन को तत्काल जवाब मत दो ,जवाब सही वक्त पर एवं सही तरीके से दो कि दुश्मन फिर आकर खड़ा न हो सकें |
  44. तुम्हारे सही कार्य को भी अगर कोई व्यक्ति गलत कहें तो समझ लो कि वह व्यक्ति तुम्हें गिराना चाहता है |अतः सतर्क रहो |
  45. हर व्यक्ति के अलग – अलग विचार होते हैं |अतः हर विचार पर खरे उतरने की भूल मत करो |
  46. अगर तुम दूसरों को नाखुश करके कुछ बेहतर कर जाते हो तो बेहतर करो |
  47. अगर कोई व्यक्ति आपकी गति को कम करना चाहता है तो आप तुरंत उस व्यक्ति की संगति छोड़ दें |
  48. बक –बक करते अक्सर छोटे मुँह वाले व्यक्ति ही देखे जाते हैं |समुद्र तो शांत गति से चलता रहता है |
  49. अज्ञानी ,मुर्ख ,चौपट ,रोड –छाप वाले व्यक्ति हमेशा बक –बक करते रहते हैं |अतः इनकी पहचान कर तुरंत इनसे दूर हो जाओ |
  50. अगर कोई व्यक्ति संस्कार ,धर्म ,जाति ,क्षेत्र आदि के नाम पर तुमसे जुड़ने की कोशिश करें तो समझ लो कि वह तुम्हारा कभी नहीं हो सकता है क्योंकि वह हताश है |हताश व्यक्ति ही ऐसी हरकत करता है |
  51. अगर पत्नी कि हरेक बात मीठी लग रही हो तो समझ लो कि आपका विनाश शुरू होनेवाला है |
  52. पति के हरेक बात पर विश्वास मत करो क्योंकि पति हमेशा सही नहीं हो सकता है |
  53. मनुष्य स्वभाव से ही लालची होता है |अतःधन का बंटवारा बराबर करो |
  54. धार्मिक पुस्तकों में लिखी गई हरेक बात हर समय हर व्यक्ति को सटीक नहीं लगती है |
  55. इस संसार में आंख बन्दकरके किसी पर भी भरोसा मत करो क्योंकि विश्वासी व्यक्ति बहुत ज्यादा धोखा देता है |
  56. विश्वासी व्यक्ति द्वारा दिया गया धोखा तलवार की चोट से अधिक गहरा दर्द देता है |
  57. किसी से ज्यादा मित्रता न निभाएँ ,क्या पता जिसको आप मित्र कह रहे हो वह आपको अपना मित्र समझता ही न हो |
  58. अगर तुम्हारे बार – बार प्रयास करने के बावजूद भी कोई व्यक्ति दोस्ती न करें तो समझ लो वह तुमसे बहुत उच्चे स्तर का व्यक्ति है |
  59. लोग उगते हुए सूर्य को प्रणाम करते हैं अतः मनुष्य को हमेशा उच्च स्तर का ही बनना चाहिए |
  60. तुम्हारे अच्छी परिस्थितियों में बहुत लोग हाथ बँटानेवाले मिल जाएँगे परन्तु बुरी परिस्थितियों में कोई नहीं मिलता |
  61. अगर श्रीकृष्ण जैसे दोस्त मिलते हैं तो विजयी होने में देर नहीं लगती है परन्तु जब शकुनि ,मंथरा जैसे दोस्त मिलते हैं तो बर्बाद होने में भी देर नहीं लगती है |अतः यह आप पर निर्भर करता है कि आप किसको दोस्त बनाना चाहते हैं |
  62. यदि लोग कहें कि आप उस चीज को नहीं कर सकते तो यकीन कीजिए कि आप उस चीज को आसानी से कर सकते हैं |
  63. अगर आपके दुश्मन आपकी बुराई करना शुरू कर दें तो समझ लीजिए कि आप बेहतर कर रहे हैं क्योंकि सवेरा होने से पहले मुर्गे आवाज लगाने लगते हैं |
  64. रात का भोजन सबसे महत्वपूर्ण होता है |अतः रात में भरपेट भोजन करें |
  65. अगर आपके पास धन ,दौलत भरा पड़ा है परन्तु स्वास्थ्य गायब है तो आप हमेशा तनाव में जियेंगे |अतः स्वास्थ्य सुधारें |
  66. लोग बुराई तब ही करते हैं जब आप उनलोगों से बेहतर करने लगते हैं |
  67. दारू ,गंजा ,भांग ,खैनी ,अफीम के लिए लोग आपके ऊपर पैसा खर्च कर सकते हैं परन्तु आपकी पढाई –लिखाई ,मेडिकल जाँच इत्यादि पर खर्चा करने की बात सुनकर भाग जाएँगे |
  68. अगर जिन्दगी में हमेशा खुश रहना चाहते हो तो हमेशा अपने आप से मतलब रखो ,दुनिया के चक्कर में मत पड़ो |
  69. चीनी के एक दाना गिरते ही लाखों चींटियाँ दौड़ने लगती हैं |अतः चीनी बनो ,छोटे –मोटे कीड़े जैसे व्यक्ति दौड़कर तुम्हारे पास आयेंगे |
  70. इस दुनिया में असम्भव कुछ भी नहीं |हम वो सब कर सकते हैं जो हम सोच सकते हैं और हम वो सब सोच सकते हैं जो आजतक हमने नहीं सोचा |
  71. जो दिमाग सोचता है वही करता भी है |
  72. अतः बेहतर सोचे और बेहतर होने दें |
  73. कुछ लोग थोड़ी – सी उपलब्धियाँ पाकर इतने उतावले हो जाते हैं कि संसार विद्वानों से खाली है |
  74. अगर मैं मूर्खों के साथ होता तो जो आज हूँ वह नहीं होता |
  75. अगर तुम किसी को ठगना चाहते हो तो धर्म का मार्ग अपनाओ क्योंकि लोग धर्म के अंधे होते हैं |
  76. मनुष्य अपने किए गए कर्मों का ही भोग करता है |
  77. सीसा ,कंकड़ एवं अपशिष्ट पदार्थों का सही निपटारा करो नहीं तो ये हमारे पैरों तले आ जाते हैं |सीसा ,दुश्मन एवं कांटा का सही से निपटारा कर लो नहीं तो ये हमेशा पैरों तले आते रहते हैं |
  78. छोटे – मोटे लोगों का जन्म ही बड़े लोगों का प्रचार –प्रसार करने के लिए होता है |छोटा –मोटा व्यक्ति एक अच्छा प्रचारक होता है |
  79. निंदा करनेवालों से भी फायदा होता है क्योंकि वह आपका मुफ्त प्रचारक होता है |
  80. निंदा करनेवाला व्यक्ति आपका मुफ्त में प्रचार करता है |अतः उसे प्रचार करने दे |
  81. जिसके पास दो –चार निंदक व्यक्ति हैं उसका मुफ्त में प्रचार होता है |जिसका कोई निंदक है ही नहीं वह पैसे देकर प्रचार करवाता है |
  82. निंदा करने वाला व्यक्ति आपका मुफ्त में प्रचार करता है अतः उसे प्रचार करने दें |भले ही वह बुराई ही करता हो परन्तु आपका नाम लोगों के कानों तक पहुंच रही है न |
  83. छोटा मुँह ,छोटी बातें |छोटे – मोटे लोग छोटी –मोटी बातें ही करते हैं |
  84. छोटे –मोटे पदों पर कार्यरत व्यक्ति जितनी अपनी पूरी जिन्दगी में कमाता है उतना बड़े पदों पर आसीन व्यक्ति एक साल में कमा लेता है |अतः बड़े पदों पर आसीन हो |
  85. बिगड़ी हुई औरत नागिन से भी खतरनाक होती है |
  86. आप दूसरों के लिए क्या किए हैं ,उसीके लिए याद किए जाते हैं |
  87. चोरी कौन करता है ,छोटा- मोटा व्यक्ति
  88. अपराध कौन करता है ,छोटा –मोटा व्यक्ति
  89. थाली कौन धोता है ,छोटा –मोटा व्यक्ति
  90. नाला सफाई कौन करता है ,छोटा –मोटा व्यक्ति
  91. चपरासी कौन बनता है ,छोटा –मोटा व्यक्ति
  92. बुराई कौन करता है ,छोटा –मोटा व्यक्ति
  93. अफीम कौन खाता है ,छोटा –मोटा व्यक्ति
  94. गाली –गलौज कौन करता है ,छोटा –मोटा व्यक्ति
  95. यानि कि सब निम्नस्तर का काम छोटे-मोटे व्यक्ति ही करते हैं |
  96. आत्मसम्मान करनेवाला व्यक्ति अगर तुमसे एकबार रूठ जाएँ तो उसे मनाने में बहुत वक्त लगेगा |
  97. किसी लडकी के पीछे ज्यादा मत भागो ,वह खुद तुमसे मिलना चाहेगी |
  98. छोटे – मोटे व्यक्तियों द्वारा बड़े व्यक्तियों के बारे में लगाई गयी अटकलें हमेशा ही गलत साबित होती है |
  99. आप अपने लिए क्या करते हैं ,मायने नहीं रखता है |आप दुनिया के लिए क्या करते हैं ,यह मायने रखता है |आपका दुनिया के लिए किया गया काम आपको दुनिया के दिलों में जगह दिलाता है |
  100. यह मायने नहीं रखता कि आप कितने तेज हैं पर यह मायने रखता है कि आप कितने बड़े पद पर है |
  101. अगर तुम भी प्यार करते हो तो धोखा खाने के लिए तैयार रहना क्योंकि प्यार में अक्सर धोखा ही मिलता है |
  102. अगर लडकी पटाना चाहते हो तो डायमंड बनो, लडकियाँ डायमंड सम्भालकर रखती है ,पत्थर नहीं |
  103. राजनीति में आने के लिए लात खाना कोई जरूरी नहीं है |
  104. राजनीति में आने से पहले लात खाने का ट्रेंड बहुत चल रहे हैं परन्तु बिना लात खाए भी आप राजनीति में आ सकते हैं |
  105. अत्याधिक अपशिष्ट महिलाऐं ही पैदा करती हैं और अत्यधिक अपशिष्ट का निपटारा महिलाएँ ही करती है |
  106. महिलाओं का मन बहुत कोमल होता है अतः महिलाओं पर पत्थरबाजी न करें |
  107. मैं शाकाहारी था परन्तु तुमसे मिलकर मांसाहारी हो चूका हूँ |
  108. पहले मैं चिंतामुक्त रहता था परन्तु जबसे तुमको देखा हूँ बेचैन रहता हूँ |
  109. अगर समाज में रहते हो तो उचित है मगर अपने स्तर के समाज में रहो |
  110. अगर समाज में रहना चाहते हो तो अभी समाज से दूर रहो |
  111. धागों का एक ही धर्म है ,
  112. छात्रों का एक ही जात है ,
  113. छात्रों का एक ही काम है ,
  114. पढाई ,पढाई सिर्फ पढाई |
  115. विद्यार्थियों को जिस्म के फेरे में नहीं रहना चाहिए |जिस्म वह आग है जिसमें हर कोई जल जाता है |
  116. विद्यार्थियों का इष्ट देवी –देवता उसकी कलमें एवं पुस्तकें होती हैं |
  117. अँधेरे को कोसने से बेहतर है कि आप एक दीपक जलाएँ |
  118. गरीब अपने एहसान को कभी नहीं भूलता है एक बार मदद करके तो देख लो |
  119. हवस ,नशा एवं फिजूलखर्ची मनुष्य को बर्बाद कर देता है |
  120. इन्टरनेट से बढ़कर कोई मददगार नहीं और इन्टरनेट से बढ़कर कोई दुश्मन नहीं होता है |अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप किसको चुनते हैं |दोनों का होना आप पर निर्भर करता है |
  121. मन में विचारों का सैलाब उमड़ने दो ,तुम रोको नहीं ,रोको नहीं ,उन्हें प्रकट तो होने दो |\
  122. लोग हाथ बँटानेवाले कम ,पैर खींचनेवाले ज्यादा है |
  123. पैर खींचने में लोगों को अधिक ख़ुशी मिलती है मानो कि उन्हें भारतरत्न ही मिल गया हो |
  124. लोग सुन्दरता से ज्यादा जिस्म पर आकर्षित होते हैं |
  125. मरना तो एक दिन तय है ,अतः दिन रात मेहनत करो और कुछ ऐसा बनो कि जीते जी भी नाम हो और मरने के बाद भी |
  126. अपनी उपलब्धियों को इतना बढ़ाओ कि गूगल तारा –तारा बताएँ |
  127. गतिहीन व्यक्तियों के साथ कभी न रहे ,गतिहीन व्यक्तियों के साथ रहने से आपकी भी गति गतिहीन होने लगेगी |
  128. मैं गिरानेवालों में से नहीं हूँ ,मैं उठानेवालों में से हूँ |
  129. मैं डूबनेवालों में से नहीं हूँ ,मैं तैरनेवालों में हूँ |
  130. जिस्म के चक्कर में जिस्म्खोर मत बनो |
  131. जिस्म वह नशा है जिसे चढ़ गई फिर उतरना मुश्किल है |
  132. जिस्म का नशा बर्बादी तक रहता है |इसलिए जिस्म का नशा छोड़ो ,जिस्म से दूर रहो |
  133. अगर आप देश की तरक्की चाहते हैं तो पहले खुद तरक्की करें ,आपकी तरक्की में ही देश की तरक्की है |
  134. जब मुझे तुम्हारी जरूरत थी
  135. तुमने साथ नहीं दिया |
  136. अब मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं है
  137. फिर तुम क्यों साथ देने को आए हो |
  138. जितने देर तुम गपशप करते हो उतने देर में एक कविता लिख सकते हो |
  139. जितनी देर तुम फालतू का गपशप करते हो उतने देर में एक नया पाठ याद कर सकते हो |उतने देर में एक पुराना पाठ का फिर से अभ्यास कर सकते हो |
  140. इतिहास गवाह है कि जिसने समय को महत्व दिया ,समय ने उसे महान बना दिया |
  141. तुम समय को महत्व दो ,समय तुम्हें महान बनाएगा |
  142. तुम विद्यार्थी हो ,तुम केवल पढ़ो |देश –दुनिया ,समाज की चिंता करना तुम्हारा काम नहीं है |
  143. मुर्ख व्यक्ति समाज में रहकर भी समाज को कुछ दे नहीं पाता है |वही विद्वान व्यक्ति एक झटके में समाज को बहुत कुछ दान दे देता है |
  144. अगर तुम समाज के लिए कुछ करना चाहते हो तो पहले खुद बहुत कुछ प्राप्त करो |
  145. बाँटता वही है जिसके पास कुछ होता है |
  146. अगर राजनीति में बने रहना चाहते हो तो काम करो ,काम ही जीत दिलाएगी |
  147. जितना तुम प्रचार –प्रसार में पैसा बर्बाद करते हो उतना में तुम काम करके जीत हासिल कर सकते हो |
  148. आपका काम ही आपकी जीत है |
  149. आजकल प्यार करनेवाली लडकी कम धोखा देनेवाली ज्यादा मिलती है |
  150. लडके दूसरी गर्लफ्रेंड्स तब पटाते हैं जब पहली लातमारकर भगा देती है |लडकियाँ बॉयफ्रेंड्स तब छोड़ती है जब वह दूसरा बॉयफ्रेंड्स बना लेती हैं |
  151. लडकों को दारू एवं लड़कियों को मेकअप एकबार चढ़ जाए तो चढ़ता ही जाता है |
  152. दूसरों से मजाक करते वक्त हल्के शब्दों का इस्तेमाल करें क्योंकि लोग हल्के शब्दों के साथ सुकून महसूस करते हैं |
  153. गली के कुत्तों को भौंकने दो ,
  154. तुम आराम से इमारत में सोते रहो |
  155. गली के कुत्तों का काम है भौंकना
  156. तुम्हारा काम है उन कुत्तों के बीच
  157. इमारत बनकर आराम फरमाना |
  158. दुनिया एक किताब है
  159. देश उसके पाठ है
  160. लोग उसके पात्र है
  161. तुम उसके पाठक हो और
  162. मैं उसका लेखक हूँ |
  163. दुसरे की सम्पत्ति हड़पकर मनुष्य कभी शान्ति ,सौहार्द एवं शान से नहीं जी सकता है |
  164. मैंने सबकुछ छोड़ दिया है ,केवल पढता हूँ |मैं सबकुछ करता हूँ ,केवल पढ़ता नहीं हूँ |दोनों में बहुत अंतर है |
  165. तुम वो सबकुछ खा सकते हो ,जिसे तुम पचा सकते हो |
  166. कोई भी सुपाच्य भोजन शरीर के लिए बेहतर है |
  167. जिस दिन फायदे एवं घाटे देखकर अपने कामों को निपटाओगे तो यकीन मानो तुम्हें कभी भी घाटा नहीं होगा |
  168. अगर लोगों से तुम्हें फायदा हो तब ही तुम उनसे जुड़ो |
  169. अगर कोई भी व्यक्ति कहीं पूँजी लगाता है तो उसे आशा रहती है कि उसे पूँजी में कुछ बढ़ोत्तरी हो |अतः तुम्हारे माँ –बाप भी इसी उम्मीद से तुमपर पैसे खर्च करते हैं |
  170. आप अच्छा करें या बुरा ,आपकी आलोचना होती रहेगी |
  171. छोटे लोगों का जन्म ही बड़े लोगों की आलोचना करने के लिए हुआ रहता है |
  172. जो परिस्थितियाँ गुजर गई वो लौटकर नहीं आ सकती परन्तु आज से परिस्थितियों में केवल सुधार लाया जा सकता है |
  173. जो बीत गया ,वह लौटकर नहीं आ सकता परन्तु अभी से प्राप्त किया जा सकता है |
  174. जो तुम पुनः वापस प्राप्त नहीं कर सकते हो उसके बारे में सोचो ही नहीं |जिसे प्राप्त कर सकते हो उसे जी जान लगाकर प्राप्त कर लो |
  175. जो खो दिए हो उसकी चिंता छोड़ो ,जो प्राप्त कर सकते हो उसे प्राप्त कर लो |
  176. हम होंगे कामयाब एक दिन |
  177. इतिहास रीडर नहीं ,इतिहास क्रिएटर बनो |
  178. घुस देकर बना हुआ ऑफिसर कभी भी ईमानदार नहीं हो सकता है |
  179. जो ईमानदारी से ,घोर तपस्या करके किसी पद को हासिल किया है ,वो उस पद की अहमियत जानता है ,वह कभी भी भ्रष्टाचार नहीं कर सकता है |
  180. वकील कुमार यादव एक ऐसी हस्ती है जिसे कईयों ने दिग्भ्रमित करने की कोशिश की ,
  181. परन्तु दिग्भ्रमित करनेवाला ही दिग्भ्रमित हो गया और आज सडक पर घूम रहा है |
  182. कलयुग की अधिकांश लडकियाँ धोखेबाज होती हैं ,कईयों ने तोड़ा है दिल मेरा पर मेरा हौसला नहीं तोड़ पायी है |आज भी हमने पहले जैसी एक नई गर्लफ्रेंड पटाई है |
  183. छोटे दिलवाली लडकियों से कभी प्यार नहीं करनी चाहिए क्योंकि वह बहुत जल्दी धोखा दे देती है |
  184. जो विचार के छोटे होते हैं ,वे वजूद के भी छोटे होते हैं |
  185. मैं तुम्हें अनदेखा कर जिया हूँ ,परन्तु छोड़ा नहीं हूँ ,मुझे तुम्हारी जरूरत है अभी |
  186. जिन्दगी में फ़ास्टमूवर बनो ,
  187. स्लो मूवर का जमाना गया |
  188. मैं महत्वाकांक्षी हूँ ,परन्तु लालची नहीं |
  189. तुम जितना अधिक लड़कियों से प्यार करोगे उतना ही जल्दी मरोगे क्योंकि तुम उतना ही तनाव में तड़पोगे |
  190. कीमतहीन लड़की कभी भी तुम्हारे प्यार की कीमत नहीं पहचान सकती है ।
  191. मैं टुटा जरुर हूँ ,
  192. परन्तु बिखरा नहीं हूँ |
  193. जिनके घर बड़े होते हैं उनके वजूद छोटे होते हैं ,
  194. जिनके घर छोटे होते हैं उनके वजूद बड़े होते हैं |
  195. जितने ज्ञान इकठ्ठे किए हो उतने ज्ञान को दुनिया में ही छोड़ जाओ |ज्ञान लेकर मरने से बेहतर है कि दुनिया में बाँट जाओ |
  196. विजेता वही होता है जो कई परिस्थितियों से निपटते हुए लक्ष्य की प्राप्ति कर लेता है |
  197. बड़ा लक्ष्य बड़े तपस्या की मांग करता है |
  198. आदर्श परिस्थितियाँ कभी नहीं आती हैं ,विपरीत परिस्थितियों में ही संघर्ष कर मार्ग तैयार करना पड़ता है |
  199. विपरीत परिस्थितियों को टालना पड़ता है ,विपरीत परिस्थितियाँ स्वयं से नहीं टलती है |
  200. अगर तुम कामयाब नहीं हो तो कामयाब लोगों की इज्जत करो ,तुम्हारा बहुत कुछ काम आसान हो जाएगा |
  201. अपनी तारीफ सुनकर लोगों को बड़ी सुकून एवं आराम महसूस होता है ,अतः लोगों की तारीफ करना सीखें |
  202. सही मार्गदर्शन देकर आप मंदबुद्धि को भी बुद्धिमान बना सकते हैं |
  203. अगर ज्यादा प्यार करोगे तो ज्यादा धोखा भी खाओगे|
  204. पैसे की लालची लड़की कभी भी किसी एक पुरुष से प्यार नहीं कर सकती है |
  205. जो लडकी आसानी से न पटे तो समझ लीजिए कि उसके पास बॉयफ्रेंड्स की कमी नहीं है |
  206. दूसरों के लिए अपना कीमती समय बर्बाद मत करो क्योंकि दुसरे के पास तुम्हारे लिए समय नहीं है ,उसके पास सिर्फ बहाना है |
  207. जब लोग आपके भलाई की तुलना चंद सिक्कों से कर दे तो आप समझ जाइए कि उसे केवल सिक्के से लगाव है ,आपसे नहीं |
  208. जिन्दगी में तुम कभी भी किसी कीमतहीन व्यक्ति की मदद मत करना क्योंकि वह तुमसे हमेशा अपना काम निकलवाना चाहता है |
  209. गलत रास्ते से सही रास्ते पर आने में बहुत कम वक्त लगता है |अतः आप सही रास्ते पर कुच करें |
  210. लोग वर्षो की मजबूत रिश्तों को भी तोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें केवल सिक्के पसंद है |
  211. जो जैसा करता है दूसरों के बारे में वैसा ही सोचता है |जैसे चोर को दूसरा चोर ही नजर आता है |
  212. जो जैसा होता है यह दुनिया उसको वैसा ही नजर आता है |जैसे चोर को चोर ,अपराधी को अपराधी नजर आता है |
  213. जो लड़की सिक्कों से मोहब्बत करती हो उसे तुम्हारी क्या परवाह है ?
  214. अगर तुम स्वयं को खड़ा कर पाते हो तो
  215. दुनिया तुम्हारे साथ –साथ खड़ी होती है
  216. परन्तु गिर जाओगे तो
  217. दुनिया तुम्हें अपने पैरों तले कुचलेगी |
  218. तैरते हुए व्यक्ति को दुनिया देखती है
  219. जो डूब गया भला उसको कौन देखता है ?
  220. अतः तैरते रहो ,चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हो |
  221. धन का लालची व्यक्ति ठगने की फ़िराक में रहता है |
  222. जो खो गया छोड़ दो उसे
  223. जो शेष बचा है प्राप्त कर लो उसे |
  224. जो मुर्ख है उसे मुर्ख ही रहने दो ,उसे समझाने में अपनी उर्जा खत्म मत करो |
  225. दुसरे –तीसरे के पास घूम-घूमकर बक –बक वही करते हैं जिनके पास कोई काम –धंधा नहीं रहता है तथा जिनका दिमाग खाली रहता है |


संदर्भ[सम्पादन]



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